UP Teacher: पिछले दिनों इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने शिक्षक भर्ती की मेरिट लिस्ट को रद्द कर दिया।
UP Teacher
इसके बाद शिक्षक सड़कों पर आ गए। प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों पर पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया। इन सब के बीच अब ये मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट की बेंच के आदेश को रोकने के लिए दाखिल इस याचिका में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश सरकार 69000 शिक्षक भर्ती की मूल चयन सूची न बनाई जाए। इससे सामान्य वर्ग के छात्रों का अहित होगा।
सिंगल जज बेंच के आदेश पर हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक सरकार यदि मूल चयन सूची बनाती है तो 19000 गलत तरह से लगाए गए शिक्षक इस भर्ती की सूची से बाहर हो जाएंगे।
शिक्षक भर्ती में OBC वर्ग को 27% जगह मिली है, जबकि SC वर्ग के अभ्यार्थियों को 3.86% जगह मिली है।
इसमें 21% की जगह सिर्फ 16.2% आरक्षण मिला है। शिक्षक भर्ती में बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 तथा आरक्षण नियमावली 1994 का घोर उल्लंघन हुआ है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने 13 अगस्त को 69000 शिक्षक भर्ती की पूरी लिस्ट को रद्द करते हुए बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 और आरक्षण नियमावली 1994 का पालन करते हुए 3 माह के अंदर पूरी लिस्ट को मूल चयन सूची के रूप में बनाने के आदेश दिए थे।
जनरल वर्ग के अभ्यर्थी विनय पांडेय और शिवम पांडेय ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। इससे पहले आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने कैविएट दाखिल की थी।
इसे भी पढ़े:-Chanakya Neeti: चाणक्य की ये नीति का सबको पालन करना चाहिए