Caste Sensus: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की महागठबंधन बिहार में सामान्य लोगों की आबादी 15% है बिहार के नीतीश कुमार सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट जाति आधारित जनगणना की रिपोर्ट में यह बात आई है।
Caste Sensus
Caste Sensus: बिहार में सामान्य वर्ग के लोगों की आबादी तकरीबन 15% है। पिछड़ा वर्ग की हमारी 27 प्रतिशत से ज्यादा है। जबकि अनुसूचित जाति की आबादी करीब 2030 है। नीतीश कुमार सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट जाति आधारित जनगणना की रिपोर्ट में यह बात आई है। बिहार सरकार के मुख्य सचिव विवेक सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आंकड़ों की पुस्तिका भी जारी की है।
बिहार में 81.99 प्रतिशत यानी कि लगभग 82 प्रतिशत हिंदू है इस्लाम धर्म के मानने वालों की संख्या 17.7 प्रतिशत है। ईसाई सिख बौद्ध तभी बिहार विधानसभा और विधान परिषद में राज्य में जाति आधारित जनगणना कराई जाने का प्रस्ताव पारित किया गया था। कोरोना की स्थिति संभालने के बाद 1 जून 2022 को बैठक में जाति आधारित जनगणना को सर्वसम्मति से करने का प्रस्ताव पारित किया गया।
आईये जानते है किस वर्ग की कितनी आबादी
सामान्य वर्ग 15 प्रतिशत पिछड़ा वर्ग 27.12 प्रतिशत ओबीसी 36.01 प्रतिशत अनुसूचित जाति 19.65 प्रश्न अनुसूचित जनजाति 1.68 प्रतिशत यादव 14.6% ब्राह्मण 3.67 राजपूत 3.45 प्रतिशत मुसहर 3.3 दुशाह 3.008 प्रतिशत भूमि 8 2.89 प्रतिशत कुर्मी 2.87 प्रतिशत तेली 2.8 प्रतिशत बनिया 2.31 प्रतिशत कानून 2.1 प्रतिशत चंद्रवंशी 1.64 प्रतिशत कुमार 1.4 0% सुंदर 0.8 प्रतिशत 0.6 शून्य प्रतिशत
बिहार में जाति आधारित जनगणना का पहला चरण 7 जनवरी से शुरू हुआ था और अब जातीय जनगणना के नतीजे सामने आ गये है। अब देखना होगा कि इसका क्या असर पडता है।
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