Asian Games: होटल में वेटर, मनरेगा में मजदूरी, सोनभद्र से हांगझोऊ तक का सफर रामबाबू ने ऐसे किया तय

Rambabu

Asian Games : कहते हैं कि क्या हौंसला हो तो इंसान कुछ भी हासिल कर सकता है। यह कहावत एशियाई खेलों की पैदल चाल स्पर्धा के कांस्य पदक विजेता रामबाबू पर एकदम फिट बैठती है।

Asian Games

Asian Games: सोनभद्र के रामबाबू का सोनभद्र से लेकर हांगझोउ तक का सफर आसान नहीं रहा। पेट पालने के लिए पैदल चाल खिलाड़ी को कभी होटल में वेटर, कभी मनरेगा में मजदूर बनना पड़ा। दिहाडी मजदूर पिता के बेटे ने एशियाई गेम्स में कांस्य पदक जीत कर भारत का मान सम्मान बढ़ाया है। गांव में पांचवी की पढ़ाई के बाद मां ने जवाहर नवोदय विद्यालय भेज दिया 12वीं तक स्कूल में मैराथन का प्रशिक्षण हासिल किया। लॉकडाउन में मनरेगा मजदूरी से लेकर राष्ट्रीय खेल 2022 में रामबाबू की यात्रा कड़ी मेहनत और धैर्य से भरी हुई है।

रामबाबू की मां बताती है कि कोविड लॉकडाउन के दौरान सोनभद्र जिले के बेटे ने मनरेगा की मजदूरी भी कि एशियाई खेलों की 35 किलोमीटर चाल स्पर्धा में कांस्य पदक जीतने से खुशी का ठिकाना नहीं है। मां का कहना है की संघर्ष में रामबाबू कभी हार नहीं माना।बुलंद हौसलों की बदौलत अंतर्राष्ट्रीय मुकाबले में कांस्य पदक जीत कर मां का सपना पूरा किया।

2014 मे रामबाबू के लिए आवश्यक आहार प्रशिक्षण का खर्च उठाना कठिन था। रामबाबू की मां ने याद करते हुए कहा कि रामबाबू ने नवोदय विद्यालय से 12वीं पास करने के बाद बनारस में वेटर का काम किया। एथलीट में बेटे का जुनून देख मां-बाप मेहनत मजदूरी कर पैसा भेज भेज करते थे। उस समय दो वक्त की रोटी जुटाना भी मुश्किल था। होटल में वेटर का काम करने से रामबाबू की ट्रेनिंग प्रभावित हो रही थी। रामबाबू ने कई नौकरियां बदले। बेटे को कभी जूट की बोरी भी उठाना पड़ा कोरोना काल में दिहाडी मजदूरी। दिन ₹200 कमाई, नॉर्दर्न कोलफील्ड लिमिटेड में एथलेटिक्स कैंप के लिए बेटा चुना गया। कोच ने रामबाबू से मैराथन दौड़ को बदलने और रेस वॉक करने का सुझाव दिया।

रेस वॉक रामबाबू के लिए कठिन था राष्ट्रीय ओपन एथलेटिक्स चैंपियन में स्वर्ण पदक जीतने के बाद रामबाबू का चयन विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप के लिए हुआ। ट्रायल्स में अच्छा प्रदर्शन नहीं आया ।विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में हमस्ट्रिंग की चोट लग गई है हैमस्ट्रिंग की चोट रामबाबू के लिए कठिन थी। रामबाबू ने 35 किलोमीटर चल में राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ दिया और एशियाई गेम्स में कांस्य पदक जीता।

इसे भी पढे़:-Chanakya Niti: भूल कर भी इन पांच जगह पर ना बनाएं आशियाना, आईये जानते हैं क्या कहती है चाणक्य नीति