Lok Sabha Election: घोषणा पत्र में युवाओं, महिलाओं, श्रमिकों और किसानों के लिए कई योजनाएं लागू करने का किया वादा
Lok Sabha Election
Lok Sabha Election: 48 पन्नों के न्याय पत्र में दिए गए दस न्याय के संकल्प
नई दिल्ली, 05 अप्रैल
लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने अपना घोषणा पत्र जारी कर दिया। कांग्रेस ने इस घोषणा पत्र को न्याय पत्र का नाम दिया है। 48 पन्नों के इस न्याय पत्र में युवा न्याय, नारी न्याय, किसान न्याय, श्रमिक न्याय, हिस्सेदारी न्याय, संवैधानिक न्याय, आर्थिक न्याय, राज्य न्याय, रक्षा न्याय, पर्यावरण न्याय नाम के दस संकल्प दिए गए हैं। इन दस संकल्पों के अंतर्गत कई घोषणाएं की गई हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस घोषणा पत्र समिति के चेयरमैन मंत्री पी चिदंबरम, कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी समेत अन्य वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में कांग्रेस मुख्यालय में घोषणा पत्र जारी किया गया।
पार्टी के घोषणा पत्र में 30 लाख सरकारी नौकरियां भरने, दैनिक मजदूरी 400 रुपये करने, केंद्र सरकार की नई नियुक्तियों में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण और गरीब परिवार की महिला को साल में एक लाख रुपये देने, एमएसपी को कानून गारंटी देने, जाति जनगणना कराने, अग्निपथ योजना को समाप्त करने समेत कई वादे किए गए हैं।
कांग्रेस ने यह भी वादा किया है कि केंद्र में सरकार बनने पर वरिष्ठ नागरिक, विधवा और विकलांग पेंशन में केंद्रीय सरकार के योगदान को बढ़ाकर न्यूनतम 1,000 रूपये प्रति माह किया जाएगा। इसके साथ ही उदीयमान खिलाड़ियों के लिए 10,000 रूपये प्रतिमाह की खेल छात्रवृत्ति, सरकारी परिक्षाओं और सरकारी पदों के लिए आवेदन शुल्क समाप्त किया जाएगा, कक्षा नौवीं से 12वीं तक के सभी छात्रों को समान अवसर हेतु मोबाइल फोन देने का वादा किया गया है। इसी के साथ यह भी वादा किया गया है कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की संख्या दोगुनी होगी, जिससे 14 लाख नई नौकरियां पैदा होंगी।इसके अलावा स्कूल फीस रेगुलेशन कमेटी बनाने के लिए राज्य सरकारों को प्रोत्साहित किया जाएगा।
कांग्रेस ने घोषणा पत्र में वादा किया है कि केंद्र में इंडिया गठबंधन की सरकार बनने पर युवा न्याय गारंटी के अंतर्गत 30 लाख सरकारी नौकरियां भरी जाएंगी। शिक्षित युवाओं को सालाना एक लाख रूपये की अप्रेंटिसशिप ट्रेनिंग दी जाएगी। पेपर लीक रोकने के लिए कानून और नीतियां बनाई जाएंगी। गिग श्रमिकों के लिए बेहतर काम-काजी नियम बनाए जाएंगे और संपूर्ण सामाजिक सुरक्षा दी जाएगी। युवाओं के लिए 5,000 करोड़ रुपये का स्टार्टअप फंड बनाया जाएगा।
नारी न्याय गारंटी के अंतर्गत गरीब परिवार की एक महिला को सालाना एक लाख रुपये की सहायता दी जाएगी। केंद्र सरकार की नई नियुक्तियों में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा। आंगनबाड़ी, आशा और मिड डे मील वर्कर को ज्यादा वेतन मिलेगा, केंद्र सरकार का योगदान दोगुना होगा। हर पंचायत में महिलाओं को उनके हकों के लिए जागरूक करने और जरूरी मदद के लिए एक अधिकार सहेली की नियुक्ति की जाएगी। सावित्री बाई फुले हॉस्टल के तहत भारत सरकार देशभर में सभी जिला मुख्यालयों में कम से कम एक कामकाजी महिलाओं का हॉस्टल बनाएगी और पूरे देश में इन हॉस्टलों की संख्या दोगुनी की जाएगी।
श्रमिक न्याय के अंर्तगत दैनिक मजदूरी 400 रुपये की जाएगी, जो मनरेगा में भी लागू होगी। सबको स्वास्थ्य अधिकार के तहत गरीबों को 25 लाख रुपये का हेल्थ-कवर मुफ्त में दिया जाएगा, मुफ्त इलाज, दवा, टेस्ट और सर्जरी की भी सुविधा मिलेगी। शहरी रोजगार गारंटी में शहरों के लिए भी मनरेगा जैसी नई योजना लाई जाएगी। सामाजिक सुरक्षा के तहत असंगठित मजदूरों के लिए जीवन और दुर्घटना बीमा दिया जाएगा। सुरक्षित रोजगार के तहत मुख्य सरकारी कार्यों में कॉन्ट्रैक्ट सिस्टम मजदूरी बंद होगी।
किसान न्याय के अंतर्गत किसानों को स्वामीनाथन फार्मूला के साथ न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी दी जाएगी। कर्ज माफी प्लान प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए परमानेंट आयोग बनाया जाएगा। फसल नुकसान पर 30 दिन के अंदर सीधे खाते में पैसा ट्रांसफर होगा। किसानों की सलाह से नई इंपोर्ट-एक्सपोर्ट पॉलिसी बनेगी। किसानी के लिए जरूरी हर चीज से जीएसटी हटेगी।
हिस्सेदारी न्याय के अंतर्गत सामाजिक व आर्थिक समानता के लिए हर व्यक्ति, हर वर्ग की गिनती होगी। संवैधानिक संशोधन द्वारा 50 प्रतिशत सीमा हटाकर एससी, एसटी, ओबीसी को आरक्षण का पूरा हक दिया जाएगा। एससी-एसटी सब प्लान की कानूनी गारंटी के अंतर्गत जितनी एससी-एसटी जनसंख्या, उतना बजट; यानी ज्यादा हिस्सेदारी सुनिश्चित होगी। वन अधिकार क़ानून वाले पट्टों का एक साल में फैसला होगा। जहां एसटी सबसे ज्यादा होंगे, वहां पेसा कानून लागू होगा।
घोषणापत्र में संवैधानिक न्याय खंड में लोकतंत्र बचाओ, भय से मुक्ति से लेकर मीडिया, न्यायपालिका की आजादी, भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम जैसे मुद्दे भी शामिल किए गए हैं।कांग्रेस ने वादा किया है कि एनडीए शासनकाल में पिछले 10 वर्षों में हुए भ्रष्टाचार के मामलों की जांच कराई जाएगी। नोटबंदी, राफेल सौदा, पेगासस स्पाइवेयर, चुनावी बॉन्ड योजना समेत जैसे संदिग्ध सौदों और योजनाओं की जांच की जाएगी। कांग्रेस संविधान की दसवीं अनुसूची में संशोधन करेगी और दलबदल (जिस मूल पार्टी से विधायक या सांसद चुना गया था उसे छोडना) को विधानसभा या संसद की सदस्यता से स्वत: अयोग्य घोषित करेगी। इसी के साथ यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि पुलिस, जांच और खुफिया एजेंसियां सख्ती से कानून के अनुसार काम करेंगी। जिन बेलगाम शक्तियों का अभी वह प्रयोग करते हैं, उन्हें कम कर दिया जाएगा। जैसा भी मामला हो, उन्हें संसद या राज्य विधानमंडलों की निगरानी में लाया जाएगा।
आर्थिक न्याय खंड में आर्थिक नीतियों, बेरोजगारी, कराधान और टैक्स में सुधार, उद्योग और आधारभूत संरचना पर ठोस विजन दिया गया है।
राज्य न्याय में संघीय ढांचा और केंद्र तथा राज्य संबंधों के साथ ग्रामीण और शहरी विकास, पूर्वोत्तर भारत पर रोशनी डाली गई है। राज्य न्याय के अंतर्गत वादा किया गया है कि जम्मू-कश्मीर के पूर्ण राज्य का दर्जा तुरंत बहाल होगा। लद्दाख के जनजातीय क्षेत्र संविधान के छठे शेड्यूल में शामिल होंगे। आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिया जाएगा। एनसीटी दिल्ली सरकार अधिनियम, 1991 में इस हिसाब से संशोधन किया जाएगा कि तीन मामलों को छोड़कर एलजी दिल्ली के मंत्रिपरिषद की सलाह पर कार्य करेंगे। पुडुचेरी को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलेगा। मणिपुर की वर्तमान राज्य सरकार को हटाकर दोनों समुदायों के बीच नफरत कम की जाएगी। मणिपुर में राजनीतिक और प्रशासनिक समाधान के लिए सुलह आयोग नियुक्त होगा। मणिपुर हिंसा के पीड़ितों और आश्रितों को उचित मुआवजा और न्याय दिया जाएगा।
2013-14 में हुए प्रारंभिक समझौते के आधार पर नागा समूहों के साथ अंतिम समाधान और समझौता होगा।
देश की रक्षा और आंतरिक सुरक्षा के महत्व को ध्यान में रखकर रक्षा न्याय भी घोषणा पत्र में शामिल किया गया है, जिसमें विदेश नीति भी शामिल है। कांग्रेस ने रक्षा न्याय के अंतर्गत यह वादा भी किया है कि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की ताकत बढ़ाकर आधुनिकीकरण किया जाएगा। केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में 33 प्रतिशत महिलाएं शामिल की जाएंगी।
कांग्रेस के घोषणा पत्र में ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ का भी विरोध किया गया है। घोषणा पत्र में कहा गया है कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव तय समय पर ही करवाए जाएंगे। साथ ही कहा गया है कि मतदान ईवीएम के जरिए होंगे। लेकिन इलेक्ट्रॉनिक वोट का मिलान, वीवीपैट की पर्ची से किया जाएगा।
इसे भी पढ़े :-Chanakya Neeti: चाणक्य की ये नीति का सबको पालन करना चाहिए