Sunita Williams in International space station: क्यों 2025 तक धरती पर वापस नहीं लौट पायेंगी सुनिता विलियम्स ? कौन से खतरों से जूझ रहे हैं अंतरिक्ष यात्री ?

Sunita Williams in space

Sunita Williams in International space station: इंटरनेशनल स्पेस सेंटर से एक बुरी खबर आ रही है। सुनीता विलियम्स की वापसी को लेकर एक नई जानकारी मिली है। वह यह है कि अंतरिक्ष यात्रियों की वापसी अब शायद फरवरी 2025 से पहले संभव नहीं हो पाएगी।

Sunita Williams in International space station

बोइंग के नए स्टार लाइनर को जून में ही सुनीता विलियम्स और बैरी बुश विलमोर को लेकर पहले टेस्टिंग के लिए अंतरिक्ष में भेजा गया था । इन दोनों अंतरिक्ष यात्रियों को एक हफ्ते के भीतर ही पृथ्वी पर वापस लौटना था । हालांकि इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर उतरते ही स्टार लाइनर कैप्सूल में ट्रस्ट फैलियर और हीलियम लिंक जैसी कई कमियां आ गई थी। इन्हीं खामियों के चलते दोनों अंतरिक्ष यात्रियों की धरती पर वापसी को टाल दिया गया था और अब दोनों की जल्द ही वापसी की उम्मीद भी टूटती नजर आ रही है।

जानकारी के मुताबिक नशा अब इन दोनों अंतरिक्ष यात्रियों को वापस लाने के लिए एक नए विकल्प के तौर पर स्पेस एक्स ड्रैगन कैप्सूल का इस्तेमाल करने के लिए सोच रहा है। स्पेस एक्स ड्रैगन एक टेस्टेड रि-यूजेबल स्पेसक्राफ्ट है। इसका मतलब है कि कम से कम फरवरी 2025 तक सुनीता विलियम्स और विल्मर को इंटरनेशनल स्पेस सेंटर पर रहना पड़ सकता है। क्योंकि ड्रैगन का अगला मिशन स्थगित किया जा चुका है अब इस मिशन की जो स्थिति है उसके बारे में कई चिंताजनक सवाल खड़े हो रहे हैं। दोनों अंतरिक्ष यात्रियों की सेहत भी एक सबसे बड़ा मसला बनते जा रही है। इसके अलावा यह भी बात है कि क्या अगले 6 महीना के लिए इंटरनेशनल स्पेस सेंटर पर इन दोनों अंतरिक्ष यात्रियों के लिए किस तरह की तैयारी हैं।

जो जानकारी है उसके अनुसार इंटरनेशनल स्पेस सेंटर पर लंबे एक्स्पोज़र को लेकर माइक्रो ग्रेविटी तक सुनीता विलियम्स और बैरी बुश विलमोर को कई हेल्थ प्रॉब्लम जैसे बोन डेंसिटी की कमी, आंखों की रोशनी से जुड़ी समस्या और डीएनए डैमेज होने के चलते कैंसर होने जैसे बड़े खतरे हो सकते हैं । आपको जानकारी के लिए बता दें कि इन्हीं सभी कारणों के चलते स्पेस एक्सप्लोरेशन मिशन को कम अवधि के लिए रखा जाता है। 6 महीने तक अंतरिक्ष यात्रियों को रोकने के लिए इंटरनेशनल स्पेस सेंटर कितना सक्षम है ? तो इस सवाल का जवाब हां है । आपको बता दें कि इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन इन एस्ट्रोनॉट की सभी जरूरतों को पूरा करने के लिए पूरी तरीके से सक्षम है।

इंटरनेशनल स्पेस सेंटर एक बड़ी स्पेस फैसिलिटी है और इसकी लंबाई 356 फीट या 109 मीटर है। यानी कि करीब एक अमेरिकन फुटबॉल स्टेडियम के बराबर। यहां रहने और काम करने का एरिया भी 6 बेडरूम जितने एक घर के बराबर है। फिलहाल इंटरनेशनल स्पेस सेंटर पर सुनीता विलियम और बैरी बुश विलमोर के अलावा सात और अंतरिक्ष यात्री हैं । इस स्पेस स्टेशन पर चार अमेरिका यात्रियों के अलावा तीन रूस के यात्री और भी है। इंटरनेशनल स्पेस सेंटर पर ऑक्सीजन जेनरेशन यूनिट है जो अंतरिक्ष यात्रियों को सांसों से निकलने वाली ऑक्सीजन को इकट्ठा करने में पूरी तरह सक्षम है। अगर पानी की बात करें तो पानी की तो इंटरनेशनल स्पेस सेंटर पर एक ऐसी टेक्नोलॉजी है जिसे स्पेस में मॉइश्चर को इकट्ठा करके उसे पानी में बदल दिया जाता है। इसके अलावा एक ऐसा उपकरण भी लगा है जो यूरिन को प्यूरिफाई करके और पीने वाले पानी के रूप में बदल देता है।आपको बता दें कि फिलहाल इंटरनेशनल स्पेस सेंटर पर अंतरिक्ष यात्रियों की मौजूदा जरूरत के हिसाब से पर्याप्त मात्रा में राशन पानी है।

इंटरनेशनल स्पेस सेंटर पर सप्लाई होने वाले सभी खाने वाले पदार्थ को खासतौर पर ह्यूस्टन स्थित नासा के स्पेस फूड सिस्टम लेबोरेटरी में सभी पोषण संबंधी आवश्यकता और भूख को ध्यान में रखकर तैयार किया जाता है। इंटरनेशनल स्पेस सेंटर में भोजन उपलब्धता की बात अगर करें तो इसमें 12वीं कट बीफ बिस्किट, सब्जियां और यहां तक की मिठाई जैसी अन्य पसंदीदा चीज भी शामिल हैं। हाल ही में 6 अगस्त को को जी- 21 कार्गो स्पेसक्राफ्ट द्वारा रिफिल किया गया था जिसमें भोजन के अलावा दूसरी ज़रूरी चीज़ और कपड़े भी शामिल थे। फिलहाल विलियम्स और बैरी बुश विलमोर के सामने खाने कपड़े और दूसरी बेसिक जरूरत की चीजों की कोई कमी नहीं है लेकिन फिलहाल उनकी धरती पर वापसी अभी अधर में लटकती हुई दिख रही है।

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