Swati Maliwal: स्वाति मालीवाल जाएंगी राज्यसभा, जानिए कैसे मिला सियासत में इनाम

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Swati Maliwal: आम आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली महिला आयोग के अध्यक्ष स्वाति मालीवाल को संसद के उच्च सदन यानी के राज्यसभा भेजने का फैसला किया है।

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Swati Maliwal: राज्यसभा के लिए 19 जनवरी को होने वाले चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी ने तीन सीटों पर उम्मीदवार के नाम का ऐलान कर दिया है अरविंद केजरीवाल ने अपने मौजूदा राज्यसभा सांसद संजय सिंह वारंटी गुप्ता को दोबारा राज्यसभा भेजने की घोषणा की है जबकि सुशील गुप्ता को दूसरा मौका नहीं दिया गया।

दिल्ली विधानसभा में विधायकों की संख्या के आधार पर तीनों ही राज्यसभा सीट पर आम आदमी पार्टी की जीत है मानी जा रही है क्योंकि दिल्ली विधानसभा की कुल 70 सीटों में से 62 सीट पर आम आदमी पार्टी के विधायक हैं जबकि भाजपा के 8 विधायक है ऐसे में आम आदमी पार्टी स्वाति मालीवाल के ईमानदारी और पार्टी के प्रति वफादारी का इनाम दिया है स्वाति मालीवाल आम आदमी पार्टी के तेज तरह नेताओं में मानी जाती हैं वह अक्सर विवादों में भी गिरी रहती हैं।

दिल्ली के सियासत में स्वामी माली वाले जानी-मानी शख्सियत बन चुकी है। दिल्ली में 2015 में अरविंद केजरीवाल की सरकार बनने क के बाद से स्वाति मालीवाल दिल्ली महिला आयोग की कुर्सी पर कभी से दिल्ली महिला आयोग के अध्यक्ष के तौर पर अपने कामों से जिस तरह जमीनी स्तर पर सक्रिय रहती है । उतनी ही सोशल मीडिया पर भी रहती हैं।

साल 2015 में 31 साल की उम्र में स्वाति मालीवाल ने दिल्ली महिला आयोग के अध्यक्ष का कमान संभाला था तब दिल्ली की जनता उनके नाम से भले ही वाकिफ ना हो, लेकिन आज हर दिल्ली के लोग उनका नाम जानता हैं। स्वाति मालीवाल के सियासी कद का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जन लोकपाल आंदोलन के लिए बनी इंडिया अगेंस्ट करप्शन की कोर कमेटी की सबसे कम उम्र की सदस्य थी उस समय इस कमेटी के अन्य सदस्यों में अरविंद केजरीवाल प्रशांत भूषण किरण बेदी जैसे बड़े-बड़े नाम शामिल थे।

हालांकि स्वाति मालीवाल का अन्ना आंदोलन से पहले ही केजरीवाल से जुड़ी हुई थी केजरीवाल के गो परिवर्तन के साथ स्वाति मालीवाल जुड़ी हुई थी परिवर्तन के लिए काम करते हुए स्वाति मालीवाल दिल्ली में जन वितरण प्रणाली में सुधार लाने और सूचना का अधिकार के प्रति लोगों को जागरूक करने की दिशा में काम भी कर रही थी।

आपको बता दें कि स्वाति मालीवाल का जन्म 1984 को गाजियाबाद में हुआ था उनके पिता का नाम अशोक मालीवाल है और मां का नाम संगीता मालीवाल स्वाति मालीवाल की शुरुआती शिक्षा दीक्षा अलग-अलग शहरों में हुई 2002 में उन्होंने मीठी स्कूल से नोएडा से इंटरमीडिएट किया इसके बाद दिल्ली के आईपी यूनिवर्सिटी से सूचना प्रौद्योगिकी में इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की है पढ़ाई के दौरान समाज सेवा से जुड़ गई और वह पर्यावरण संरक्षण के लिए काम करने वाले गैर सरकारी संगठन ग्रीन पीस के साथ काम करने लगी इसके बाद अरविंद केजरीवाल के गो परिवर्तन के साथ जुड़कर काम किया परिवर्तन में काम करते हुए स्वामी ने अरविंद केजरीवाल का भरोसा जीत और अन्ना आंदोलन के रास्ते पर आम आदमी पार्टी में अपना 86 सफर शुरू किया

स्वाति मालीवाल का राजनीतिक जीवन भले ही सफलता की बुलंदी पर पहुची लेकिन निजी जीवन में सफल नहीं रहा। स्वाति और नवीन जय हिंद ने एक साथ जीवन के साथ सियासत भी शुरू किया। जन लोकपाल आंदोलन के दौरान दोनों मिले फिर वह शादी के बंधन में बध गए। स्वाति मालीवाल ने खुद को दिल्ली के सियासत में रखा तो नवीन जय हिंद हरियाणा में आम आदमी पार्टी की कमान संभाल रहे थे लेकिन स्वाति मालीवाल खुद को स्थापित करने में कामयाब रही जबकि नवीन जय हिंद सफल नहीं हो सके 4 साल पहले स्वाति ने अपने पति नवीन से तलाक ले लिया इस बात की खुद उन्होंने ट्वीट कर जानकारी दी थी।

स्वाति आम आदमी पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक है। दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने जब चुनाव लड़ा तो केजरीवाल के तमाम करीबी चुनावी मैदान में उतरे लेकिन स्वाति मालीवाल पार्टी के लिए काम करती रही । दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद स्वाति मालीवाल को मुख्यमंत्री जन शिकायत प्रकोष्ठ का प्रमुख बनाया गया और मुख्यमंत्री के जनता संवाद में आने वाले लोगों की समस्याओं के समाधान की जिम्मेदारी उनको सोपी गई।

2015 में उन्हें दिल्ली महिला आयोग का अध्यक्ष बनाया गया और अध्यक्ष बनते ही स्वाति मालीवाल ने दिल्ली के सबसे बदनाम और क्या बस्ती जीबी रोड के तमाम कोठों को नोटिस जारी करके अपनी इरादे जाहिर कर दिए । 2018 में उनके कार्यकाल में विस्तार कर दिया गया इससे पहले वह उसे समय सुर्खियों में हिस्सा बनी जब बच्चियों से बलात्कार वाले मामले में फांसी देने और कुछ अन्य मांगों के साथ 10 दिन की भूख हड़ताल पर थी।

स्वाति मालीवाल हर बार अपने अलग अंदाज से महिलाओं से लेकर बच्चों पर हो रहे जुर्म अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाती रही है। आम आदमी पार्टी में उनका सियासी कद काफी मजबूत है। दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद उन्होंने मुख्यमंत्री जनता संवाद में आने वाले लोगों की समस्याएं सुनी और समाधान की जिम्मेदारी भी संभाली । इसी का इनाम उन्हें महिला आयोग के अध्यक्ष के रूप में मिला और अब अरविंद केजरीवाल राज्यसभा भेज रहे हैं ताकि संसद में भी महिलाओं के आवाज को उठा सके।

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