चमोली, उत्तराखंड। चिपकों की भूमि रैणी गांव में 48 वी वर्षगांठ का भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम के आयोजन से पूर्व रैणी गांव में गोरा देवी की मूर्ति को स्थापित किया गया। पिछले वर्ष आई आपदा के दौरान गोरा देवी की मूर्ति को तहसील परिसर में रखा गया था। ग्रामीणों के द्वारा गांव मे ही गोरा देवी की प्रतिमा को स्थापित किया। कार्यक्रम में सीमांत क्षेत्र की महिलाओं के द्वारा झूमेलो, चांचडी व पर्यावरण पर आधारित कार्यक्रम की प्रस्तुति दी गई। इस दौरान चिपको आन्दोलन के अहम भूमिका निभाने वाली महिलाओं को भी सम्मानित किया गया। जिसमें बाली देवी, डोका देवी, उखा देवी, कल्ली देवी, जूठी देवी, मंगूली देवी जूठेली देवी को सम्मानित किया गया।
आन्दोलन के दौरान गोरा देवी के साथ देने वाली बाली देवी का कहना है कि जब गांव में पेड़ों को काटने के लिये ठेकेदार गांव मे पहुंचे तो गांव की महिलाओं ने एकजुट होकर पेड़ों से चिपक कर ठेकेदार को अपने गांव के जगलों से बाहर किया। आज भी वे यादें ताजी हैं। आयोजन समिति के पुष्कर सिह का कहना है कि चिपको आन्दोलन की वर्ष गांठ के अवसर पर हवन कर गोरा देवी की मूर्ति को गांव में स्थापित किया गया। कार्यक्रम मे मुख्य अतिथि डा0 यूएस रावत ,रामकृष्ण रावत, शंकर सिह रावत, जोशीमठ महाविद्यालय के प्राचार्य बीएस खाली, ग्राम प्रधान भवान सिह, नंदा देवी नेशनल पार्क की वनाक्षेत्राधिकारी चेतना कांडपाल, ब्लाॅक प्रमुख हरीश परमार, ठाकुर सिह राणा, लक्ष्मण फरकिया, सहित कई लोग मौजूद थे।
चमोली से देवेन्द्र सिंह रावत की रिपोर्ट