3 New Criminal Laws: अपराजिता कानून अनाधिकृत कार्यवाही,नई न्याय संहिता पर्याप्त – अर्जुन राम मेघवाल

3 New Criminal Laws: नई दिल्ली: वूमेन जर्नलिस्ट ट्रस्ट की तरफ से दिल्ली के अंबेडकर सेंटर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमे केंद्रीय कानून कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और दिल्ली पुलिस की स्पेशल सीपी छाया शर्मा ने हिस्सा लिया ।कानून राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने शुक्रवार को वोमेन जर्नलिस्ट वेलफेयर ट्रस्ट के कार्यक्रम में पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में यह बात कही। कानून मंत्री ने कहा कि कोलकाता की जो घटना हुई है वह देश को शर्मसार करने वाली है।

3 New Criminal Laws

इस मामले में ममता बनर्जी ने पहले प्रधानमंत्री को पत्र लिखा और फास्ट ट्रैक कोर्ट स्थापित करने की बात कही जिसका जवाब उन्हें केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री ने भेजा और बताया कि देश भर में फास्ट ट्रैक कोर्ट हैं लेकिन आपने ही फास्ट ट्रैक कोर्ट स्थापित नहीं किये हैं। इसके बाद उन्होंने दूसरा पत्र लिखा कि विशेष फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाए जाएं और कानून कड़ा किया जाए। फिर ये कानून पारित किया। मेघवाल ने ममता बनर्जी के कानून को अनधिकृत रूप से की गई कार्रवाई का इशारा किया। उन्होंने कहा कि कोई सुझाव आए तो वह एक अलग बात होती है। संविधान में तीन सूचियां हैं। एक केंद्रीय सूची है, दूसरी राज्य सूची है और तीसरी समवर्ती सूची है उसमें विषय तय हैं। उन्होंने केरल का उदाहरण देते हुए कहा कि एक बार केरल ने क्या किया कि हम विदेश सचिव नियुक्त करेंगे लेकिन वो विदेश सचिव तो नहीं नियुक्त कर सकते, इसी तरह का प्रयास बंगाल सरकार ने करने की कोशिश की है।

इससे पहले कानून मंत्री ने नये आपराधिक कानूनों में महिला सुरक्षा विषय पर बोलते हुए नये कानूनों की खूबियां गिनाईं कि किस तरह महिलाओं की सुरक्षा में नये कानून महत्वपूर्ण और प्रभावी हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि नये कानून में कहीं से भी जीरो एफआइआर और आनलाइन एफआइआर की व्यवस्था है ऐसे में पहले की तरह एफआइआर लिखाने के लिए एक महिला को एक थाने से दूसरे थाने नहीं जाना पड़ेगा वह अपने घर में कंप्यूटर खोल कर एफआइआर दर्ज करा सकती है। उन्होंने कहा कि नये कानूनों को बनाने से पहले काफी परामर्श किया गया। न्यायाधीशों से सभी राज्यों से बार काउंसिल से सभी से परामर्श हुआ इसके बाद संसद की कमेटी ने उस पर विचार किया उसके बाद तीन नये कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम आए और एक जुलाई से लागू भी हो गए हैं। नये कानूनों में तकनीक का उपयोग किया गया है। तकनीक का उपयोग नहीं करेंगे तो जल्दी न्याय कैसे दे पाएंगे।

स्पेशल सीपी छाया शर्मा ने बताया कैसे फायदेमंद है 3 नए कानून

दिल्ली पुलिस की स्पेशल पुलिस कमिश्नर (ट्रेनिंग) छाया शर्मा ने दंड संहिता और न्याय संहिता की तुलना करते हुए नए कानूनों की खूबियां गिनाते हुए कहा कि इन कानूनों का उद्देश्य दंड से न्याय की ओर ले जाना है। इसका मतलब यह नहीं है कि दंड नहीं होगा। इसमें दंड तो सख्त किया ही गया है लेकिन न्याय भी सुनिश्चित करने की बात है।

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सीपी छाया शर्मा ने बताया की नये कानून में जीरो एफआईआर, ईएफआईआर के साथ पीड़ित को 14 दिन में एफआइआर की कापी मिलना। तय समय में जांच और ट्रायल की बात कही गई है। नये कानूनों में सात साल या ज्यादा सजा के अपराध में फोरेंसिक जांच अनिवार्य की गई है और डिजिटल साक्ष्यों को मान्यता दी गई है। इन कानूनों से पुलिस पर काफी जिम्मेदारी आ गई है साथ ही भी हैं जैसे पुलिस में मैन पावर कम है। इसके अलावा माइंड सेट भी बदलना होगा।

गौरतलब है कि स्पेशल सीपी छाया शर्मा ने बताया इस नए कानून के जरिए महिलाओं को न्याय जल्दी मिलेगा और देश के सभी नागरिकों को इससे फायदा होगा । बड़े हो आसान भाषा में स्पेशल सीपी छाया शर्मा ने तीन नए कानून के बारीकियों को समझाया। जिस तरह से स्पेशल सीपी ने तीन नए कानून के बारीकियो को समझाया कार्यक्रम में आए तमाम लोगों को काफी प्रभावित किया ।

सुप्रीम कोर्ट के वकील वरुण चुघ ने नये कानून में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए किये गए उपायों की जानकारी दी।वकील शगुन चुघ ने लव जिहाद और बालिकाओं के साथ किए जाने वाले यौन अपराधों के नए कड़े कानूनों के बारे में बताया ।

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Reported By: Mamta Chaturvedi