द कश्मीर फाइल्स फिल्म की 80% शूटिंग मसूरी में हुई, फिल्म के लाइन प्रोडक्शन कम्पनी द बज्ज मेकर के चेयरमैन पर्व बाली और गौरव गौतम ने साझा किये अपने अनुभव

मसूरी, उत्तराखंड। द कश्मीर फाइल्स फिल्म ने सिनेमाघरों में धूम मचाई हुई है। फिल्म की पटकथा, अदाकारी और लोकेशन की काफी तारीफ की जा रही है। द कश्मीर फाइल्स की करीब 90 प्रतिशत शूटिंग उत्तराखंड में हुई है जिसमें 80 प्रतिशत शूटिंग मसूरी के विभिन्न लोकेशन में हुई है। मसूरी के गांधी चौक को फिल्म में कश्मीर लाल चौक बनाया गया था जिसको लेकर फिल्म के डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री को भारी विरोध भी झेलना पडा था। फिल्म के कई सीन मसूरी मालरोड चार दुकान, रधुश्री होटल, प्रिंस होटल, सवाय, गांधी चौक में फिल्माया गया है।

आपको यहां एक और खास बात बता दें कि इस फिल्म में कई स्थानीय कलाकारों को भी काम करने का मौका मिला है। पूरी फिल्म में 1400 से ज्यादा स्थानीय लोगों को रोजगार दिया गया तो कई को फिल्म में अलग अलग किरदार निभाने के लिये तैयार किया गया। आपको बता दें कि द कश्मीर फाइल्स में प्रोडक्शन कम्पनी द बज्ज मेकर और स्थानीय लोगो की अहम भूमिका रही। जिसको लेकर लाइन प्रोडक्शन कम्पनी द बज्ज मेकर के चेयरमैन पर्व वाली ,गौरव गौतम और स्थानीय प्रोडेक्शन मैनेजर आशीष कनौजिया से खास बातचित की गई। जिसमें पर्व वाली ने बताया कि द कश्मीर फाइल्स की कामयाबी के बाद उनकीे पूरी टींम में उत्साह का महौल है।

उन्होंने कहा कि विवेक अग्निहोत्री के कुशल निर्देशन में द कश्मीर फाइल ने सभी रिकार्ड को तोडने जा रही है। पर्व बाली ने बताया कि मसूरी में शूटिंग के दौरान फिल्म यूनिट को कई समस्याओं को भी झेलना पड़ा परंतु इस को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और प्रशासन की पूरी टीम द्वारा फिल्म यूनिट की मदद की गई। उन्होंने बताया कि द कश्मीर फाइल्स कोई फिल्म नहीं है, यह कश्मीर पंडितों की सच्ची कहानी है जो पिछले 32 सालों से दबा हुआ था। ऐसे में फिल्म के डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री ने इस पूरी फिल्म पर रिसर्च करके फिल्म बनाई है व फिल्म के माध्यम से लोगों को कश्मीर पंडितों के द्वारा झेली गई यातनाओं को दिखाया गया है जिससे फिल्म देख रहे लोग अपने आंसू नही रोक पा रहे हैं। और यही कारण है कि आज देश में हर कोई व्यक्ति इस फिल्म को देखना चाह रहा है।

उन्होंने कहा कि शूटिंग के दौरान सबसे बड़ा चौलेंज था कि मसूरी को कश्मीर के रूप में दिखाना और इसको लेकर कई जगह मसूरी को कश्मीर की तरह बनाया गया। कई जगह भारत के खिलाफ स्लोगन दीवारों पर लिखे गए थे। मसूरी के गांधी चौक को कश्मीर को लाल चौक बनाया गया जहां पर पाकिस्तान के झंडे लगाए गए। उन्होंने कहा कि जब वह शूटिंग कर रहे थे तो पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए जा रहे थे। इसको लेकर लोगों ने भारी विरोध किया गया। वह लोगों के द्वारा उनकी शिकायत शासन और प्रशासन स्तर पर की गई। यहां तक की उनको देशद्रोही तक घोषित कर दिया गया था। परंतु स्थानीय अधिकारियों और शूटिंग यूनिट के लोगों द्वारा विरोध कर रहे लोगों को समझाया गया कि यह सिर्फ एक फिल्म का सीन है जिनको प्रदर्शित किया जा रहा है। जिसके बाद लोग बहुत मुश्किलों से शांत हुए। उन्होंने कहा कि फिल्म रिलीज होने के बाद कई लोग इसको पॉजिटिव रूप् में देख रहे है तो कई लोग इसका विरोध भी कर रहे हैं।

प्रोडक्शन कम्पनी द बज्ज मेकर के चेयरमैन गौरव गौतम ने बताया कि द कश्मीर फाइल्स फिल्म देखने के बाद लोगों ने उनसे बात की तो बताया कि फिल्म सच्ची घटना पर आधारित है। ऐसे में कश्मीर पंडितों ने उनको कई ऐसी बाते भी बताई जो फिल्म के माध्यम से प्रदर्शित नही की जा सकती थी। उन्होंने बताया कि कश्मीरी पंडितों को लेकर अभी भी कई राज छुपे हुए हैं। उन्होंने कहा कि कुछ ऐसे भी किरदार फिल्म में हैं जो हकीकत में उस समय कश्मीर में थे और उन्होंने फिल्म में बखूबी रूप् से उन्होने अपने किरदार को निभाया है। उन्होंने कहा कि फिल्म में देहरादून मसूरी और हरिद्वार से 14 सौ से ज्यादा जूनियर आर्टिस्ट को काम करने का मौका मिला है। वहीं फिल्म में मुख्य किरदार निभाना वाला बच्चा देहरादून का रहने वाला है। शूंटिंग के दौरान 50 से अधिक गाड़ियां किराए पर ली गई। वहीं स्थानीय मजदूरों को भी काम दिया गया। उन्होंने कहा कि इस फिल्म से उनकी कम्पनी को काफी उपलब्धि मिली है और जल्द नई फिल्म प्रोजेक्ट के साथ एक बार फिर विवेक अग्निहोत्री के निर्देशन में उत्तराखंड आ रहे हैं जिसमें मसूरी को प्रमुखता दी जा रही है। उन्होंने कहा कि विवेक अग्निहोत्री कंटेट फिल्म करते हैं और आने वाले दो फिल्म भी रियल कंटेट पर आधारित होगी।

स्थानीय निवासी आशीष कनौजिया ने बताया कि फिल्म द कश्मीर फाइल्स ने उनकी किस्मत बदल दी है। मसूरी में स्कूटी संचालन का काम करते थे और इसी दौरान उनकी मुलाकात प्रोडक्शन कम्पनी द बज्ज मेकर के चेयरमैन पर्व वाली और गौरव गौतम हुई। जिन्होने उनको फिल्म में प्रोडक्शन लाइन मैनेजर के रूप में काम दिय।उन्होंने कहा कि उन्होने कभी सोचा भी नहीं था कि वह फिल्म लाइन में जाएगे। उन्होंने कहा कि पहले प्रोजेक्ट के दौरान उनको काफी दिक्कत आई क्योंकि उनको फिल्म को लेकर कोई तजुर्बे नहीं था। परंतु हल्के हल्के उनको अपने काम के बारे में मालूम चलता चला गया। उन्होंने कहा कि द कश्मीर फाइल फिल्म ने उनकी किस्मत बदलने का काम कर दिया । मसूरी में कश्मीर फाइल की शूट करना चैलेंजिंग था परंतु स्थानीय होने के नाते उन्होंने लोगों को समझाया। स्थानीय लोगों को रोजगार और काम दिया वही स्थानीय व्यवसायी को भी आर्थिक रूप से काफी फायदा मिला है।

बता दे की उत्तराखंड में कई ऐसी खूबसूरत लोकेशन हैं, जिनकी तरफ बॉलीवुड खिंचा चला आ रहा है। हाल ही में कई ऐसी फिल्में हैं, जिनकी शूटिंग उत्तराखंड में हो रही हैं। मसूरी की ही बात करें तो हाल ही में यहां अक्षय कुमार और अभिनेत्री रकुल प्रीत भी फिल्म की शूटिंग के लिये आये थे।

रिपोर्ट- सुनील सोनकर

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