Uttar Pradesh Outsource Service Corporation: आउटसोर्सिंग कार्मिकों के लिए ऐतिहासिक कदम, यूपी में बनेगा ‘आउटसोर्स सेवा निगम’

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Uttar Pradesh Outsource Service Corporation: मुख्यमंत्री योगी का बड़ा फैसला: श्रमिकों को मिलेगा समय पर वेतन, सामाजिक सुरक्षा और सम्मान,हर माह 5 तारीख तक वेतन भुगतान और ईपीएफ-ईएसआई की समयबद्ध जमा अनिवार्य

मुख्यमंत्री के निर्देश पर ‘UPCOS’ करेगा पारदर्शी चयन और एजेंसियों की सख्त निगरानी

एससी/एसटी, ओबीसी, महिलाओं, दिव्यांगों, पूर्व सैनिकों को मिलेगा आरक्षण; परित्यक्ता और निराश्रितों को भी प्राथमिकता

तीन साल के लिए जेम पोर्टल से होगा एजेंसी चयन, वर्तमान कार्मिकों को मिलेगा अनुभव का वेटेज

आउटसोर्सिंग एजेंसियों की मनमानी पर लगेगा अंकुश, नियम उल्लंघन पर ब्लैकलिस्टिंग और दंड

निगम से आएगा लाखों श्रमिकों के जीवन में स्थायित्व, भरोसा और पारदर्शिता

Uttar Pradesh Outsource Service Corporation

लखनऊ, 03 जुलाई:
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के लाखों आउटसोर्सिंग कार्मिकों के श्रम अधिकारों, पारिश्रमिक और सामाजिक सुरक्षा की रक्षा के लिए एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है। उन्होंने “उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम (UPCOS)” के गठन को मंजूरी दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह निगम प्रशासनिक व्यवस्था में पारदर्शिता लाने के साथ-साथ आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के जीवन में स्थायित्व और भरोसा सुनिश्चित करेगा।

गुरुवार को सम्पन्न उच्चस्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री ने प्रस्तावित निगम की कार्यप्रणाली, संरचना और दायरे पर विस्तृत विचार-विमर्श करते हुए वरिष्ठ अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार श्रमिकों के श्रम, सम्मान और अधिकारों की रक्षा के लिए कृतसंकल्पित है और आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के सामाजिक व आर्थिक हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान व्यवस्था में आउटसोर्सिंग एजेंसियों का चयन विकेन्द्रीकृत तरीके से होता है, जिसके कारण समय पर वेतन न मिलना, वेतन में कटौती, ईपीएफ/ईएसआई लाभों से वंचित रहना, पारदर्शिता की कमी और उत्पीड़न जैसी अनेक शिकायतें मिलती हैं। इस परिप्रेक्ष्य में संपूर्ण व्यवस्था में व्यापक सुधार आवश्यक है।

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मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि प्रस्तावित निगम का गठन कंपनी एक्ट के तहत किया जाए। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक “बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स” और एक महानिदेशक की नियुक्ति की जाएगी। मंडल व जिला स्तर पर भी समितियों का गठन किया जाएगा। एजेंसियों का चयन जेम पोर्टल के माध्यम से न्यूनतम तीन वर्षों के लिए किया जाएगा। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि वर्तमान कार्यरत कार्मिकों की सेवाएं बाधित न हों और चयन प्रक्रिया में उन्हें अनुभव के आधार पर वेटेज मिले।

मुख्यमंत्री ने निर्देशित किया कि सभी आउटसोर्सिंग कार्मिकों का पारिश्रमिक प्रत्येक माह की 05 तारीख तक सीधे उनके बैंक खाते में भेजा जाए तथा ईपीएफ और ईएसआई की रकम समय से जमा हो। साथ ही ईपीएफ, ईएसआईसी तथा बैंकों से अनुमन्य सभी लाभ भी कर्मचारियों को प्रदान किए जाएं।

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि निगम को रेगुलेटरी बॉडी की भूमिका में रखा जाए जो एजेंसियों की कार्यप्रणाली की निगरानी करे और नियमों के उल्लंघन पर ब्लैकलिस्टिंग, डिबारमेंट, पेनाल्टी एवं वैधानिक कार्यवाही सुनिश्चित करे।

प्रस्तावित निगम द्वारा की जाने वाली सभी नियुक्तियों में एससी, एसटी, ओबीसी, ईडब्ल्यूएस, महिला, दिव्यांगजन और पूर्व सैनिकों के लिए आरक्षण प्रावधानों का पूर्णतः पालन किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने निराश्रित, तलाकशुदा व परित्यक्ता महिलाओं को भी प्राथमिकता देने की बात कही है।

मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए कि नियमित पदों के विरुद्ध कोई भी आउटसोर्सिंग सेवा नहीं ली जाए। चयन के बाद कोई भी कार्मिक तब तक सेवा से मुक्त न किया जाए, जब तक संबंधित विभाग के सक्षम अधिकारी की संस्तुति न हो।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रत्येक कर्मचारी की गरिमा, सुरक्षा और सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम प्रदेश की प्रशासनिक प्रणाली में एक नई पारदर्शिता और जवाबदेही का अध्याय जोड़ेगा। इससे न केवल राज्य के लाखों आउटसोर्सिंग कर्मियों को लाभ मिलेगा, बल्कि प्रशासनिक दक्षता भी बढ़ेगी।

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