CAG Report: सीएजी का खुलासा, दिल्ली में शराब ₹2,026 करोड़ का शराब घोटाला: अनुराग सिंह ठाकुर

Anurag Thakur

CAG Report: पाठशाला की जगह “आप” की 2026 करोड़ मधुशाला: अनुराग सिंह ठाकुर

केजरीवाल ही शराब घोटाले के किंगपिन: अनुराग सिंह ठाकुर

CAG Report

11 जनवरी 2025, नई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय मंत्री व हिमाचल के हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद श्री अनुराग सिंह ठाकुर ने भाजपा के केन्द्रीय कार्यालय में प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए सीएजी रिपोर्ट के 10 निष्कर्षों को मीडिया के समक्ष रखा और शराब घोटाले के जरिए हुए₹2,026 करोड़ के राजस्व नुकसान के लिए आम आदमी पार्टी की जमकर आलोचना की। अनुराग सिंह ठाकुर ने सीएजी रिपोर्ट को पेश न करने को लेकर आम आदमी पार्टी से तीखे प्रश्न करते हुए अरविंद केजरीवाल पर जनता को ठगने के आरोप लगाए।
 
अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि “वित्तीय वर्ष 2025 है, लेकिन शराब घोटाला ₹2026 करोड़ का हुआ है। आम आदमी पार्टी ने कहा था कि पाठशाला बनाएंगे,लेकिन पाठशाला की जगह मधुशाला जरूर बना दी। ये झाड़ू की बात करते थे, झाड़ू से दारू पर आ गए। स्वराज की बात करते थे लेकिन स्वराज से शराब पर आ गए। 10 वर्षों की घोटालों की यात्रा ‘आप’ के‘पाप’ की यात्रा है। आम आदमी पार्टी की सरकार के 8 मंत्री जेल गए, 15 विधायक जेल गए, 1 सांसद जेल गया और मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री भी जेल गए हैं। भारत की आजादी के बाद शायद ही ऐसी कोई सरकार होगी जिसने इतने पाप किए हों। इसलिए ‘आपदा’ का जाना जरूरी है। जब कोविड के समय दिल्ली के लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी, ऑक्सीजन और सुविधाओं की कमी थी, जनता त्रस्त थी तब आम आदमी पार्टी मस्त थी। उस समय आम आदमी पार्टी शराब घोटाले का ताना बाना बुन रही थी। शराब घोटाला करने वाले मंत्री ने पाठशाला की जगह मधुशाला बनाया”


 

अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि “सीएजी की रिपोर्ट में यह स्पष्ट निष्कर्ष सामने आए हैं कि शराब घोटाले से ₹2026 करोड़ का राजकोषीय घाटा हुआ है, नीति के उद्देश्यों के साथ खिलवाड़ हुआ, विशेषज्ञ पैनल की राय को मंत्रियों के समूह ने नजरअंदाज किया, शिकायतों के बावजूद संस्थाओं को बोली लगाने की अनुमति दी गई, बोली लगाने वालों की वित्तीय स्थिति पर ध्यान नहीं दिया गया, लाइसेंस जारी करने के दौरान भी नियमों का उल्लंघन किया गया, उल्लंघन करने वालों को कोई सजा नहीं दी गई और मूल्य निर्धारण में भी पारदर्शिता की कमी पाई गई। कैबिनेट और उप राज्यपाल की अनुमति भी नहीं ली गई। आज यदि दिल्ली को ₹2026 करोड़ का राजस्व हानि हुआ है तोउसके जिम्मेदार केवल अरविन्द केजरीवाल हैं। शराब घोटाले के असली किंगपिन भी अरविन्द केजरीवाल ही हैं। आबकारी नियमों को अनुमोदित करने के लिए विधानसभा में नहीं लाया गया, इसलिए सीएजी ने 10 मुख्य मुद्दों की जांच रिपोर्ट पेश की है। यह रिपोर्ट किसी राजनीतिक दलया राजनीतिक विरोधी ने नहीं बनाई है, बल्कि यह देश की उस संस्था ने पेश की है जो जिम्मेदारी तय करती है”
 
अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि “जब उप राज्यपाल ने विधानसभा में सीएजी रिपोर्ट को पेश करने की बात कही थी तो मुख्यमंत्री आतिशी मार्लेना की ऐसी कौन सी मजबूरी थी कि उन्होंने अब तक उन्होंने इस रिपोर्ट को पेश नहीं किया। शीशमहल से लेकर शराब घोटाले तक, इनके सभी घोटालों एवं भ्रष्टाचार का उल्लेख इस रिपोर्ट में हुआ है। आगामी विधानसभा चुनाव में जब जनता वोट देने जाएगी तो एक बार यह विचार अवश्य करेगी कि 11 वर्ष पहले न बड़ा घर लेने, न गाड़ी लेने और न ही सुरक्षा लेने की बात करने वाले केजरीवाल ने 8 घरों को मिलाकर शीशमहल बनाया है, सबसे बड़ी गाड़ी ली, दो राज्यों की सुरक्षा ली और एक नहीं अनेक घोटाले किए। “आप” के पाप के नेतृत्वकर्ता अरविंद केजरीवाल हैं।

मुख्यमंत्री आतिशी मर्लेना स्वयं को मुख्यमंत्री मानती नहीं है, चुनाव उनके नेतृत्व में लड़ा नहीं जा रहा है। अरविंद केजरीवाल ने पिछले कार्यकाल में कई पाप किए हैं और वे मुख्यमंत्री भी नहीं बन सकते तो आम आदमी पार्टी के पास चुनाव लड़ने के लिए एक भी ईमानदार चेहरा नहीं बचा है। इन पापों की सजा तो केजरीवाल को भुगतनी पड़ेगी और उत्तर भी देना होगा कि सीएजी की रिपोर्ट को पेश क्यों नहीं किया गया। अरविंद केजरीवाल को सीएजी रिपोर्ट के इन 10 निष्कर्षों पर भी उत्तर देना होगा। केजरीवाल को बताना होगा कि नियमों की अनदेखी क्यों की गई? उपराज्यपाल और कैबिनेट की मंजूरी क्यों नहीं ली गई? दिल्ली प्रदेश को ₹2026 करोड़ का राजस्व हानि हुआ, तो उस हानि का मुनाफा किसे हुआ?

“आप के पाप”
निष्कर्ष 1
‘राजस्व हानि: 2,026 करोड़ रुपये’
निष्कर्ष 2
‘नीति के उद्देश्यों से विचलन’
निष्कर्ष 3
‘विशेषज्ञ पैनल की सिफारिशों को जीओएम ने नजरअंदाज किया’
निष्कर्ष 4
‘शिकायतों के बावजूद सभी संस्थाओं को बोली लगाने की अनुमति दी गई’
निष्कर्ष 5
‘बोलीदाताओं की वित्तीय स्थिति पर ध्यान नहीं दिया गया’
निष्कर्ष 6
‘लाइसेंस जारी करने में उल्लंघन’
निष्कर्ष 7
‘उल्लंघनों पर जुर्माना नहीं लगाया गया’
निष्कर्ष 8
‘मूल्य निर्धारण में पारदर्शिता की कमी’
निष्कर्ष 9
‘कई महत्वपूर्ण निर्णयों पर कैबिनेट और एलजी की मंजूरी नहीं ली गई’
निष्कर्ष 10
‘आबकारी नियमों को अनुमोदन के लिए विधानसभा के समक्ष नहीं रखा गया’

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Reported By Mamata Chaturvedi