Caste Census: बिहार के बाद अब आंध्र प्रदेश सरकार भी पिछड़ा वर्ग जाति जनगणना की शुरुआत करने जा रही है।
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Caste Census: वाईएसआर जगनमोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली सरकार आगामी 15 नवंबर के आसपास पिछड़ा वर्ग जाति का सर्वे शुरू करेगी जिसके लिए ग्रामीण स्तर पर पूरा सिस्टम तैयार किया जाएगा ग्रामीण सचिवालय के साथ-साथ वालंटियर सिस्टम बड़े पैमाने पर तैयार होगा जगनमोहन रेड्डी सरकार का इस सर्वे को करने के पीछे का मकसद पिछड़े वर्ग के तहत आने वाली 139 कैटेगरी के लोगों को बेहतर सेवाएं मुहैया करना है।
जानकारी के मुताबिक आंध्र प्रदेश सरकार में पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री श्रीनिवास वेणुगोपाल कृष्णा बुधवार को पिछला वर्ग की इन सभी क्रांतिकारी वाला समुदाय अपनी संख्यात्मक ताकत से बेखबर हैं उन्होंने इस बात पर भी बोल दिया कि पिछड़े वर्ग के समुदाय अलग-अलग क्षेत्र में अपने प्रतिनिधित्व के स्तर को भी नहीं जानते हैं लेकिन जनगणना इन सभी का समाधान करने में मददगार साबित होगी।
मंत्री कृष्णा ने भी कहा कि पिछड़ा वर्ग के समुदायों के प्रति कई प्रतिनिधियों ने जातिगत जनगणना के लिए अभियान भी चलाए थे जब समुदाय की संख्या के सटीक आंकड़े उपलब्ध नहीं होने पर नाराज की भी जताई थी।
आपको बता दे की मुख्यमंत्री वाईएसआर जगनमोहन रेड्डी ने इसी साल 11 अप्रैल को इस मामले में विधानसभा से पारित प्रस्ताव को केंद्र सरकार को भी भेजा था जिसमें जनसंख्या जनगणना के साथ-साथ जाति जनगणना करने का आग्रह किया था लेकिन इस बारे में जानकारी मिली थी कि ऐसा जल्दी नहीं होगा इस सभी को ध्यान में रखते हुए अब जगनमोहन सरकार ने पिछड़ी जाति है जनगणना के साथ आगे बढ़ने का फैसला लिया है सरकार राज्य में पिछड़े वर्ग की सामाजिक आर्थिक स्थिति को पता लगाने के लिए क्षेत्रवार पेशेवर आदि के सभी मापदंडों पर जनगणना करवाएगी
इसके अलावा जातीय जनगणना करने के लिए सरकार की ओर से समुदाय से सुझाव भी मांगे जाएंगे इसको लेकर ईमेल आईडी जारी और एक ऐप भी तैयार करवाएगी इतना ही नहीं सरकार समुदाय के बुद्धिजीवियों से इनपुट लेने उनके साथ विचार विमर्श करने के लिए गोल में बैठकर भी आयोजित करेगी या सभी राउंड टेबल मीटिंग्स खास तौर पर विशाखापट्टनम विजयवाड़ा राजा महेंद्र वरम कुरनूल और तिरुपति में की जाएगी।
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