Tamilnadu Meeting: देश में कपास का उत्पादन बढ़ाने के लिए तमिलनाडु के कोयंबटूर में महामंथन

shivraj Singh Chauhan

Tamilnadu Meeting: केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कोयंबटूर से किया कपास क्रांति का आगाज

केंद्रीय वस्त्र मंत्री गिरिराज सिंह सहित किसान, वैज्ञानिक, उद्यमी, राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी हुए शामिल

कपास के विकास के लिए मिलकर रोडमैप बनाने दिनभर किया गहन विचार-विमर्श

सब मिल-जुलकर कपास मिशन पर आगे मजबूती से काम करेंगे- शिवराज सिंह

हमारा कपास दुनिया में सबसे अच्छा व भरपूर होगा, आने वाले वर्षों में कपास बाहर से मंगवाना नहीं पड़ेगा-शिवराज

शिवराज सिंह ने मशीन टेस्टिंग सेंटर बनाने के ऐलान के साथ कहा-छोटे किसान को ध्यान में रख करें मैकेनाइजेशन

2030 से पहले हासिल करेंगे कपास मिशन का लक्ष्य- केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह

Tamilnadu Meeting

कोयंबटूर (तमिलनाडु)/नई दिल्ली, 11 जुलाई 2025, देश में कपास का उत्पादन-उत्पादकता बढ़ाने के लिए तमिलनाडु के कोयंबटूर में आज केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान की अगुवाई में महामंथन हुआ। इसमें ‘एक राष्ट्र- एक कृषि- एक टीम’ के रूप में केंद्रीय वस्त्र मंत्री गिरिराज सिंह, हरियाणा के कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा सहित केंद्रीय कृषि, वस्त्र व अन्य सम्बद्ध मंत्रालयों, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) व राज्यों के अफसरों के साथ ही कपास उत्पादक किसान, वैज्ञानिक, उद्यमी आदि शामिल हुए, जिन्होंने कपास के विकास के लिए मिलकर रोडमैप बनाने के लिए दिनभर गहन विचार-विमर्श किया। किसानों ने अपने अनुभव व चुनौतियों को साझा किया, वहीं अच्छे बीज व उन्नत तकनीक की आवश्यकता बताईं।

यह आयोजन कोयंबटूर में आईसीएआर के गन्ना प्रजनन संस्थान में किया गया। इसमें कपास उत्पादन व उत्पादकता बढ़ाने के साथ ही लागत घटाने, अच्छी क्वालिटी की पैदावार, उन्नत बीज किस्मों के विकास समेत विभिन्न चुनौतियों व आगे की संभावनाओं पर चर्चा के दौरान केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने कहा- जिंदगी की ज़रूरत सबसे बड़ी रोटी के बाद कपड़ा है। जैसे रोटी के बिना नहीं रह सकते, वैसे ही कपड़ों के बिना भी नहीं रह सकते और कपड़ा बनता है कपास से, कपास पैदा करते हैं किसान। वैसे भी भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है किसान, कृषि व किसान उसकी आत्मा, किसानों की सेवा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में हमारे लिए भगवान की पूजा है।

केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हम सब मिल-जुलकर कपास मिशन पर आगे मजबूती से काम करेंगे, इस निश्चय के साथ कि हमारा कपास दुनिया में सबसे अच्छा होगा, भरपूर होगा और आने वाले वर्षों में कपास हमें बाहर से मंगवाना नहीं पड़ेगा। हम कॉटन का एक्सपोर्ट करके भी दिखाएंगे, ये संकल्प है आज की बैठक का। शिवराज सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी जी के नेतृत्व में गौरवशाली, वैभवशाली, संपन्न, समृद्ध, शक्तिशाली व विकसित भारत का निर्माण हो रहा है और विकसित भारत में कपास बाहर से क्यों मंगाना पड़े, हम अपनी जगह का कपास अच्छी क्वालिटी का खुद पैदा करें, ये चैलेंज है तो मिलकर हम सब लोग काम करेंगे।

शिवराज सिंह ने कहा कि कपास मिशन इसीलिए बनाया गया है कि हम देश में कपास की जितनी जरूरत है, वह गुणवत्तापूर्ण अपने देश में पैदा करें, न केवल अपने लिए बल्कि जरूरत पड़े तो दुनिया को भी कॉटन निर्यात करें। शिवराज सिंह ने कहा कि केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह कपास मिशन की सफलता के लिए काम कर रहे हैं, जो कि सफल होगा और हम चाहते हैं कि कपास उत्पादकता बढ़े, हम वर्ल्ड एवरेज तक पहुंचे व इंडस्ट्री को जिस तरह के कॉटन की आज ज़रूरत है- लॉन्ग, स्टेपल, गुणवत्तायुक्त, उसे हम पैदा कर पाएं। शिवराज सिंह ने कहा कि हम ‘टीम कॉटन’ बना रहे हैं, जिसमें टेक्सटाइल मिनिस्ट्री, एग्रीकल्चर मिनिस्ट्री, आईसीएआर, केंद्र व राज्य सरकारों के प्रतिनिधि, कृषि विश्वविद्यालयों के कुलपति और सबसे प्रमुख हमारे किसान शामिल होकर इन्होंने आज ब्रेनस्टार्मिंग किया। और, इनके साथ कॉटन इंडस्ट्री व सीड इंडस्ट्री से जुड़े लोग, मैकेनाइज़ेशन के काम में लगे सरकारी व निजी क्षेत्र के लोग, सभी मिलकर एक दिशा में काम करेंगे और जो लक्ष्य तय किया है, उसे हम 2030 से पहले ही प्राप्त करेंगे।

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि कुछ चीजों पर हम काम करेंगे, एक हाईडेंसिटी का कॉटन, उसके अच्छे परिणाम मिले हैं, उसकी ओर ज्यादा तेजी से बढ़ेंगे। दूसरा, आईसीएआर रिसर्च करेगी, जो जरूरत है किसान की, जिस तरह के सीड्स जरूरी है और इंडस्ट्री को जिस तरह के कॉटन की जरूरत है, रिसर्च केवल ऐसे बीजों के लिए किया जाएगा, ऐसी किस्मों के लिए किया जाएगा, फिर हम कॉटन इंडस्ट्री की डिमांड के आधार पर ही सीडों का उत्पादन बढ़ाएंगे। सॉयल हेल्थ, विशेषकर आर्गेनिक कार्बन पर्याप्त मात्रा में रहे और बीज जलवायु अनुकूल हो, क्लाइमेट रिजलैंड उसकी जरूरत है। बढ़ते तापमान के कारण कई तरह की दिक्कतें पैदा हो रही हैं, उस पर काम करेंगे। मैकेनाइजेशन बड़ा मुद्दा है, विशेषकर छोटे किसानों के जरूरत की मशीनें हम बना पाएं, क्योंकि लैंड होल्डिंग हमारे यहां काफी कम है, उस पर भी हम काम करेंगे। और, एक बात है अभी साउथ इंडिया में मशीन टेस्टिंग सेंटर नहीं है, तो दूर जाना पड़ता है, इसलिए यहां मशीन टेस्टिंग का सेंटर बनाया जाएगा।

शिवराज सिंह ने कहा कि तकनीकों को किसानों के पास जल्दी पहुंचाने व अच्छे बीज पहुंचाने के लिए तेजी से एक्सटेंशन पर काम करेंगे और उस अमले को सदृढ़ किया जाएगा, फिर जो पिंक बॉल वॉर्म जैसी बीमारियां फसल को नुकसान पहुंचाती हैं, उसके लिए एआई बेस्ड स्मार्ट ट्रैप जैसी टेक्नालॉजी उपयोग कर मुकाबला करेंगे। हमने ये भी तय किया है कि पेस्टिसाइड से लेकर बाकी जरूरी चीजें, जो उत्पादन बढ़ाने के लिए या फसल रक्षा करने के लिए जरूरी है, वो गुणवत्तापूर्ण मिले, इसकी चिंता हमारी टीम करेगी, जिनिंग फैक्ट्रीज का मैकेनाइजेशन हो, इस काम को भी साथ मिलकर हम करेंगे और उच्च गुणवत्ता का बीज ठीक कीमत पर मिले, इसकी चिंता भी करेंगे। घटिया व नकली बीज, नकली खाद, नकली पेस्टिसाइड बनाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए कानून को भी कड़ा बनाया जाएगा और किसानों से सीधा संवाद रखते हुए किसानों की कैपेसिटी बिल्डिंग, ट्रेनिंग उसे करते हुए हम कॉटन मिशन के जो लक्ष्य है उन्हें अचीव करेंगे। क्रॉप वार संवाद के क्रम में सोयाबीन के बाद आज की बैठक बहुत उपयोगी रही है।

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