Mahakunbh Nagin sadhvi: कौन होती हैं नागिन साध्वी, कैसे बनते है नागिन साध्वी, जाने पुरा सचआमतौर पर दुनिया पुरुष नागा साधुओं के बारे में ही जानती है और शायद यही वजह है कि पुरुष नागा साधु को लेकर तो बहुत सारी जानकारियां आपके सामने हैं। लेकिन पुरुषों की तरह महिला नागा साधु भी महाकुंभ का विशेष हिस्सा बनती हैं।महिला नागा साधु बनने के लिए भी वही कठिन कठोर तप करना पड़ता है
Mahakunbh Nagin sadhvi
क्या महिला नागा साधु नागिन होती है?
पुरूष नागा साधुओं को नागा कहा जाता है हालांकि महिला नागा साधुओं को नागिन कहने का मतलब नकारात्मक नहीं है जी हां ये नकारात्मक बिल्कुल भी नहीं होता। अखाड़े की महिला साधुओं को माई या माता कहा जाता है। अवधूत तानी भी कहा जाता है और नागिन के नाम से भी संबोधित किया जाता है। लेकिन यह भी एक तरह का सम्मान होता है। महिला नागा साधुओं को स्त्रीलिंग में नागिन कहते हैं इसका अर्थ सर्प प्रजाति की नागिन के तौर पर बुल्किल भी नहीं है इसलिए अगर महिला नागा साधु को नागिन कहा जाए तो इसे अपमानजनक कतई मत समझिएगा। पुरुष नागा और महिला नागिन बस यही इसका मतलब यहां पर होता है।
महिला नागा साधु के मुंडन के दर्दनाक सफर के पीछे का सच
एक महिला को सबसे प्रिय अपने केश यानी कि बाल होते हैं। और यही केश महिला नागा साधु को अजीवन यहां पर त्यागने ही होते हैं महिला नागा साधुओं को अपने ही हाथों से अपने एक-एक बाल को खुद ही तोड़ना होता है ये इतना पीड़ादायक होता है जिसे महिला नागा साधु बिना उफ किए पूरा करती हैं।
नागा साधु अग्नि के सामने बेठकर क्यो कठोर तपस्या करती हैं?
महिला नागा साधु पूरी तरह महादेव यानी शिव को समर्पित हो जाती हैं उन्हें महादेव की घोर तपस्या करनी ही होती है वो भी पूरे समर्पण के साथ यह दिव्य तपस्या वो भी पूरी एकाग्रता के साथ और ऊर्जा के साथ अग्नि के सामने बैठकर करती हैं माना जाता है अग्नि तपस्या से आत्मिक शुद्धि होती है। अग्नि तपस्या में उन चीजों को त्यागना होता है जिन्हें करना जातक या साधक की पसंद में शामिल होता है।
महिला नागा साधु के दर्शन को क्यों महाशुभ माना जाता है?
महिला नागा साधुओं का ज्यादा कठिन तप यहां पर देखा जाता है जब वो विशेष यानी कि शाही स्नान के लिए उतरती हैं। तो उनमें नकारात्मक या बुरी ऊर्जाओं को काबू में करने का शक्तियों का संचार होने लगता है। उनकी महा कठोर साधना उन्हें उस श्रेणी में पहुंचा देती हैं। जहां महिला नागा साधु का दिखना काफी शुभ संकेत माना जाता है।
क्या महिला नागा साधु निर्वस्त्र शाही स्नान करती है?
महिला नागा साधु अजीवन बिना सिला हुआ गेरुआ रंग का कपड़ा पहनती है यानी वो किसी भी तरह सिला नहीं होना चाहिए। विशेष शाही स्नान के दौरान भी वही गेरुा वस्त्र धारण करती हैं। इसे पवित्रता आस्था आध्यात्मिक ऊर्जा का बेहतरीन और सबसे महा शुभ संगम माना जाता है।
कैसे बनती महिला नागा साधु?
6 से 12 साल तक ब्रह्मचर्य नियमों का पालन करना होता है और सांसारिक इच्छाओं और मोह-माया से खुद को दूर रखती हैं।सारे रिश्ते-नाते तोड़कर खुद को भगवान के प्रति समर्पित करना पड़ता है। महिला नागा साधु बनने के लिए उनसे जीते जी अपना खुद का पिडदान करवाया जाता है। यह वही प्रक्रिया होती है जो मृत्यु के बाद की जाती है।
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