BJP Press Conference: भाजपा नेता पूर्व केंद्रीय मंत्री सांसद अनुराग ठाकुर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कांग्रेस पार्टी पर जमकर ज्यादा निशाना।
BJP Press Conference
कांग्रेस पार्टी बार बार लॉन्च करने करने की कोशिश करती है लेकिन फेल हो जाती है। बांग्रेस के आजादी के बाद एक नहीं बल्कि कई घोटाले सामने आए हैं। नेशनल हेराल्ड नेहरू जी ने शुरू किया लेकिन चल नहीं पाया है। लेकिन ऐसा क्या हुआ कि यांग इंडिया के नाम की कंपनी बनाई जाती है। 50 लाख का लोन कांग्रेस देती है। मात्र 50 लाख रुपए देकर 2000 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी ट्रांसफर हो जाती है। बाकी लोन माफ किया जाता है।
क्या कोई पार्टी लोन दे सकती है।
कुछ अखबार ऐसे होते हैं जो न तो छपता है न बिकता है न दिखता है। कई कांग्रेस के मुख्यमंत्री इस अखबार को विज्ञापन देते हैं। मेरे अपने राज्य में भी ऐसा ही है। हमारी सरकार इस अखबार को चांदी का सिक्का देती है।
ईडी ने फैक्ट्स एंड फिगर के साथ जानकारी दी है। कोई अखबार जो छप नहीं रहा है उसे पैसा दिया जा रहा है। राज्य की सरकार किस आधार पर विज्ञापन दे रहे हैं।
इनकी प्रॉपर्टी सब्सिडी वाली स्कीम पर दी गई। लेकिन कंपनी वहां से मोटा किराया ले रही है।
इनकी सरकार इस अखबार को विज्ञापन क्यों दे रही है।
आजादी से पहले का न्यूजपेपर है, 1000 से ज्यादा शेयर धारक थे।
अगर कांग्रेस को लोन माफ ही करना था, तो AJL की क्यों नहीं कि। यांग इंडिया को क्यों बनाया गया। इस कम्पनी के बाकी दो लोग आज इस दुनिया में नहीं है।

नेशनल हेराल्ड का नाम सुनते ही आज कांग्रेस पार्टी के पूरे इकोसिस्टम में छटपटाहट, कपकपाहट, धड़धड़ाहड, डगमगाहट, लड़खड़ाहट होने लगती है।
ऐसे sensation होने लाजमी भी है, क्योंकि चोरी करते हुए फिर से पकड़े जो गए हैं।आजादी के बाद आज तक अगर आप कांग्रेस का इतिहास देखेंगे तो एक नहीं बल्कि अनेक घोटाले सामने आए हैं।
लेकिन ये (नेशनल हेराल्ड) अपने आप में एक ऐसा मॉडल है, जो किसी के गले नहीं उतर रहा है।
यंग इंडियन ने मात्र 50 लाख रुपये में 2,000 करोड़ रुपये की संपत्ति हासिल की। कांग्रेस पार्टी ने शेष राशि को माफ कर दिया। पहला सवाल जो उठता है, वह यह है कि क्या कांग्रेस पार्टी के पास ऋण देने का अधिकार है? दूसरा यह है, क्या वे इस पर कोई ब्याज कमा रहे थे? आमतौर पर, अखबार कागज पर छपते हैं, लेकिन नेशनल हेराल्ड एक अखबार था जो केवल कागजों पर अस्तित्व में था।
यह एक व्यंग्यात्मक टिप्पणी है जो नेशनल हेराल्ड घोटाले के बारे में है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि कांग्रेस पार्टी ने अपने नेताओं को लाभ पहुंचाने के लिए अवैध रूप से संपत्ति हासिल की।
अब सवाल खड़ा होता है कि क्या कांग्रेस पार्टी लोन दे सकती है? लोन दिया था, तो क्या उसपर ब्याज लिया जाता था?
नेशनल हेराल्ड नेहरू जी ने 1938 में शुरू किया था, वो चल नहीं पाया।
लेकिन AJL के लिए ऐसी कौनसी मजबूरी हो गई कि उसको बचाने के लिए Young Indians के नाम से एक कंपनी बनाई गई, और उसमें भी एक परिवार को 76% हिस्सेदारी दी जाए।
और Young Indians को बनाने के लिए 50 लाख का लोन भी कांग्रेस ने ही दिया।
दूसरी ओर AJL पर कांग्रेस का 90 करोड़ का कर्ज है।
ये संपत्ति 2 हजार करोड़ की है।
और मजेदार बात ये है कि 2,000 करोड़ की ये संपत्ति मात्र 50 लाख रुपये में Young Indians के नाम हो जाती है।
बकाया 89.50 करोड़ रुपये कांग्रेस माफ कर देती है।

अखबार कागज पर छपता है।
लेकिन कुछ कागजी अखबार भी होते हैं, जो छपते भी नहीं, बिकते भी नहीं, बंटते भी नहीं, दिखते भी नहीं और पढ़े भी नहीं जाते, ये उनमें से एक है।
कांग्रेस के राज्यों मुख्यमंत्री इसके लिए विज्ञापन देते हैं, वो ये विज्ञापन किस आधार पर देते हैं?
मेरे अपने राज्य हिमाचल प्रदेश में बड़े-बड़े दैनिक अखबारों को चवन्नी मिलती है, वहीं नेशनल हेराल्ड को चांदी के सिक्के मिलते हैं।
यह एक अखबार था जो स्वतंत्रता से पहले स्थापित किया गया था, जिसमें 1,000 से अधिक शेयरधारक थे। अगर कांग्रेस पार्टी ऋण को माफ करना चाहती थी, तो एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) का ऋण सीधे क्यों नहीं माफ किया गया? यंग इंडियन बनाने की क्या आवश्यकता थी, जिसमें 76% शेयर एक ही परिवार के पास थे? कांग्रेस के दो पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्षों के पास 36% हिस्सेदारी थी, जिससे पारदर्शिता और इरादे पर गंभीर सवाल उठते हैं।
यह टिप्पणी नेशनल हेराल्ड घोटाले के बारे में है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि कांग्रेस पार्टी ने अपने नेताओं को लाभ पहुंचाने के लिए अवैध रूप से संपत्ति हासिल की और ऋण को माफ किया।
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