Maha Kumbh Mela 2025: महाकुंभ में मेडिटेशन सेंटर चलाने वाली माउंट आबू की ब्रह्माकुमारी संस्था के पंडाल में चैतन्य देवियों की झांकियां बेहद खास हैं मन मोह लेगी चैतन्य देवियां।
Maha Kumbh Mela 2025
प्रयागराज महाकुंभ में तमाम साधु संत महात्माओं के शिविर लगे हैं लेकिन इन शिविरों में ब्रह्माकुमारी शिविर बेहद अनूठा है। यहां पर तमाम ऐसी चीजें आपको देखने को मिलेगी जो जीवन दर्शन और अध्यात्म के साथ सामाजिक संदेश भी देती है इस पंडाल का सबसे बड़ा आकर्षण चैतन्य देवियों की झांकी है। इस झांकी में देवी के नौ स्वरूपों को प्रदर्शित करने में किसी पुतले का इस्तेमाल नहीं किया जाता, बल्कि कुंवारी कन्याएं साढ़े तीन घंटे तक चैतन्य अवस्था में बिना हिले डुले इस तरह विराजमान रहती हैं कि किसी को पल भर के लिए भी यह एहसास नहीं हो सकता कि यहां पुतले नहीं बल्कि जीवंत कन्याएं चैतन्य स्वरूप में हैं।
ऐसे सजा है ब्रह्मकुमारी पंडाल
ब्रह्मकुमारी का यह पंडाल महाकुंभ क्षेत्र के सेक्टर सात में लगाया गया है। पंडाल में दाखिल होते ही इसके बेहद भव्य और अनूठे होने का एहसास होने लगता है। पंडाल के मुख्य द्वार पर दाहिनी तरफ सबसे आगे भारत माता की झांकी सजाई गई है। यहां भारत माता का एक बड़ा सा चित्र है। देश का नक्शा है और उस जगह पर शान से लहराता हुआ भारत का राष्ट्रीय ध्वज है। इसके ठीक बगल एक होलोग्राम रूम है. इस डिजिटल होलोग्राम को देखकर लोग खुद को नियंत्रित कर सकते हैं. इसके बाहर तमाम पक्षियों और जानवरों के साथ ही कई अन्य ऐसी आकृतियां भी हाईटेक अंदाज में तैयार की गई हैं जो एक्शन में दिखती हुई नजर आती हैं।
झांकी के लिए लगी बड़ी स्क्रीन
यह इतनी तन्मयता के साथ यहां विराजमान होती हैं कि एक पल के लिए भी हिलती डुलती नहीं है। यानी अगर किसी को यह ना बताया जाए कि यहां पुतले नहीं, बल्कि जीती जागती कन्याएं हैं तो कोई ना तो यकीन कर पाएगा और ना ही इस बारे में कल्पना कर सकेगा। चैतन्य देवियों की इस झांकी को दिखाने के लिए यहां एक बड़ी सी स्क्रीन भी लगाई गई है। इस शो को देखने के लिए रोजाना बड़ी संख्या में लोग आते हैं। ब्रह्माकुमारी संस्था की मीडिया कोऑर्डिनेटर शुभांगी के मुताबिक चैतन्य देवियां साढ़े तीन घंटे तक मेडिटेशन के नियमित अभ्यास की वजह से ही एकाग्र होकर बैठ पाती हैं।
झांकियां बेहद कलरफुल और आकर्षक
दूसरे पार्ट में यह दिखाया गया है कि हम किस तरह से बुराइयों से दूर हो सकते हैं और किस तरह हमें आदर्श इंसान बनकर अपनी जिम्मेदारी को निभाना चाहिए। तीसरे पार्ट में यह दिखाने की कोशिश की गई है कि अगर हमने मनुष्य धर्म को निभाया तो फिर से रामराज्य स्थापित हो सकता है। हमारा देश स्वर्णिम भारत बन सकता है और हमारा समाज स्वर्ग सरीखा हो सकता है। दूसरे और तीसरे पार्ट को भी एक-एक दर्जन झांकियां के जरिए बेहद खूबसूरती के साथ दिखाया गया है। यह झांकियां बेहद कलरफुल और आकर्षक हैं।
इसके अलावा यहां मनुष्य की तमाम सामाजिक बुराइयों और इनसे दूर होने के उपायों के साथ ही रामराज्य आने की परिकल्पना से जुड़ी हुई झाकियों की पूरी सीरीज भी प्रदर्शित की गई है। यह झांकियां इतनी मन मोह लेने वाली हैं कि यहां पहुंचने के बाद एक पल के लिए भी नजर नहीं हटती। इस पंडाल को देखने के लिए रोजाना हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं के साथ ही प्रयागराज के आम लोग भी पहुंच रहे हैं।
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