UP Maha Kumbh Mela: सबसे पहला कुंभ कब हुआ था,प्राचीन धर्म ग्रंथों में भी मिलता है कुंभ पर्व का उल्लेख

mahaKumbh Mela 2025

UP Maha Kumbh Mela: कुम्भ मेला भारत में आयोजित होने वाला एक विशाल मेला है करोड़ो श्रद्धालु हर बारहवें वर्ष में प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में से किसी एक स्थान पर एकत्र होते हैं और नदी में पवित्र स्नान करते हैं।

UP Maha Kumbh Mela

प्रत्येक 12 वें वर्ष के अतिरिक्त प्रयागराज में दो कुंभ पर्वों के बीच छह वर्ष के अन्तराल में अर्धकुम्भ भी होता है। हालांकि इसका अर्थ कुंभ आयोजन या कुंभ पर्वों से ना होकर जल-प्रवाह या घड़ा आदि से है. आइए समझते हैं कुंभ मेले के बारे में

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प्रचान ग्रंथों में कुंभ मेले का जिक्र


प्रचीन ग्रंथों में कुंभ मेले का उल्लेख मिलता है। पौराणिक कथाओं के मुताबिक, कुंभ मेले का आयोजन समुद्र मंथन के बाद से ही हो रहा है। मेले का आयोजन 12 साल में होता है। और कुभ मेले का आयोजन चार स्थानों पर होता है हरिद्वार, प्रायागराज, उज्जैन और नासिक। प्रयागराज और हरिद्वार में हर छह साल में अर्ध-कुंभ मेला लगता है। कुंभ मेले को भारत का सबसे बड़ा तीर्थ माना जाता है। साल 2017 में कुंभ मेले को यूनेस्को की मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची में शामिल किया गया था।

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कुंभ मेले से जुड़ी मान्यताएं

  • कुंभ मेले में स्नान करने से अमृत का पान होता है और मोक्ष मिलता है।
  • कुंभ मेले में संन्यासी अखाड़ों का स्थापना हुई थी।

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। indiapostnews.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है।

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