महंगाई पर सियासत में जनता का निकलता जनाजा

नई दिल्ली। मैं कितनी बार और मरूँ ?जब तूने छोड़ दिया था,तब ही मैंने साँसों से नाता तोड़ लिया था।दिखता नही तुझे ये तो,मैं क्या करूँ ?बता दो दुनियाँ वालों …

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