Monkey pox: दुनियाभर में फैल रहे मंकीपॉक्स वायरस ने लोगों की चिंता को और भी ज्यादा बढ़ा दिया है। इस वायरस को मंकीपॉक्स या एमपॉक्स वायरस भी कहा जा रहा है।
Monkey Pox
हेल्थ एजेंसियों के द्वारा इस वायरस को ग्रेड 3 इमरजेंसी के रूप में वर्गीकृत किया है, जिसका मतलब है इस पर तत्काल ध्यान देने की सभी को बेहद जरूरत है। आखिर क्या है ये वायरस और इसके क्या है लक्ष्ण, क्या है बचाव।
क्या है मंकीपॉक्स
एमपॉक्स या मंकपॉक्स एक वायरल बीमारी है जो कि मंकीपॉक्स वायरस नाम के वायरस के कारण फैलता है, जो कि ऑर्थोपॉक्सवायरस जीनस की एक प्रजाति है। इस इस वायरस की पहचान पहली बार 1958 में की गई थी। उस समय बंदरों में यह बीमारी का काफी ज्यादा फैली हुई थी। इस वायरस का संबंध चेचक, काउपॉक्स, वैक्सीनिया जैसी बीमारियों से है। यह वायरस संक्रमित जानवर के संपर्क में आने से इंसानों में भी फैल रहा है।
क्या है इसके लक्ष्ण
इस संक्रमण के लक्षण में बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, थकान और त्वचा पर दाने या फुंसियां ये सभी शामिल हैं। इसके लक्षण 2 से 4 हफ्तों तक रहते हैं। बच्चों, प्रेग्नेंट महिलाओं और कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों में इस संक्रमण का खतरा ज्यादा होता है।
क्या है इसके बचाव के उपाय
इस वायरस से बचाव के लिए यह जरूरी है कि लोग अपना ख्याल रखें और इम्यूनिटी को मजबूत करने पर ध्यान दें। वहीं, बच्चों और गर्भवती महिलाओं को इससे अपना खास ख्याल रखने की जरूरत है।
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