Uttarkashi Rescue Update: सीएम धामी ने राहत को बनाया मिशन, जनता के साथ हर कदम पर धामी
राहत, भरोसा और नेतृत्व… एक साथ
सुबह होते ही शुरू राहत की उड़ान, सीएम धामी की निगरानी में आपदा प्रबंधन की पूरी मशीनरी चौबीसों घंटे सक्रिय है।
धराली और पौड़ी गढ़वाल के आपदा प्रभावित क्षेत्रों में प्रभावितों को बंधाया ढांढस
मुख्यमंत्री धामी को अपने बीच देख आपदा प्रभावितों के भी हुए हौसले बुलंद
Uttarkashi Rescue Update
धराली (उत्तरकाशी) से लेकर पौड़ी गढ़वाल तक जहां भी आपदा ने संकट खड़ा किया, वहां मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सबसे पहले पहुंचे। राहत और बचाव कार्यों को युद्ध स्तर पर संचालित करने के साथ-साथ वे स्वयं ग्राउंड ज़ीरो पर डटे हुए हैं। पिछले 2 दिन से धामी ग्राउंड जीरो पर हैं। पल-पल की जानकारी ले रहे हैं और हर स्तर पर व्यवस्थाओं की मॉनिटरिंग कर रहे हैं और व्यवस्थाओं का निरीक्षण कर रहे हैं। उनकी निगरानी में आपदा प्रबंधन की पूरी मशीनरी चौबीसों घंटे सक्रिय है।

मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में प्रतिदिन सूरज निकलने से पहले ही रेस्क्यू ऑपरेशन की शुरुआत हो जाती है। सुबह की पहली किरण के साथ हेलीकॉप्टर ऑपरेशन आरंभ हो जाता है। एक हेलीकॉप्टर राहत सामग्री लेकर उड़ता है तो दूसरा घायलों को लेकर वापस लौटता है। आकाश में लगातार हेलीकॉप्टरों की आवाजाही धराली के जीवन रक्षा अभियान की गंभीरता को बयां करती है।

वे खुद अधिकारियों की मीटिंग ले रहे हैं और घायलों और प्रभावितों से भेंट कर उनका हालचाल जान रहे हैं।
उनके नेतृत्व में बचाव कार्यों के लिए अभूतपूर्व संसाधनों को एकत्र किया गया है। ऑपरेशन में भारतीय वायुसेना के 2 चिनूक, 2 एमआई-17, 4 अन्य हेलीकॉप्टर, राज्य सरकार के 8 हेलीकॉप्टर, 1 आर्मी ALH और 2 चीता हेलीकॉप्टर सक्रिय रूप से लगे हैं, जो लगातार प्रभावितों तक राहत पहुंचा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने ग्राउंड से ही पूरे अभियान की मॉनिटरिंग करते हुए निर्देश दिए हैं कि गंभीर घायलों को तत्काल एयरलिफ्ट कर देहरादून या एम्स ऋषिकेश भेजा जाए, और राहत शिविरों में भोजन, पानी, दवाइयों और अन्य आवश्यकताओं की कोई कमी न हो।

जमीनी स्तर पर राजपुताना राइफल्स के 150 जवान, घातक टीम के 12 कमांडो, एनडीआरएफ के 69, एसडीआरएफ के 50 जवान, चार मेडिकल टीमें, 9 फायर टीमें, 130 आईटीबीपी के जवान, और बीआरओ के 15 कर्मियों समेत कुल 479 अधिकारी-कर्मचारी दिन-रात तैनात हैं। इसके अलावा 814 अतिरिक्त जवानों को अन्य क्षेत्रों से सीधे प्रभावित क्षेत्र में तैनात किया गया है।

मुख्यमंत्री धामी के निर्देश पर प्रभावितों के लिए 2000 से अधिक फूड पैकेट्स भेजे जा चुके हैं और ड्राइ राशन हवाई मार्ग से हर्षिल पहुंचाया जा रहा है, जहां से उसे दूरस्थ गांवों तक पहुँचाया जाएगा। अब तक 300 से अधिक लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू किया जा चुका है।

इसके साथ ही बंद सड़कों को खोलने का काम भी युद्ध स्तर पर जारी है। इंटरनेट सेवा बहाल की जा रही है और बिजली, पाइनों की टूटी लाइनों को भी जोड़ा जा रहा है।

पौड़ी गढ़वाल में सीएम धामी ने आपदा से प्रभावित नैठा बाजार, सैंजी गांव और बांकुड़ा क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण किया और माताओं-बहनों से भेंट की। इस दौरान सीएम धामी को देख वे अपने आंसुओं को नहीं रोक सकी। सीएम धामी ने उन्हें भरोसा दिलाया कि बेटे और भाई की तरह हर संकट में उनके साथ खड़े हैं।

धराली में यह रेस्क्यू ऑपरेशन केवल एक प्रशासनिक जिम्मेदारी नहीं, बल्कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में चल रहा उत्तराखंड का मानवीय संकल्प है, जिसमें हर व्यक्ति को बचाने का अथक प्रयास किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री धामी का मैदान में डटे रहना न केवल पूरे प्रशासन को ऊर्जा दे रहा है, बल्कि संकट की इस घड़ी में लोगों को यह विश्वास भी दिला रहा है कि सरकार हर पल उनके साथ खड़ी है।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को पौड़ी जनपद के आपदाग्रस्त क्षेत्र सैंजी का स्थलीय निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने आपदा प्रभावित ग्रामीणों से उनका हालचाल जाना एवं आपदा से हुए नुकसान के बारे में जानकारी ली। उन्होंने प्रभावितों को आश्वस्त किया कि राज्य सरकार हर परिस्थिति में प्रभावितों के साथ खड़ी हैं। उन्होंने जिलाधिकारी को निर्देश दिये कि आपदा प्रभावितों को राहत पहुंचाने में किसी प्रकार की कमी न हो। इससे पूर्व उन्होंने हेलीकाप्टर से थलीसैंण तहसील के बांकुड़ा सहित अन्य आपदा प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वे भी किया।
मुख्यमंत्री ने नौठा में बुराँसी के आपदा प्रभावित और अन्य ग्रामीणों से मुलाक़ात की। इस दौरान उन्होंने बुराँसी के पांच आपदा प्रभावितों को राहत राशि के चेक भी दिये। मुख्यमंत्री ने सैंजी गांव में क्षतिग्रस्त रास्ते से गुजरते हुए आपदा प्रभावित परिवारों के घर जाकर उनसे मुलाकात की तथा आपदा से हुई क्षति का जायजा लिया। इस दौरान प्रभावित परिवारों ने मुख्यमंत्री को अपनी समस्याओं से अवगत कराया और त्वरित गति से राहत कार्य हेतु उनका आभार व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री प्रभावितों के ढाँढस बंधाया और कहा कि आपदा की इस घड़ी में कोई भी खुद को अकेला न समझे, उन्होंने कहा पूरा राज्य पीड़ितों के साथ खड़ा है। उन्होंने जिलाधिकारी को निर्देश दिए कि प्रभावितों के पुनर्वास एवं विस्थापन की कार्यवाही त्वरित गति से की जाय। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि अतिवृष्टि से हुई क्षति का आकलन करवाए जाने के साथ सर्वप्रथम ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जाय। उन्होंने कहा कि राहत केंद्रों में बिजली, पानी, शौचालय, दवाई, राशन की पर्याप्त व्यवस्था की जाय। साथ ही उन्होंने वाडिया इंस्टीट्यूट के माध्यम से सर्वे करने के भी निर्देश दिए।
स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि गांव में स्वास्थ्य विभाग की मोबाइल मेडिकल यूनिट्स तैनात की जाए। ताकि बीमार, वृद्धजनों, गर्भवती महिलाओं, बच्चों तथा विशेष रूप से प्रभावित व्यक्तियों को चिकित्सकीय परामर्श और उपचार समय से मिल सके। उन्होंने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में आवश्यक दवाइयों, प्राथमिक उपचार किट और चिकित्सकीय स्टाफ की उपलब्धता हर समय सुनिश्चित की जाए।
कैबिनेट मंत्री डॉ.धन सिंह रावत ने मा. मुख्यमंत्री का धन्यवाद करते हुए कहा कि पुनर्वास के लिए एक समिति बनाई जाए। उन्होंने यह भी बताया कि जिन लोगों के दुकानों मकानों को क्षति पहुंची है, उनके लिए प्राथमिकता से प्रयास किए जाएं।
जिला प्रशासन की ओर से मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि क्षेत्र में प्रभावित परिवारों की सूची तैयार कर ली गई है और तथा राहत सामग्री और धनराशि वितरित की जा रही है। जिलाधिकारी ने बताया कि हर गांव तक प्रशासन की टीम पहुंच रही है और किसी को भी राहत से वंचित नहीं रहने दिया जाएगा।
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