One Nation One Election: वन नेशन वन इलेक्शन लागू हुआ तो बिहार उत्तर प्रदेश समेत 22 राज्यों में बदल जाएगा सियासी गेम

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One Nation One Election: वन नेशन वन इलेक्शन को केंद्रीय कैबिनेट से बुधवार को मंजूरी मिल गई वन नेशन वन इलेक्शन पर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। इस बिल को शीतकालीन सत्र में संसद में पास करवाएगी सरकार इसके बाद या कानून बन जाएगा और इसके साथ ही देश में एक साथ चुनाव करवाने के दरवाजे भी खुल जाएंगे ऐसे में लिए समझते हैं यदि देश में एक साथ चुनाव हुआ और सभी विधानसभा चुनाव 2029 के लोकसभा चुनाव के साथ होंगे तो कौन-कौन से राज्य में इसका क्या असर पड़ेगा।

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वन नेशन वन इलेक्शन लागू होने से आंध्र प्रदेश अरुणाचल उड़ीसा सिक्किम पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा क्योंकि यहां लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ होते हैं। इसके अलावा 22 ऐसे राज्य हैं जहां समय से पहले चुनाव कराने होंगे वन नेशन वन इलेक्शन लागू होने के बाद बिहार गोवा असम गुजरात हिमाचल प्रदेश हरियाणा झारखंड कर्नाटक केरल मणिपुर मेघालय महाराष्ट्र नागालैंड दिल्ली पांडिचेरी पंजाब तमिलनाडु त्रिपुरा उत्तराखंड उत्तर प्रदेश जम्मू कश्मीर और पश्चिम बंगाल में इस समय से पहले चुनाव कराने होंगे।

एक देश में एक चुनाव लागू होता है तो मिजोरम छत्तीसगढ़ मध्य प्रदेश राजस्थान और तेलंगाना में देरी से चुनाव होंगे केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रस्ताव को केंद्रीय मंत्रिमंडल की मिली मंजूरी को जानकारी देते हुए कहा कि पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति के सिफारिश को आगे बढ़ाने के लिए क्रियान्वित समूह का गठन किया जाएगा और अगले कुछ महीनो में देश भर के तमाम मंचों पर विस्तृत चर्चा की जाएगी उन्होंने बताया कि सरकार अपने मौजूदा कार्यकाल में से लागू होगा।

देश में 1951 से 1967 के बीच एक साथ चुनाव हुए थे लेकिन उसके बाद मिड टर्म चुनाव समेत तमाम कर्म से चुनाव अलग-अलग समय पर होने लगे और इस वर्ष में जून में लोकसभा चुनाव हुए जबकि उड़ीसा सिक्के मध्य प्रदेश और अरुणाचल प्रदेश जैसे राज्यों में भी संसदीय चुनाव के साथी विधानसभा चुनाव हुए।

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Reported By: Mamta Chaturvedi