Gaganyaan Mission: अंतरिक्ष में सबसे बड़ा कदम मिशन गगनयान का सफल ट्रायल

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Gaganyaan Mission: गगनयान मिशन पर इसरो को बड़ी कामयाबी हासिल हुई है। स्पेस एजेंसी ने ज्ञान का पहला ट्रायल सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। वैज्ञानिकों को बधाई थी टीवी1 बूस्टर की मदद से इसकी लांचिंग की गई है। श्रीहरिकोटा से उड़ान भरकर यह में बंगाल की खाड़ी में लैंडिंग की भारत का गगनयान मिशन 2025 के लिए तैयार किया जा रहा है।

Gaganyaan Mission

Gaganyaan Mission: आज के टेस्ट उड़ान में टेस्ट व्हीकल करू मॉड्यूल और क्रूज एस्केप सिस्टम को आसमान में लेकर गया इसके पास 17 किलोमीटर की ऊंचाई पर 594 किलोमीटर की रफ्तार के साथ ग्रुप मॉड्यूल और क्रूज एस्केप सिस्टम अलग हुआ। इसके बाद करो मॉड्यूल के दो पैराशूट खुले पानी से ढाई किलोमीटर की ऊंचाई पर मॉड्यूल के मुख्य पैराशूट खोलने के साथी बंगाल की खाड़ी में लैंड किया गया। मिशन के टीवी d1 बूस्टर को श्रीहरिकोटा से 6 किलोमीटर की दूरी पर बंगाल की खाड़ी में श्रीहरिकोटा से 10 किलोमीटर दूर बंगाल की खाड़ी में लैंड किया गया और बंगाल की खाड़ी से मौजूद और यहां से सिस्टम की रिकवरी होगी।

परीक्षण का मकसद यह था कि अगर मिशन गगनयान के दौरान कोई गड़बड़ी हो तो किस तरह से भारत के अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षित वापसी करवाई जाए इसके बाद दो और परीक्षण किया जाना था तब गगनयान एस्ट्रोनॉट्स के साथ अपनी उड़ान के लिए तैयार हो पाएगा।गौरतलब है कि गॉडजिला की 2025 में भारत तीन अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजेगा।

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