हौसला, हिम्मत और जुनून का नाम मेघा परमार, MP की पहली लड़की जिसने फतह किया Mount Everest, सिहोर DM ने मेघा को किया सम्मानित

सिहोर, मध्य प्रदेश। तीन साल पहले माउंट एवरेस्ट फतह करने वाली मध्य प्रदेश की बेटी मेघा परमार ने हाल ही में स्कूबा डाइविंग में विश्व रिकार्ड बनाया है। कलेक्टर चन्द्र मोहन ठाकुर ने मेघा को स्कूबा डाइविंग में विश्व कीर्तिमान बनाने पर बधाई देते हुए उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दी। ठाकुर ने ट्रॉफी तथा साल-श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया। मेघा सीहोर जिले के एक छोटे गांव भोजनगर की रहने वाली है। मेघा ने सभी बालिकाओं से कहा कि पढ़ाई के साथ-साथ खेलों में भी हिस्सा लेना चाहिए। मेघा ने कहा कि असंभ कुछ भी नहीं है। कठिन परिश्रम और मार्गदर्शन की जरूरत होती है। मेघा अब नॉर्थ पोल पर स्काई डाइविंग करना चाहती है।

मेघा ने माउंट एवरेस्ट पर फतह और स्कूबा डाइविंग से जुड़े अनुभव साझा करते हुए बताया कि 147 फीट की टेक्निकल स्कूबा डाइविंग कर नया विश्व रिकॉर्ड बनाने वाली वह विश्व की पहली महिला हैं। मेघा ने बताया कि भारत में स्कूबा डाईविंग कोच नहीं होने के कारण अर्जेंटीना से कोच वॉल्टर को भारत बुलाया गया। उन्होंने बताया कि पहले मुझे स्वीमिंग तक नहीं आती थी । सबसे पहले मुझे स्वीमिंग की ट्रैनिंग लेनी पड़ी। फिर उसके बाद लगातार डेढ साल तक हर दिन 8 घंटे ट्रेनिंग की। स्कूबा डाइविंग के सभी कोर्स किए।

इस दौरान 134 डाइव की। स्कूबा डाइविंग में जान जाने का जोखिम बना रहता है। जो ऑक्सीजन धरती पर इंसान के लिए प्राण वायु है, वहीं समुद्र में शरीर के अंदर ज्यादा मात्रा में जाने पर जान के लिए खतरा बन जाती है। जिससे इंसान पैरालाईसिस जैसी अन्य गंभीर बीमारी का शिकार हो सकता है और जान भी जा सकती है। इस खेल में शारीरिक रूप से ज्यादा मानसिक तौर पर ज्यादा मजबूत होना पड़ता है। कई बार डाइव की तैयारी में मेरे पैरों पर 11-11 किलो के सिलेंडर गिरे जिससे गंभीर चोटों का सामना करना पड़ा। मेरे लिए सबसे मुश्किल पूरे सफर में पढ़ाई कर टेक्निकल डाइविंग का एग्जाम पास करना था। जिसमें फिजिक्स एवं मैथ्स के जटिल सवालों का अध्ययन करना पड़ता था। कलेक्टर से भेट के दौरान जिला खेल अधिकारी श्री अरविन्द इलयाजर भी उपस्थित थे।

रिपोर्ट- चंदर सिंह बागवान

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *