Lok Sabha Election 2024: पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भाजपा – रालोद गठबंधन ने बदल दिए हैं सियासी समीकरण, रालोद गठबंधन और राम लला प्राण प्रतिष्ठा ने बदल दी है चुनावी हवा।
Lok Sabha Election 2024
Lok Sabha Election 2024: पश्चिमी उत्तर प्रदेश की 8 सीटों पर 19 अप्रैल को मतदान है । इनमें से ज्यादातर जाटलैंड और गन्ना लैंड में आती हैं ।पश्चिमी उत्तर प्रदेश की सीमाएं दिल्ली ,हरियाणा और हिमाचल प्रदेश से जुड़ी है । यहां जाट, गुजर और मुस्लिमों की बहुलता है । पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सपा रालोद गठबंधन के कारण 15 सीटों पर नुकसान उठाना पड़ा था । अब बदले हालात में क्या कहता है पश्चिमी उत्तर प्रदेश ये जानने के लिए हमारी संवाददाता ममता चतुर्वेदी ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के ज़मीनी हालात का जायजा लिया ।
अठारहवीं लोकसभा के पहले चरण के मतदान में पश्चिमी उत्तर प्रदेश की आठ सीटों पर मतदान होगा । पहले चरण में सहारनपुर , कैराना , मुजफ्फरनगर, बिजनौर ,नगीना , मुरादाबाद , रामपुर और पीली पीलीभीत में चुनाव है । लगभग दो साल पहले जब उत्तर प्रदेश में फरवरी 2022 में विधानसभा चुनाव हुए थे तो पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाटों और किसानों में रोष था । किसान आंदोलन का इसर साफ दिखायी दे रहा था ।समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल गठबंधन था भाजपा को पूरे राज्य 130 सीटों पर नुकसान उठाना पड़ा था ।
पिछले विधानसभा चुनाव में 2017 में कुल 403 सीटों में से भाजपा को 325 सीटें मिलीं थीं जबकि 2022 में 52 सीटें कम हो गयीं । इनमें से 15 सीटें पश्चिमी उत्तर प्रदेश की थीं । पिछले दो। साल में यूपी में राजनीतिक गठबंधन और समीकरण बदल गए हैं । विधानसभा चुनाव में पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाटों की बड़ी बड़ी खापें हो रही थीं किसान नेता राकेश टिकैत और रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी के बयान लोगों के लिए मायने रखती थी। सपा का मुस्लिम वोट बैंक और रालोद का जाट और किसान वोट बैंक एक तरफ था और भाजपा का अपने परंपरागत वोट बैंक एक तरफ ।
विधानसभा चुनाव परिणामों से भाजपा ने सबक लिया और दो साल में अपने समीकरण साध लिए । दिल्ली की गद्दी का रास्ता यूपी से होकर जाता है इसलिए भाजपा ने यूपी में 80 में से 80 का लक्ष्य रखा है ।यूपी में इसी बीच राम लला की प्राण प्रतिष्ठा हो गयी । तीनों किसान विधेयक सरकार ने वापस ले लिए और लोकसभा चुनावों की घोषणा से पहले यूपी के सबसे बड़े किसान नेता चौधरी चरण सिंह के परिवार को साध लिया । खासकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में तो देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को लोग मसीहा की तरह पूजते हैं ।जब उनको केंद्र सरकार ने भारत रत्न दिया तो पश्चिमी उत्तर प्रदेश की हवा बदल गयी । उनके पोते और वर्तमान रालोद अध्यक्ष ने तुरंत ट्वीट किया — दिल जीत लिया । दिल ही जीत लिया तो फिर बाकी क्या बचा कुछ दिन बाद जयंत चौधरी एनडीए गठबंधन का हिस्सा बन गए ।
विधानसभा चुनाव में जहां रालोद का हैंड पंप और सपा की साइकिल चुनावी पोस्टरों , बैनरों और झंडे में एक साथ दिखते थे । दिल्ली से निकल कर जैसे ही आप बागपत की तरफ बढ़ते हैं तो समझ आ जाता है कि रालोद – भाजपा गठबंधन का असर क्या है । बागपत इलाके के घरों पर पार्टी के झ़ंडों के बजाए भगवान राम और हनुमान जी की पताकाएं लहरा रही हैं । कहीं कहीं बसपा के रंग उतर चुके झंडे दिखायी देते हैं । बड़े चुनावी होर्डिंग्स जहां लगे हैं वहां होर्डिंग्स का पूरा बैकग्राउंड भगवा है एक तरफ जयंत चौधरी और उनके चुनाव निशान हैंडपंप की तस्वीरें और दूसरी तरफ प्रधानमंत्री मोदी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तस्वीरें हैं । रालोद का हैंडपंप अब भाजपा के कमल को सींच रहा है । निश्चित तौर पर भाजपा के कमल अब पश्चिमी यूपी में पहले से ज्यादा खिलेंगे।
दिल्ली से बागपत जाते हुए यदि आप किसी एक बहुत साधारण व्यक्ति से बात करते हो तो वो आपको ठेठ पश्चिमी यूपी वाले अंदाज में कहेगा – हम तो जी मोद्दी कू ही बोट देंगें । क्यों उनको ही क्यों — देखो जी चोर– चकारी ,लूटपाट , गुंडागर्दी बंद हो गयी है । बहन बेटी किसी टाईम बाहर जाएं किसी की हिम्मत नहीं कुछ कह दे । और जी मोदी जी राशन भी देते हैं । आपका उम्मीदवार कौन है — पता नहीं जी हम तो बस मोदी को जानते हैं ।
ये हाल केवल बागपत का नहीं पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश का है । भाजपा रालोद गठबंधन के कारण वोटों का ध्रुवीकरण हो गया है । लेकिन मुस्लिम मतदाताओं ने अब अपनी रणनीति बदल ली है । मुस्लिम मतदाता अब खुले आम मोदी योगी का विरोध नहीं करता है । योगी के राज की और प्रधानमंत्री मोदी के काम की जी भर कर प्रशंसा करते हैं । ये प्रशंसा वोट बैंक में कितनी तबदील होगी ये देखना बाकी है । ये केवल मुस्लिम रणनीति का हिस्सा है या वाकई दिल बदल गया है ।
हर मुस्लिम ये भी कहता है कि मोदी योगी का सब कुछ बहुत अच्छा है लेकिन हिंदु मुस्लिम हिंदु मुस्लिम का राग बंद होना चाहिए । एक और जो बड़ा बदलाव यहां देखने को मिला वो ये है कि अब मुस्लिम नेताओं में रामायण की चौपाइयां और प्रसंग याद कर लिए हैं । वे भी अब कहते हैं कि वे राम जी के वंशज है क्योंकि उनके पुरखे तो हिंदु ही थे । राम मंदिर बनने का भी वे विरोध नहीं करते हैं कहते हैं बहुत अच्छा है जब देश की सबसे बड़ी अदालत का आदेश है तो हम भारत के नागरिक होने के नाते कानून का बात मानेंगे ।
आज से दो तीन साल पहले मुस्लिम नेता ऐसी बात नहीं करते थे । उनकी भाषा ही बदल गयी है । सहारनपुर जिले के देवबंद में दुनिया की सबसे बड़ी यूनिवर्सिटी दारुल उलूम है । रमजान के अंतिम शुक्रवार को यहां अलविदा जुमे की नमाज में हजारों लोग इकट्ठे हुए जिनमें युवा ज्यादा थे। इंडियापोस्ट न्यूज़ ने जब नमाज के बाद बाहर निकल रहे युवाओं से बात की तो कुछ युवाओं ने माना की प्रधानमंत्री मोदी बहुत अच्छा काम कर रहे हैं दुनिया में भारत का नाम रोशन कर रहे हैं । मुसलमानों को भी घर, राशन सब कुछ दे रहे हैं । भीड़ में से कुछ लोग इन पर झपटते हैं और कहते हैं सपा सरकार भी बहुत अच्छी थी । भले ही भाजपा ने रालोद के साथ गठबंधन में रालोद को केवल दो सीटें दी हैं लेकिन इसका असर पूरी यूपी विशेषकर पश्चिमी यूपी में हैं । भाजपा पहले से बेहतर स्थिति में है । बसपा भी चुनाव मैदान में है लोगों का मानना है बसपा के उम्मीदवार का फायदा भाजपा को होगा ।
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Reported By:- Mamta Chaturvedi/ Special Correspondent