Sena Bharti Rally: नौसेना के नए पोतों का नामकरण होगा छत्तीसगढ़ की नदियों के नाम पर,सेना भर्ती रैली का प्रस्ताव

Bastar Bharti Rally: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से मुलाकात के दौरान रक्षामंत्री ने जताई सहमति

छत्तीसगढ़ को रक्षा उत्पादन का नया केंद्र बनाने पर की चर्चा

Bastar Bharti Rally

नई दिल्ली, 6 अक्टूबर 2025 – छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री  विष्णुदेव साय ने आज नई दिल्ली में केंद्रीय रक्षा मंत्री  राजनाथ सिंह से उनके निवास पर सौजन्य मुलाक़ात की। बैठक में छत्तीसगढ़ में रक्षा उद्योगों के विस्तार, बस्तर में सेना भर्ती रैली के आयोजन, और नौसैनिक पोतों को छत्तीसगढ़ की नदियों के नाम पर रखने जैसे कई अहम विषयों पर सार्थक चर्चा हुई। इस अवसर पर केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य राज्यमंत्री  तोखन साहू और मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव  सुबोध कुमार सिंह भी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बैठक के दौरान रक्षा मंत्री का ध्यान इस ओर आकर्षित किया कि बिलासपुर के निकट राज्य सरकार ने वर्ष 2012 में भारतीय सेना को लगभग 1000 एकड़ भूमि सौंपी थी। यह भूमि वर्तमान में सेना के पास है, परंतु किसी सक्रिय परियोजना में उपयोग नहीं हो रही। मुख्यमंत्री ने आग्रह किया कि यदि इस भूमि का उपयोग रक्षा उत्पादन से जुड़ी औद्योगिक इकाइयों, अनुसंधान केंद्रों या उपकरण निर्माण पार्कों की स्थापना में किया जाए, तो यह न केवल क्षेत्रीय विकास का मार्ग प्रशस्त करेगा, बल्कि देश के रक्षा उद्योग नेटवर्क को भी सशक्त बनाएगा।

उन्होंने कहा कि बिलासपुर का यह क्षेत्र रेल और हवाई मार्ग से भली-भाँति जुड़ा हुआ है, जिससे किसी भी रक्षा संबंधित उद्योग या अनुसंधान इकाई की स्थापना के लिए यह एक उपयुक्त स्थान बनता है। मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि राज्य सरकार इस क्षेत्र को रक्षा पार्क के रूप में विकसित करने के लिए केंद्र सरकार के साथ मिलकर कार्य करने को तैयार है। इससे न केवल स्थानीय युवाओं को रोजगार और प्रशिक्षण के अवसर मिलेंगे, बल्कि छत्तीसगढ़ राष्ट्रीय रक्षा उत्पादन मानचित्र पर एक नई पहचान बना सकेगा।

मुख्यमंत्री ने यह भी रेखांकित किया कि वर्तमान में छत्तीसगढ़ में भारतीय सेना या वायुसेना का कोई स्थायी कैंप नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्य की भौगोलिक स्थिति, सामरिक स्थिरता और युवाओं में देश सेवा की भावना इसे एक रक्षा प्रशिक्षण केंद्र या भर्ती क्षेत्र के रूप में विकसित करने के लिए आदर्श बनाती है। उन्होंने रक्षा मंत्री से आग्रह किया कि यदि बिलासपुर या बस्तर क्षेत्र में सेना का प्रशिक्षण या भर्ती केंद्र स्थापित किया जाए, तो इससे स्थानीय युवाओं को राष्ट्र सेवा में सीधे योगदान देने का अवसर मिलेगा।

मुख्यमंत्री साय ने यह भी बताया कि छत्तीसगढ़ के युवाओं में सेना में भर्ती होने का गहरा उत्साह है, विशेष रूप से बस्तर क्षेत्र के युवाओं में। उन्होंने कहा कि बस्तर के युवा शारीरिक रूप से सक्षम, अनुशासित और देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत हैं। इसलिए, मुख्यमंत्री ने रक्षा मंत्री से अनुरोध किया कि बस्तर क्षेत्र में एक विशेष “सेना भर्ती रैली” आयोजित की जाए, जिससे स्थानीय युवाओं को अपने ही राज्य में सेना में भर्ती होने का अवसर मिल सके।

रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने मुख्यमंत्री के इस प्रस्ताव का स्वागत किया और कहा कि केंद्र सरकार देश के हर कोने से योग्य युवाओं को सेना में जोड़ने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने बस्तर में शीघ्र ही सेना भर्ती रैली आयोजित करने का आश्वासन दिया।

बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक पहचान और गौरवशाली परंपराओं का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि राज्य की नदियाँ — इंद्रावती, महानदी — केवल जलस्रोत नहीं, बल्कि प्रदेश की आत्मा हैं। मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि रक्षा मंत्रालय जब भी नए नौसैनिक पोतों या जहाजों को लॉन्च करे, तो उनमें से कुछ का नाम छत्तीसगढ़ की नदियों और क्षेत्रों के नाम पर रखा जा सकता है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि INS इंद्रावती, INS महानदी या INS बस्तर जैसे नाम देश के लिए गर्व का विषय होंगे और छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक पहचान को राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठा देंगे।

रक्षा मंत्री  राजनाथ सिंह ने मुख्यमंत्री के इस सुझाव की सराहना करते हुए कहा कि यह विचार न केवल प्रतीकात्मक रूप से सुंदर है, बल्कि इससे भारत की विविधता और एकता की भावना भी प्रतिबिंबित होती है। उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्रालय इस सुझाव पर गंभीरता से विचार करेगा और उपयुक्त अवसर पर इस दिशा में कदम उठाएगा।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस अवसर पर रक्षा मंत्री को राज्य सरकार की नई औद्योगिक नीति के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार रक्षा और इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण से संबंधित उद्योगों को प्रोत्साहन देने के लिए एक विशेष औद्योगिक नीति पर कार्य कर रही है, जो प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के “आत्मनिर्भर भारत” के विज़न के अनुरूप है। इस नीति के तहत राज्य में रक्षा उपकरण निर्माण, अनुसंधान, उच्च तकनीकी प्रशिक्षण और निजी निवेश के अवसरों को बढ़ावा दिया जा रहा है।

इसे भी पढ़े:-Chanakya Niti: जीवन में होना चाहते है सफल, तो ये बातें कभी किसी को न बताएं