Sonia Gandhi Letter: सोनिया गांधी के PM मोदी को लिखा पत्र-संसद का एजेंडा क्या है ?

Sonia Gandhi

Sonia Gandhi Letter: कांग्रेस महासचिव जय राम रमेश ने बताया कि सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर संसद के विशेष सत्र का एजेंडा पूछा है सोनिया गांधी ने यह भी कहा है कि बिना चर्चा के सत्र के ऐलान क्यो किया गया ।

Sonia Gandhi Letter

कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर संसद के विशेष सत्र का एजेंडा पूछा है। सोनिया गांधी ने इस पर भी सवाल उठाया है कि बिना किसी चर्चा के विशेष सत्र का ऐलान क्यों किया गया।

गौरतलब है कि मल्लिकार्जुन , सोनिया गांधी की अध्यक्षता में मंगलवार को कांग्रेस की बैठक हुई और इंडिया गठबंधन के दलों के साथ मीटिंग हुई। सत्र में विपक्ष किन मुद्दों को उठाने जा रहा है इसे लेकर बैठक में चर्चा हुई है।

पार्टी कांग्रेस पार्टी के महासचिव जयराम रमेश (Jairam Ramesh) ने कहा कि बैठक में सांसद कांग्रेस संसदीय दल का रणनीति समूह शामिल हुआ। इसके बाद इंडिया गठबंधन के दलों के सांसदों के साथ बैठक हुई। उन्होंने बताया कि बैठक में तय हुआ है कि विपक्ष सदन का बहिष्कार नहीं करेगा बल्कि लोगों के मुद्दों को उठेगा।

जयराम रमेश ने कहा कि 6 सितंबर की सुबह सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा और पूछा कि कोई चर्चा किए बिना ही संसद का विशेष सत्र बुलाने का ऐलान क्यों कर दिया गया पत्र में यह भी लिखा गया है की विशेष सत्र की कार्य सूची जारी की जाती है और ऐसा पहली बार है कि संसद के विशेष सत्य की कार्य सूची जारी नहीं की गई है जो दुर्भाग्यपूर्ण है।

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Sonia Gandhi Letter सोनिया गांधी ने चिट्ठी में और क्या-क्या पूछा है आईए जानते हैं

सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में उन मुद्दों का जिक्र किया है जो पार्टी विशेष सत्र में उठाना चाहती है सोनिया गांधी ने मांग की है। कि मुद्दों पर चर्चा हो, केवल सरकारी एजेंटा पर बात नहीं होनी चाहिए ।18 से 22 सितंबर के लिए सदन का विशेष सत्र बुलाया गया है।

मौजूदा आर्थिक स्थिति पर चर्चा – महंगाई, बेरोजगारी, एमएसएमई उद्योग की परेशानी

किसानों को एसपी की मांग– किसान आंदोलन के समय एसपी की कानूनी गारंटी का वादा किया गया था इस पर चर्चा।

अडानी पर जेपीसी- अडानी समूह को लेकर कथित खुलासों और समूह के मोदी सरकार से कथित रिश्तों पर चर्चा और जेपीसी के गठन की मांग।

जातीय जनगणना– जाति जनगणना तो दूर जनगणना तक नहीं हुई है जनगणना जरूरी साथ ही जाति जनगणना की मांग

संघीय ढांचे पर हमला– रणनीति के तहत गैर भाजपा शासित राज्यों को परेशान किया जा रहा है केंद्र राज संबंधों पर चर्चा हो

प्राकृतिक आपदा– कई राज्यों में अत्यधिक बारिश और सूखे की बात पड़ी है लेकिन केंद्र सरकार ने आपदा घोषित नहीं किया इस पर भी चर्चा होनी चाहिए

चीन का मुद्दा- चीनी घुसपैठ पर 3 सालों से चर्चा नहीं हुई इस पर सामूहिक संकल्प लिया जाए

सांप्रदायिक तनाव– हरियाणा समेत अलग-अलग राज्यों में भाई और चिंता का माहौल है इस पर भी चर्चा जरूरी है

इस मणिपुर का मुद्दा 4 महीने बाद भी मणिपुर में हिंसा जा रही है इंफाल में अगले 5 दिनों तक कर्फ्यू लगाया गया है इस पर भी चर्चा होना चाहिए।

इसके अलावा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जयराम रमेश ने इंडिया अथवा भारत नाम विवाद पर कहा कि संविधान में लिखा है इंडिया देट्स भारत.. इस पर कोई बहस नहीं होनी चाहिए ।प्रधानमंत्री में न केवल घबराहट दिखाई दे रही है बल्कि थकावट भी दिख रही है। इंडिया गठबंधन की तीन बैठकों के बाद प्रधानमंत्री और उनके रणनीतिकार घबरा गए हैं।

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