Himachal Politics: हिमाचल प्रदेश की राजनीति में कांग्रेस के 6 विधायकों को बगावत करना काफी महंगा पड़ गया। स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने गुरुवार को कांग्रेस के 6 विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया।
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Himachal Politics: कांग्रेस के इन्हीं 6 विधायकों ने राज्यसभा चुनाव में पार्टी लाइन के खिलाफ जाकर भाजपा के प्रत्याशी हर्ष महाजन के पक्ष में वोटिंग कर अभिषेक मनोज सिंघवी की हार की इबादत लिखी थी। स्पीकर कुलदीप पठानिया ने उन्हें वीआईपी के उल्लंघन करने के मामले में यह फैसला सुनाया है इस फैसले से हिमाचल विधानसभा का भी नंबर गेम बदल गया है लेकिन अब बड़ा सवाल यही है कि भाजपा और कांग्रेस किसके लिए यह फायदेमंद होगा?
राज्यसभा चुनाव के दौरान क्रॉस वोटिंग करने वाले कांग्रेस के 6 विधायक सुधीर शर्मा, इंद्र दत्त लखनपाल, राजेंद्र राणा ,रवि ठाकुर चैतन्य शर्मा और देवेंद्र भुट्टो थे। हिमाचल प्रदेश की विधानसभा में बुधवार को बजट सत्र के दौरान व्विप नहीं मानने के कारण कांग्रेस के 6 विधायकों को अयोग्य ठहराने के लिए संसदीय मंत्री हर्षवर्धन चौहान की ओर से स्पीकर से गुहार लगाई गई। स्पीकर कुलदीप पठानिया ने दल बदल कानून के तहत 6 विधायकों को आयोग घोषित कर दिया। हालांकि आरोग्य कर दिए गए विधायक स्पीकर पठानिया के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दे सकते हैं।
अब आईए जानते हैं कि हिमाचल का समीकरण क्या है? हिमाचल प्रदेश विधानसभा में 68 सीटें हैं जिसमें कांग्रेस के पास 40 सीटे हैं जबकि भाजपा के 25 विधायक हैं। इसके अलावा तीन निर्दलीय विधायक है बहुमत के लिए 35 विधायकों का समर्थन होना अनिवार्य है अब स्पीकर की ओर से विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने के बाद विधानसभा के नंबर गेम में भी फिर बदला हुआ है नई समीकरण के हिसाब से अब सदन में कुल 62 विधायक हैं जिसमें कांग्रेस के पास 34 है और भाजपा के पास 25 विधायक है इनके अलावा तीन निर्दलीय विधायक भी हैं अब बहुमत का आंकड़ा 32 हो गया है।
नए समीकरण के हिसाब से कांग्रेस के पास अब 34 विधायकों का समर्थन है जिसके चलते सुख सरकार पर अभी तक कोई संकट नहीं है कांग्रेस निर्दलीय विधायकों के समर्थन के बिना ही कांग्रेस बहुमत साबित कर सकती है कांग्रेस के पास 34 विधायकों का समर्थन है।
दूसरी तरफ बजट सत्र के दौरान विधानसभा स्पीकर ने सदन में नारेबाजी और कठिन कथाचार के लिए भाजपा के 15 विधायकों को निष्कासित कर दिया भाजपा के 15 विधायकों के निष्कासित और कांग्रेस के 6 विधायकों को आयोग ठहराए जाने सदन में संख्या 47 रह गई है। और बहुमत का आंकड़ा 24 होता है। हालांकि बजट पेश होने के बाद विधानसभा को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई है। बीजेपी के 15 विधायकों का निष्कासन कितने समय के लिए किया गया है। यह अभी तय नहीं है।
अगर हाई कोर्ट से राहत नहीं मिलती और स्पीकर कुलदीप पठानिया का फैसला कायम रहता है तो इन 6 विधानसभा सीटों पर फिर से उपचुनाव कराया जा सकते हैं। उपचुनाव में भाजपा अगर सभी सीटों को जीतने में कामयाब रहती है तो कांग्रेस सरकार की टेंशन बढ़ जाएगी। भाजपा अपने और निर्दलीय विधायकों के साथ 34 के आंकड़े पर पहुंच जाएगी जबकि कांग्रेस की संख्या 34 रह जाएगी जिसमें से एक स्पीकर भी शामिल है। इस तरह से भाजपा के पास 34 और कांग्रेस के पास 33 हो जाएगा और यही वजह है कि उपचुनाव होने की सूरत में सारी कोशिश ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतने की होगी ताकि राज्य की सत्ता पर दबदबा बना रहे।
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