Jammu Tavi Railway Station: यात्रियों की सुविधा और संचालन में सुधार के लिए बड़ा कदम

Jammu Tavi Railway Station: नई दिल्ली, 17 जनवरी, 2025 उत्तर रेलवे जम्मू तवी रेलवे स्टेशन पर एक बड़ा आधुनिकीकरण प्रोजेक्ट कर रहा है। इसका उद्देश्य यात्रियों की सुविधा, सुरक्षा, बेहतर कनेक्टिविटी और संचालन में सुधार करना है। भविष्य में, जम्मू तवी रेलवे स्टेशन जम्मू-कश्मीर घाटी में ट्रेन संचालन को और बेहतर तरीके से संभालने के लिए तैयार होगा।

Jammu Tavi Railway Station

जम्मू तवी यार्ड के आधुनिकीकरण के लिए शुरू किया गया काम 6 मार्च 2025 तक पूरा करने की योजना है। यार्ड का पुनर्विकास लगभग पूरा हो चुका है और नॉन-इंटरलॉकिंग का काम भी जल्द खत्म हो जाएगा। यार्ड का यह काम जम्मू तवी स्टेशन के पुनर्विकास का एक चुनौतीपूर्ण और कठिन काम था, लेकिन इसके पूरा होने के बाद स्टेशन का पुनर्विकास तेजी से होगा। इस बड़े अपग्रेडेशन प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत 450 करोड़ रुपये है।

जम्मू तवी यार्ड पुनर्निर्माण प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश्य:

वर्तमान में 3 प्लेटफार्मों को बढ़ाकर 7 प्लेटफार्म बनाना।
चार नए प्लेटफार्मों का निर्माण करना, जो अत्याधुनिक बैलास्टलेस ट्रैक तकनीक से लैस होंगे।
प्लेटफार्मों पर संचालन को सुचारू बनाना और सफाई सुनिश्चित करना।

वर्तमान में 3 प्लेटफार्म हैं, उन्नयन के बाद 7 प्लेटफार्म होंगे।
प्रत्येक प्लेटफार्म पर धोने योग्य एप्रन होंगे, जो स्वच्छ वातावरण में योगदान देंगे।

यात्री सुविधाओं में सुधार

दो नए 12 मीटर चौड़े फुटओवरब्रिज का निर्माण, ताकि यात्रियों को आसानी से प्लेटफार्मों तक पहुंच मिल सके।

सातों प्लेटफार्मों को जोड़ने के लिए 72 मीटर चौड़ी एयर कॉन्कोर्स का निर्माण, जिससे प्लेटफार्मों के बीच सुगम आवाजाही होगी और यात्री प्रवाह में सुधार होगा।

नरवाल साइड पर 4,500 वर्ग मीटर का नया स्टेशन बिल्डिंग बनाए जाने की योजना

मुख्य स्टेशन बिल्डिंग का उन्नयन कर उसे 15,600 वर्ग मीटर की आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाएगा।

सिग्नल कंट्रोल रूम को नए भवन में स्थानांतरित किया जाएगा।

क्षमता में वृद्धि:

धुलाई पिट लाइनों की संख्या 3 से बढ़ाकर 5 की जाएगी, जिससे अधिक ट्रेनों को संभालने की क्षमता बढ़ेगी।

चार और स्टेबलिंग लाइनों के निर्माण से जम्मू तवी स्टेशन की क्षमता बढ़ेगी, जिससे अधिक ट्रेनों का संचालन हो सकेगा।
ट्रेनों का शंटिंग करना और भी आसान होगा।
इस उन्नयन के बाद पार्सल साइडिंग भी कार्यशील होगी।

ट्रैक लेआउट का आधुनिकीकरण:

पुरानी मैकेनिकल इंटरलॉकिंग प्रणालियों को उन्नत इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग से बदलना, ताकि सुरक्षा और दक्षता में सुधार हो सके।

इस आधुनिकीकरण से यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा में महत्वपूर्ण सुधार होगा, संचालन की दक्षता बढ़ेगी, और क्षेत्र के समग्र विकास में योगदान होगा।

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