नई दिल्ली। 78 में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले के प्राचीर से पूरे देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं और बधाई दी। इसके अलावा उन्होंने कहा कि आज को शुभ घड़ी है जब हम देश के लिए मर मिटने वाले देश की आजादी के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले, आजीवन संघर्ष करने वाले और फांसी के तख्ते पर चढ़कर के भारत मां की जय के नारे लगाने वाले अनगिनत आजादी के दीवानों को हम नमन करते हैं।
इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश में आई प्राकृतिक आपदा, जिसमें लोगों नें जो अपने परिवार जनों को खोया है, संपत्ति खोई है, राष्ट्र का जो नुकसान हुआ है, उनके प्रति मैं अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं । इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने देश के उन तमाम बड़े मुद्दों को उठाया जो की विपक्ष के साथ-साथ देश के लोगों के प्रति भी इशारा था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हम संकल्प के साथ बढ़ तो रहे हैं लेकिन यह भी सच है कि कुछ लोग ऐसे होते हैं जो प्रगति नहीं देख सकते । कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो भारत की भला नहीं सोच सकते। जब तक खुद का भला न हो तब तक उनको किसी का भला अच्छा नहीं लगता है। ऐसे विकृत मानसिकता से भरे हुए लोगों की कमी नहीं है। देश को ऐसे लोगों से बचना होगा।
उन्होंने आगे कहा कि मैं देशवासियों से कहना चाहता हूं कि हम अपने नेक नीयत से, अपनी ईमानदारी से, राष्ट्र के प्रति समर्पण से, हम सारी परिस्थितियों के बावजूद भी विपरीत मार्ग पर जाने वाले के लिए भी उनके भी दिल जीत करके हम देश को आगे बढ़ाने के संकल्प में कभी पीछे नहीं हटेंगे ।यह मैं विश्वास दिलाना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि चुनौतियां हैं, अनगिनत चुनौतियां हैं ,देश के भीतर भी और देश के बाहर भी। लेकिन जैसे-जैसे हम ताकतवर बनते जाएंगे, हमारा तजुर्बा बढ़ता जाएगा, वैसे-वैसे चुनौतियां भी बढ़ती जाएगी। बाहर की चुनौतियां तो और भी बढ़ाने वाली है। मुझे उसका भली-भांति अंदाजा है । लेकिन मैं ऐसी शक्तियों को कहना चाहता हूं कि भारत का विकास किसी के लिए संकट लेकर नहीं आता है।
पीएम मोदी ने भ्रष्टाचार पर बोलते हुए कहा कि हमने भ्रष्टाचार के खिलाफ एक जंग छेड़ दी है। मैं जानता हूं इसकी कीमत मुझे चुकानी पड़ती है। मेरी प्रतिष्ठा को चुकानी पड़ती है। लेकिन राष्ट्र से बड़ी प्रतिष्ठा नहीं हो सकती है। राष्ट्र के सपनों से बड़ा मेरा सपना नहीं हो सकता है और इसलिए ईमानदारी के साथ भ्रष्टाचार के खिलाफ मेरी लड़ाई जारी रहेगी और तेज गति से जारी रहेगी और भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई होती रहेगी। उन्होंने कहा कि देश में इतना महान संविधान हमारे पास होने के बावजूद भी कुछ लोग ऐसे निकल रहे हैं जो भ्रष्टाचार को महिमा मंडित कर रहे हैं। भ्रष्टाचारियों की स्वीकार्यता बढ़ाने का जो निरंतर प्रयास चल रहा है वह स्वस्थ समाज के लिए बहुत बड़ी चुनौती बनता जा रहा है।
उन्होंने बांग्लादेश पर भी बोलते हुए कहा कि बांग्लादेश में जो कुछ भी हुआ है उसको लेकर पड़ोसी देश होने के नाते हमारी चिंता होना स्वाभाविक है। मैं उसको समझ सकता हूं लेकिन मैं आशा करता हूं कि वहां पर हालात जल्द ही ठीक होंगे। खास करके 140 करोड़ देशवासियों की चिंता कि वहां के हिंदू, वहां के अल्पसंख्यक, उस समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित हो हमारा देश हमेशा चाहता है कि पड़ोसी देश सुख और शांति के मार्ग पर चलें।
इसके अलावा उन्होंने कहा कि देश की मांग है कि अब देश में एक सेकुलर सिविल कोड बने। हम कम्यूनल सिविल कोड में 75 साल से रहते आए हैं। अब हमें सेकुलर सिविल कोड की तरफ जाना होगा और तब जाकर देश में धर्म के आधार पर जो भेदभाव हो रहे हैं, सामान्य नागरिकों को दूरी महसूस होती है उसे हमें मुक्ति मिलेगी।
इसके अलावा उन्होंने परिवारवाद पर हमला करते हुए कहा कि मैं देश में एक चिंता के बारे में हमेशा कहता हूं कि परिवारवाद जातिवाद भारत के लोकतंत्र को बहुत नुकसान पहुंचा रहा है। देश को राजनीति को हमें परिवारवाद और जातिवाद से मुक्ति दिलानी होगी । हम जल्द से जल्द देश में राजनीतिक जीवन में शुरुआत में प्रतिनिधित्व के रूप में एक लाख ऐसे नौजवानों को आगे लाना चाहते हैं जिनके परिवार में किसी का भी कोई राजनीतिक बैकग्राउंड ना हो । आगे उन्होंने कहा कि बार-बार चुनाव इस देश की प्रगति में रुकावट बन रहे हैं, गतिरोध पैदा कर रहे हैं। आज किसी भी योजना को चुनाव के साथ जोड़कर देखना आसान हो गया है। ऐसे में वन नेशन वन इलेक्शन के लिए देश को आगे आना ही होगा । हर काम को चुनाव के रंग से रंग दिया गया है। इस पर देश में व्यापक चर्चा हुई है। सभी राजनीतिक दलों ने अपने विचार रखे हैं। एक समिति ने बहुत बढ़िया अपना रिपोर्ट भी तैयार किया है। मैंने पहले भी कहा था कि मेरे तीसरे टर्म में देश विश्व की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था तो बनेगा ही लेकिन मैं तीन गुना काम भी करूंगा। मैं देशवासियों को आह्वान करता हूं कि हमारे पूर्वजों नें जो सपने देखे थे, उन सपनों को हम संकल्प बनाएं, अपने सपनों को जोड़ें ,अपने पुरुषार्थ को जोड़ें और 21वीं सदी जो भारत की सदी है इसी सदी में स्वर्णिम भारत बना करके रहें।