औरैया, जहां कभी गूंजती थी गोलियों की तड़तड़ाहट आज गूंज रहे जय माँ के जयकारे

औरैया, यूपी। औरैया जनपद जो किसी की पहचान का मोहताज नहीं है । लगभग एक दशकपूर्व औरैया जनपद दस्यु प्रभावित जिला था । जिस जनपद में आदमी दिन में भी बीहड़ में निकलने में डरता था । क्योकि बीहड़ में जाने का मतलब अपहरण । खौफनाक दस्यु फक्कड़ ,कुसुमा ,सीमा परिहार , जगजीवन परिहार समेत कई नामी गिरामी दस्यु इसी बीहड़ में शरण लिए रहते थे । यमुना किनारे बीहड में स्थित माँ मँगला काली का प्राचीन मंदिर भी इन्ही दस्युओं की कहानी बयां करता है । माँ मंगलाकाली के इस मंदिर में कभी खौफनाक दस्यु अपने गिरोह के साथ आके मंदिर में घंटे चढ़ाते थे । माँ के प्रति दस्युओं का विश्वाश अटूट था । किसी भी काम को करने से पूर्व व् सफलतापूर्वक काम हो जाने के बाद दस्यु दल इसी मंदिर में आकर रुकते व् माँ की भक्ति व् पूजा भी करते थे। दस्युओं के डर के कारण आमजनमानस इस ओर आने से कतराते थे। दस्यु उन्मूलन के बाद जब बीहड़ दस्यु की गोलियों की आवाज से मुक्त हुआ तब से आज तक अनवरत इस मंदिर में भक्तो की भीड़ लगी रहती है ।
यमुना के किनारे बीहड़ में स्थित माँ मंगलाकाली का मंदिर कितना प्राचीन है इसके बारे में अभी तक कोई भी सही से नही बता पाये । लेकिन इस मंदिर के पुजारी के अनुसार यह मंदिर लगभग 500 वर्ष से अधिक प्राचीन है । आज भी इस मंदिर में वैसे तो हर समय मंदिर में भक्तो की भीड़ लगी रहती है लेकिन नवरात्रि में माँ मंगलाकाली का विशेष महत्व है । नवरात्रि में सिर्फ औरैया जनपद ही बल्कि आस पास के कई जिले जैसे जालौन,कन्नौज,इटावा,कानपुर समेत अन्य कई जनपदों से श्रद्धालु आते है व् अपनी मन्नते मांगते है । मन्नत के पूर्ण हो जाने पर भक्त अपने मुँह में सांगो को घुसेड़ कर अपनी भक्ति का परिचय कराते है ।बच्चे बूढ़े महिला पुरुष सभी माँ के प्रति आस्था के भाव से यंहा आते है व् उनकी मुरादे माँ पूरी करती है ।

माँ मंगलाकाली मंदिर आज अपने वास्तविक रूप से काफी बदल चूका है । पूर्व के समय मे शाम की तो बात छोड़िए दिन में भी लोग आने जाने से डरते थे , क्योंकि यहां दस्युओं के आवागमन की वजह से यहां पर अपहरण की घटनाओं में बढ़ोतरी थी , वर्तमान समय मे दस्यु उन्मूलन के बाद अब यहां शाम को छोडीए देर रात में भी मंदिर की छटा निहारने भक्त जन आते जाते रहते है और वर्तमान समय मे ज्यादा ही भक्तों का देर रात तक आना जाना लगा रहता है ।

रिपोर्ट- अंजुमन तिवारी

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