Nipah Virus: केरल में हो रही मौतों के पीछे Nipah वायरस, जाने कितना खतरनाक है यह वायरस

Nipah Virus

Nipah Virus: दक्षिणी राज्य केरल में एक बार फिर से निपाह वायरस फैलने की की खबर है। कोझिकोड जिले में बुखार से दो मरीजों की मौत के बाद केरल में एक बार फिर से निपाह वायरस फैलने के आशंका जताई गई है।

Nipah Virus

कोझिकोड जिले में बुखार से तो मरीजों की मौत हुई है। ऐसी आशंका है कि निपाह वायरस से दोनों मरीजों की मौत हुई है। दो लोगो की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग अलर्ट पर है। स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने सोमवार को हाई लेवल मीटिंग की और हालात का जायदा लिया । यह दोनों मौतें एक निजी अस्पताल में हुई है। और निपाह वायरस को इसकी वजह माना जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक मरने वालों में से एक के रिश्तेदार की हालत भी गंभीर है और उसे आईसीयू में भर्ती किया गया।

Nipah Virus: बुखार से दो मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग की मंत्री ने कहा की निगरानी शुरू कर दी गई और मृतकों के सैंपल जांच के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट आफ वायरोलॉजी के पास भेजा गया है। उन्होंने बताया कि मृतकों के रिश्तेदार भी अस्पताल में भर्ती है। उन्होंने 9 साल और 14 साल के बच्चे की मौत की पुष्टि की है ।इन दोनों के रिश्तेदार निजी अस्पताल में इलाज करवा रहे हैं।

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निपाह वायरस जानवरों से फैलता है

विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक नेपाल वायरस एक जूनोटिक वायरस है यानी कि यह जानवरों के जरिए इंसानों में फैला है कई बार यह खाने पीने की चीजों और इंसान से इंसान में भी फैल सकता है।

1999 में पहली बार निपाह वायरस मलेशिया के गांव सुनगई निपाह में आया था इसलिये इसका नाम निपाह वायरस है।

कई वायरस की तरह ही निपाह का सोर्स भी जानवर को ही माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि चमगादड़ के जरिए यह वायरस इंसानों तक फैलता है। हालांकि ऐसा भी मानना है कि यह सूअर कुत्ते घोड़े बिल्ली और संभवत भेद से भी फैल सकता है।

अगर नेिपाल वायरस से कोई व्यक्ति संक्रमित हो गया हो तो वह दूसरों को भी संक्रमित कर सकता है मतलब एक की वजह से दूसरे लोग भी संक्रमण की चपेट में आ सकते हैं।

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खतरनाक है नेपाल वायरस

नेपाल वायरस को कम संक्रमण संक्रामक लेकिन घातक माना गया है। इसका मतलब है कि इससे संक्रमित तो कम लोग हो सकते हैं लेकिन मृत्यु दर ज्यादा होती है। केरल में जब एक बार नेपाल वायरस फैला था तो इसकी मृत्यु दर 45 से 70 फ़ीसदी तक थी।

इतना ही नहीं अगर किसी शख्स की निपाह वायरस से मौत हुई तो वह उसे परिवार के दूसरे सदस्य भी इसे संक्रमित हो सकते हैं। ऐसे में निपाह संक्रमित व्यक्ति का अंतिम संस्कार करते समय सावधानी बरतने की जरूरत होती है।

गर कोई शख्स निपाह वायरस से संक्रमित होगा तो उसमें तेज बुखार सिर दर्द ,सांस लेने में तकलीफ ,गले में खराश टिपिकल निमोनिया जैसे लक्षण दिखाई पड़ेंगे

अगर स्थिति ज्यादा गंभीर रही तो इंसान inflelaitis कभी शिकार हो सकता है और 24 से 48 घंटे में कोमा में जा सकता है।

निपाह वायरस के लक्षण किसी भी इंसान में 5 से 14 दिन के भीतर देख सकते हैं। लेकिन कुछ मामलों में यह 45 दिनों तक खींच सकता है ।यह वायरस से जुड़ा सबसे खतरनाक पहलू है क्योंकि आपको पता भी नहीं चलेगा और आप कई लोगों को इस वायरस से संक्रमित कर देंगे। कुछ मामले ऐसे भी हो सकते हैं जहां पर व्यक्ति ने पास से संक्रमित हो लेकिन उसमें कोई लक्षण दिखाई ना पड़े।

Nipah Virus 1999 में पहला निपाह का मामला देखने को मिला था लेकिन अब तक अब तक ना तो उसके इलाज की कोई दवा है ना ही रोकथाम के लिए कोई वैक्सीन अभी के लिए निपाह का इलाज सिर्फ सावधानी ही है।

अगर कुछ बातों का ध्यान रखा जाए तो इस वायरस की चपेट में आने से बचा जा सकता है। जैसे चमगादड़ और सूअर के संपर्क में आने से बचे जमीन या सीधे पेड़ से गिरे फल न खाएं , मास्क लगाकर रखें समय-समय पर हाथ धोते रहें वहीं अगर कोई भी लक्षण दिखाई पड़े तो फौरन डॉक्टर से संपर्क करे ।

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