MP Assembly Election: कोई टिकट करने से परेशान ,तो कोई मिलने से हैरान, मध्य प्रदेश के दिग्गज नेताओं ने क्या कुछ कहा लिए जानते हैं रिपोर्ट में ।
MP Assembly Election
MP Assembly Election: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव करीब आ गया है। भाजपा ने चुनाव तारीखों की घोषणा से पहले ही उम्मीदवारों की तीन सूचियां में 80 नाम का ऐलान कर दिया है। इनमें से कुछ नाम ऐसे हैं जो बेहद चौंकाने वाले हैं। पार्टी ने तीन केंद्रीय मंत्रियों, चार सांसदों और संगठन के राष्ट्रीय महासचिव को टिकट दिया है। कांग्रेस इसे अभी से हारने का डर बता रही है तो वहीं जिन नेताओं के टिकट काटे गए हैं उनमें नाराजगी है और बगावत के संकेत दे रहे हैं। जबकि कुछ नेताओं को टिकट मिलने पर हैरान और परेशान देखा जा रहा है।
सबसे पहले बात करते हैं सतना जिले की मैहर विधानसभा सीट से बीजेपी ने इस बार टिकट में बदलाव किया है। पार्टी ने चार बार के विधायक नारायण त्रिपाठी का टिकट काट दिया है। उनकी जगह श्रीकांत चतुर्वेदी को उम्मीदवार बनाया है। जो ज्योतिरादित्य सिंधिया के काफी करीबी माने जाते हैं। टिकट में बदलाव का असर भी देखने को मिला है। नारायण त्रिपाठी ने नेतृत्व पर तंज किया है उन्होंने कहा कि भाजपा ने उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की है मेरी तरफ से धन्यवाद और शुभकामनाएं। मैं ना उस दौड में था और ना मुझे कोई लेना देना था। मैं विंध्य प्रदेश की लड़ाई लड़ रहा हूं। वह लड़ाई अलग राज्य बन जाने तक जारी रहेगी। मैहर जिला बना है विंध्य प्रदेश भी बनेगा।
कैंडिडेट घोषित करने वाले नेताओं को धन्यवाद देता हूं। इसके अलावा नारायण त्रिपाठी ने यह भी कहा कि यदि इतनी सीनियर सांसद नेता मंत्रियों को बीजेपी चुनाव लड़ा सकती है तो फिर मुरली मनोहर जोशी जी और लालकृष्ण आडवाणी जी का क्या अपराध था ? उनको क्यों किनारे कर दिया गया। यह सोचनीय विषय है जब सांसद विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे तो क्या विधायक सरपंच का चुनाव लड़ेंगे ?
बात करते हैं मध्य प्रदेश के सीधी की जहां के विधायक भी नाराज है ।भाजपा ने एक और विधायक केदारनाथ शुक्ला का भी टिकट काटा है। केदारनाथ शुक्ला चार बार से MLA हैं और सीधी सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं। केदारनाथ शुक्ला की जगह सीधी की सांसद रीती पाठक को पार्टी ने टिकट दिया है। माना जा रहा है की सीधी में हुए पेशाब कांड के बाद से भाजपा शीर्ष नेतृत्व शुक्ला से नाराज था ।इस घटना के आरोपों का नाम शुक्ला के गरीबों के तौर पर जोड़ा गया था। हालांकि अब टिकट काटे जाने पर उनकी तीखी प्रतिक्रिया ऑडियो क्लिप वायरल होने का दावा किया जा रहा है। शुक्ला ने कहा कि सारे मुद्दे ख्याली पुलाव थे मैं नहीं समझता हूं कि हाई कमान में बैठे लोग यह नहीं जानते कि क्या उचित है और क्या अनुचित। सीधी से सांसद को टिकट देना उचित नहीं है। मध्य प्रदेश में हारने वालों में नंबर एक पर रहेंगी लेकिन भाजपा ने टिकट दिया है तो क्या कर सकते हैं फिलहाल टिकट कटने के बाद शुक्ला का अगला कदम क्या होगा अब इस पर सब की निगाहें राजेश मिश्रा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
इसके अलावा भारतीय जनता पार्टी ने नरसिंहपुर से जालम सिंह पटेल का टिकट काट दिया है। उनकी जगह जालम के भाई और केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल को उम्मीदवार बनाया है। हालांकि जालम की तरफ से अभी तक कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने एक एक्स पर पोस्ट किया है और सिर्फ नेतृत्व का आभार जाताया है। प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा कि मुझे पहली बार विधानसभा चुनाव का अवसर देने के लिए बीजेपी और संसदीय बोर्ड समिति मध्य प्रदेश भाजपा के सभी नेताओं का आभार ।
बीजेपी ने इंदौर एक विधानसभा सीट से कैलाश विजयवर्गी को उम्मीदवार बनाया है। खुद को टिकट दिये जाने पर कैलाश विजयवर्गीय लगातार हैरानी जता रहे है।उन्होंने मंगलवार को विधानसभा क्षेत्र के कार्यकर्ताओं को संबोधित किया और कहा आप सभी को कैलाश विजयवर्गीय बनकर काम करना है। एक रिकॉर्ड जीत यहां पर होना चाहिए ।यह मेरी आपसे अपेक्षा है। इसलिए मेरी लड़ने की इच्छा नहीं थी ।एक प्रतिशत इच्छा नहीं थी एक माइंडसेट होता है लड़ने का ।बड़े नेता हो गए हैं अब हाथ जोड़ने कहां जाएंगे ? अपने को तो जाना है और भाषण देना है फिर निकल जाना है हमने तो यही सोचा था।
इसके अलावा सतना से सांसद गणेश सिंह को टिकट दिया गया है। संगठन के निर्णय पर स्थानीय तौर पर निराशा देखने को मिली है भाजपा नेता रत्नाकर चतुर्वेदी ने निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा की है।
हालांकि जानकार मानते है बीजेपी ने जानबूझकर किया है ताकि बडे नेताओ को अपनी क्षमता दिखाने का मौका मिलें।
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