Nitish Kumar Speech: यह मेरी मूर्खता से बना मुख्यमंत्री विधानसभा में जीतन राम मांझी पर भड़के नीतीश कुमार

jitam ram manjhi nitish kumar

Nitish Kumar Speech: बिहार विधानसभा में गुरुवार को जाति का सर्वे और आरक्षण का दायरा बढ़ाने पर चर्चा हुई। इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पूर्व सीएम जीतन राम मांझी के बीच तीखी बहस देखने को मिली।

Nitish Kumar Speech

Nitish Kumar Speech: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यहां तक कह दिया की माझी उनकी मूर्खता से बिहार के मुख्यमंत्री बने। गौरतलब है की चर्चा के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री जितना मांझी ने कहा कि हम नहीं चाहते कि बिहार की जाति का जनगणना अगर आंकड़े गलत है तो सभी लोगों तक लाभ नहीं पहुंच पहुंच सकता।

जीतमराम मांझी स्पीच दे रहे थे तभी नीतीश कुमार अचानक भड़क गए वह बोले इस आदमी को कोई आईडिया है । इसको हमने मुख्यमंत्री बना दिया था दो महीने के अंदर ही मेरी पार्टी के लोग कहने लगे इसको हटाइए यह गड़बड़ है… मुख्यमंत्री बने कहता रहता है कि मुख्यमंत्री था यह.. मुख्यमंत्री था यह मेरी मूर्खता से मुख्यमंत्री बना।

नीतीश कुमार ने आगे कहा कि यह माझी गवर्नर बनना चाहत इसके बाद सीएम ने बीजेपी के विधायकों की तरफ इशारा करते हुए कहा इसको राज्यपाल बना दीजिए । इसके बाद मामला बिगड़ता देख सत्ता पक्ष की तरफ से कुछ विधायक और तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार को संभाल बाद में विजय चौधरी ने नीतीश को रोका।

Nitish Kumar
Nitish Kumar

जीतन मांझी पहले नीतीश कुमार के करीबी नेताओं में से एक माने जाते थे। साल 2014 में जब लोकसभा चुनाव में जनता दल यूनाइटेड को हार मिली तो नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर 9 में 2014 को अपने विश्वासपात्र महादलित समाज के जीतनराममांझी को मुख्यमंत्री पद सौंप दिया था। शुरुआत में मांझी को रिमोट कंट्रोल कम कहा गया लेकिन धीरे-धीरे मस्जिद खुद बड़े फैसले देने लगे और नीतीश कुमार से उनकी दूरियां बढ़ने लगी धीरे-धीरे स्थिति जब बिगड़ी तो पार्टी ने मांझी को इस्तीफा देने के लिए कहां लेकिन पर मुकर गए फिर उनको जदयू से निकाल दिया गया। इस तरह जीतनराम मांझी में 2014 से 2015 तक 9 महीने बिहार के मुख्यमंत्री रहे। बाद में माझी ने यहां तक कह दिया नीतीश ने नैतिकता का नाटक किया और अपनी खस्ता होती स्थिति से उभरने के लिए इस्तीफा दे दिया और माझी जी को ढाल बनाया।

आपको बता दें बिहार विधानसभा में हंगामा से पहले 75 प्रतिशत आरक्षण वाला विधायक बिना विरोध के पास हो गया था बिहार में अभी आरक्षण की सीमा 50 भेज दी है। ईडब्ल्यूएस को 10% आरक्षण से अलग मिलता है और नीतीश कुमार का प्रस्ताव कानून में बदलता है तो आरक्षण की 50% की सीमा टूट जाएगी बिहार में कुल 65 सीट दी आरक्षण मिलने लगेगा इसके अलावा ईडब्ल्यूएस का 10% आरक्षण अलग रहेगा।

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