Patalpani Kalakund Heritage Train: मानसून के इस मौसम में मध्य प्रदेश के इंदौर के पास पातालपानी से काला कुंड के बीच पर्यटकों के लिए एक हेरिटेज ट्रेन चलाई जा रही है । पश्चिम रेलवे के रतलाम मंडल द्वारा संचालित यह मीटर गेज ट्रेन 10 किलोमीटर का सफर तय करती है जिसमें यात्रियों को कई सुरंगों और झरनों के मनमोहक दृश्य देखने को मिलते हैं।
Patalpani Kalakund Heritage Train

इस ट्रेन में दो विस्टाडोम एसी कोच और चार्ट नॉन एसी कोच है यह ट्रेन केवल शनिवार और रविवार को चलती है और इसकी लोकप्रियता इतनी ज्यादा है कि 24 अगस्त तक सभी सीटे बुक हो चुकी है ।
पातालपानी-कालाकुंड पश्चिम रेलवे का पहला हेरिटेज रेल खंड
पश्चिम रेलवे रतलाम मंडल के पातालपानी में कालाकुण्ड स्टेशनों के बीच एक विशेष हेरिटेज ट्रेन की शुरुआत मंगलवार, 25 दिसंबर, 2018 को की गई। यह सेक्लन वर्ष 2018 में भारतीय रेल द्वारा हेरिटेज सेक्शन घोषित किया गया है। इस मीटर गेज सेक्शन को हेरिटेज सेक्शन के रूप में विकसित करने और विशेष हेरिटेज ट्रेन चलाने के निर्देल मिलते ही, रतलाम मंडन द्वारा 25 दिसंबर, 2018 को विशेष हेरिटेज ट्रेन मफलतापूर्वक शुरू की गई।
विस्टाडोम कोच है आकर्षण का केंद्र
रतलाम मंडल द्वारा हेरिटेज ट्रेन में पर्यटकों के सफर को बेहतर और आरामदायक बनाने के लिए एसी विस्टाडोम लगाएं हैं। इन कोच में बड़े माइज के विंडोग्लास और ट्रेलिंग विंडो हैं। पर्यटकों की सुविधा के लिए कोच में स्वच्छ टायलेट का निर्माण भी किया गया है। कोच की बाहरी भाग को आकर्षक पीवीसी शीट से सजाया गया है।
इस खंड पर ट्रेन का परिचालन मुख्य रूप से जून-जुलाई से किया जाता है। गर्मियों के मौसम में काफी अधिक गर्मी पड़ने के कारण यहाँ पर्यटकों का आना जाना काफी कम हो जाने के कारण इसे बंद किया जाता है। इस ट्रेन के शुरुआत होते ही बड़ी संख्या में पर्यटक एवं रेल प्रेमी इस खूबसूरती से सजे ट्रेन स्टेशन और डीज़ल इंजन के साथ सेल्फी लेते और तस्वीरें खींचते नजर आते हैं। हेरिटेज ट्रेन के लिए इंजन एवं कुल पांच कोचों का सौंदर्याकरण किया गया है, जो प्राकृतिक दृश्यों को और भी मनमोहक बना देंगे। यह मीटर गेज लाइन लगभग 160 वर्ष पुरानी है।

पातालपानी-कालाकुंड खंड का ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य
तुकोजीराव होल्कर द्वितीय ने इंदौर से खंडवा तक रेल लाइन बिछाने का प्रस्ताव रखा था। ब्रिटिश सरकार से इसकी सहमति मिलने में 6 वर्ष लगे और ₹1 करोड़ के ऋण (4.5% ब्याज दर पर) के बाद इस परियोजना को मंजूरी मिली। कार्य 1870 में शुरू हुआ और 1878 में पूरा हुआ। यह मीटर गेज लाइन जयपुर से सिकंदराबाद के बीच उत्तर-दक्षिण लिंक का हिस्सा थी।
प्रमुख पर्यटन स्थल
पातालपानी झरना।
टंट्या भील मामा का मंदिर।
बैली व्यू पॉइंट।
रेलवे हेरिटेज ब्रिज और ब्यू पॉइंट।
कालाकुंड में चेक डैम और चोरल नदी का दृश्य।
प्राचीन हनुमान जी मंदिर, कालाकुंड।
कालाकुंड के पास पहाड़ी पर ट्रैकिंग स्थल।
पातालपानी रेलवे स्टेशन, जो 1874-1878 के बीच डॉ. आंबेडकर नगर से खंडवा के मीटर गेज खंड पर बना थाजो डॉ. आंबेडकर नगर स्टेशन से लगभग 5 किमी दूर है। 2008 में, इस खंड को ब्रॉड गेज में बदलने की मंजूरी मिली, जिसके बाद रेलवे प्रशासन ने पातालपानी से कालाकुंड के मीटर गेज खंड को हेरिटेज सेक्शन के रूप में संरक्षित करने का निर्णय लिया। इस अनूठी पहल के माध्यकम से पश्चिम रेलवे के रतलाम मंडल ने अपने नाम एक और उपलब्धि जोड़ ली है।
वर्ष 2025 में हेरिटेज ट्रेन
इस वर्ष 26 जुलाई, 2025 से पातालपानी कालाकुंड हेरिटेज खंड पर पुनः हेरिटेज ट्रेन दौड़ रही है। ट्रेन संख्याफ 2965 पातालपानी कालाकुंड हेरिटेज ट्रेन 11.05 बजे पातालपानी से चलकर 13.05 बजे कालाकुंड पहुँचती है तथा वापसी में ट्रेन संख्या 2966 कालाकुंड पातालपानी हेरिटेज ट्रेन कालाकुंड से 15.34 बजे चलकर 16.30 बजे पातालपानी पहुँचती है। इस ट्रेन में दो एसी चेयर कार C1 व C2 एवं तीन नॉन एसी चेयर कार D1, D2 व D3 रहेंगे।
इस हेरिटेज ट्रेन में आने-जाने के लिए अलग-अलग टिकट लेना होगा। इस ट्रेन के एक दिशा के लिए एसी चेयर कार का किराया रु 270/- एवं नॉन एसी चेयर कार का किराया रू 20/- प्रति टिकट प्रति व्य्क्ति है।
रतलाम- खंडवा खंड का गेज परिवर्तन
2008 में केंद्र सरकार ने रतलाम डॉ. आंबेडकर नगर खंडवा मीटर गेज लाइन को ब्रॉड गेज में बदलने की मंजूरी दी। रतलाम में पातालपानी तक का कार्य पूरा हो चुका है। पातालपानी-ओंकारेश्वजर रोड खंड का कार्य अंतिम चरण में है और पातालपानी कालाकुंड सेक्शन इसी खंड का हिस्सा है।
पातालपानी- कालाकुंड खंड की विशेषताएं
कुल लंबाई 9.5 किमी ।
कुल 4 सुरंगें (लंबाई लगभग 0.5 किमी) और 24 तीव्र मोड़ हैं।
कुल वक्र मार्ग की लंबाई 6.5 किमी है।
औसत डाल 1:55 है, जिसमें एक 5 किमी लंबा खंड 1:40 की सबसे तीव्र ढाल पर है।
इस खंड में 4 अनिवार्य तकनीकी स्टॉप हैं।
कुल 41 पुल हैं, जिनमें 6 बड़े पुल और 35 छोटे पुल शामिल हैं।
हेरिटेज सेक्शन की विशेषताएं
प्राकृतिक सौंदर्य जैसे झरने, चोरल घाटी आदि।
वनस्पति और जीव-जंतु।
फिल्म शूटिंग और फोटोग्राफी के लिए उपयुक्त स्थल।
ट्रैकिंग और कैंपिंग के स्थान।
आदिवासी संस्कृति और स्थानीय विरासत।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि।
इंजीनियरिंग की उत्कृष्ट मिसालें (पुल, सुरंगें आदि)।
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Reported By Mamta Chaturvedi