Khadi India Pavilion: इस बार खादी इंडिया पवेलियन में क्या है खा़स-अध्यक्ष मनोज कुमार से जानें

Khadi India Pavilion

Khadi India Pavilion: पवेलियन में स्थापित ‘बात खादी की’ पॉडकास्ट स्टूडियो IITF में पहली बार पेश की गई अपनी तरह की एक अनूठी पहल है।

  • पवेलियन में स्थापित ‘बात खादी की’ पॉडकास्ट स्टूडियो IITF में पहली बार पेश की गई अपनी तरह की एक अनूठी पहल है।
  • हॉल नंबर-6 में स्थापित ‘खादी इंडिया पवेलियन’ में 150 स्टॉल्स के माध्यम से प्रस्तुत की गई है आत्मनिर्भर भारत अभियान की झलक।
  • अध्यक्ष केवीआईसी ने कहा, “खादी इंडिया पवेलियन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन ‘हर घर स्वदेशी, घर-घर स्वदेशी’‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के अनुरूप तैयार किया गया है।“

Khadi India Pavilion

खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी), सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई), भारत सरकार 14 से 27 नवंबर, 2025 तक नई दिल्ली के प्रगति मैदान स्थित ‘भारत मंडपम’ में आयोजित 44वें भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले (आईआईटीएफ)- 2025 में हिस्सा ले रहा है। आयोग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में वैश्विक ब्रांड बन चुकी, ‘नये भारत की नयी खादी’ के उत्पादों की विस्तृत श्रृंखला हॉल नंबर-6 में प्रदर्शित की है। बुधवार को अध्यक्ष केवीआईसी मनोज कुमार ने खादी इंडिया पवेलियन का औपचारिक दौरा किया और विभिन्न राज्यों से आए खादी कारीगरों, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) से जुड़े उद्यमियों तथा स्फूर्ति क्लस्टर प्रतिनिधियों से विस्तृत बातचीत की और उनके उत्पादों, कार्य-अनुभवों और नवाचारों के बारे में जानकारी प्राप्त की। कारीगरों व उद्यमियों से सीधा संवाद कर उनको भारत सरकार के‘आत्मनिर्भर भारत’ तथा ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान से जुड़ने के लिए प्रेरित किया।

मीडिया से संवाद के दौरान अध्यक्ष केवीआईसी श्री मनोज कुमार ने बताया कि Khadi India Pavilion प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन ‘हर घर स्वदेशी, घर-घर स्वदेशी’‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के अनुरूप तैयार किया गया है। खादी संस्थानों, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) के तहत स्थापित इकाइयों और देश भर से स्फूर्ति क्लस्टर के तहत स्थापित इकाइयों के माध्यम से खादी कारीगरों की भागीदारी के लिए 150 स्टाल्स लगाए गये हैं, जिसमें बेहतरीन दस्तकारी, खादी और ग्रामोद्योग उत्पाद का प्रदर्शन किया गया है। मनोज कुमार ने पवेलियन में स्थापित देशी चरखा, पेटी चरखा, विद्युत चालित कुम्हारी चाक और कच्ची घानी तेल निकालने की प्रक्रिया के सजीव प्रदर्शन (Live Demonstration) का भी अवलोकन किया।   

Khadi India Pavilion

खादी इंडिया पवेलियन का सबसे विशेष आकर्षण इस वर्ष स्थापित किया गया पॉडकास्ट स्टूडियो ‘बात खादी की’ है, जो पूरे आईआईटीएफ में अपनी तरह की पहली और अनूठी पहल है। इस स्टूडियो में कारीगर अपनी यात्रा, संघर्ष, उपलब्धियों और परंपरागत कला की कहानियां स्वयं अपनी आवाज में साझा कर रहे हैं। यह मंच खादी को केवल उत्पाद के रूप में नहीं, बल्कि एक विचार, एक भावना और एक जीवंत परंपरा के रूप में प्रस्तुत करता है। श्री मनोज कुमार ने इस स्टूडियो की प्रशंसा करते हुए कहा कि ‘बात खादी की’ न सिर्फ खादी की असल पहचान को सामने लाने का माध्यम है, बल्कि यह आधुनिक तकनीक और पारंपरिक कला के संगम का उत्कृष्ट उदाहरण भी है। उन्होंने कहा कि यह पहल प्रधानमंत्री जी के विजन के अनुरूप युवाओं को खादी से जोड़ने में बहुत महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

खादी इंडिया पवेलियन में वस्त्र, प्रसाधन सामग्री, ग्रामीण खाद्य-पदार्थ, प्राकृतिक सौंदर्य-उत्पाद, घरेलू हस्तशिल्प, बांस एवं बेंत आधारित सामग्री और पारंपरिक नक्काशीदार कलाकृतियां विशेष रूप से आगंतुकों का ध्यान आकर्षित कर रही हैं। जम्मू-कश्मीर से लाए गए पश्मीना शॉल और कश्मीरी परिधान पवेलियन के प्रमुख आकर्षणों में शामिल हैं। राजस्थान, बिहार और उत्तर प्रदेश के स्वदेशी उत्पादों-जैसे पारंपरिक मिठाइयां, आचार-मुरब्बा, हस्तनिर्मित वस्तुएं और ग्रामीण खाद्य सामग्री ने भी दर्शकों में व्यापक रुचि उत्पन्न की है। दक्षिण भारत की कांचीपुरम सिल्क साड़ियां, आंध्र प्रदेश की लकड़ी की नक्काशी, झारखंड की प्राकृतिक स्किनकेयर श्रृंखला तथा दिल्ली, हरियाणा और पंजाब की खादी एवं हैंडलूम-आधारित फैशन रेंज पवेलियन की विविधता को और समृद्ध बना रही हैं। प्राकृतिक शहद, ऑर्गेनिक हर्बल-टी, आयुर्वेदिक मेकअप और पारंपरिक इत्र जैसे उत्पादों ने खादी और ग्रामोद्योग की आधुनिक उपयोगिता और बढ़ती स्वीकार्यता को प्रभावशाली तरीके से प्रस्तुत किया है।

पूर्वोत्तर राज्यों की भागीदारी भी पवेलियन की एक उल्लेखनीय विशेषता रही, जहां बांस और बेंत से निर्मित पर्यावरण-अनुकूल उत्पादों, जैसे- पानी की बोतल, मंदिर के लैम्प, पेन-स्टैंड, बैग, चटाइयां और अन्य उपयोगी वस्तुओं ने आगंतुकों को विशेष रूप से आकर्षित किया। पवेलियन में कई ऐसे युवा और अनुभवी उद्यमी भी उपस्थित रहे, जिनकी इकाइयां PMEGP के माध्यम से स्थापित हुईं और जिन्होंने अब लाखों से करोड़ों रुपये तक का वार्षिक टर्नओवर हासिल किया है। अध्यक्ष केवीआईसी ने बताया कि यह उपलब्धि खादी और ग्रामोद्योग आयोग की नीतियों की प्रभावशीलता, ग्रामीण उद्यमिता के सतत विकास और स्वावलंबन की दिशा में किए जा रहे निर्णायक प्रयासों का सशक्त प्रमाण है।

इस वीडियो को जरुर देखे:- Khandi India Pavilion में क्या है खास चेयरमैन Manoj Kumar ने खुद बताया

अध्यक्ष मनोज कुमार ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पिछले 11 वर्षों में खादी सबसे विश्वसनीय ब्रांड बन चुका है, जिसकी झलक खादी इंडिया पवेलियन में प्रदर्शित उत्पादों में स्पष्ट दिख रही है। उनके दूरदर्शी नेतृत्व में ‘हर घर स्वदेशी, घर-घर स्वदेशी’ और ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ को नई दिशा मिली है। उन्होंने बताया कि खादी इंडिया पवेलियन में लगे 150 स्टालों पर भारतवर्ष के अलग-अलग क्षेत्रों के कारीगरों द्वारा निर्मित उत्पादों द्वारा भारत की समृद्ध विरासत, शिल्प कौशल और हस्त कला को प्रदर्शित किया जा रहा है। करीब 40 प्रतिशत से अधिक स्टॉल ‘खादी’ निर्माण से जुड़ी संस्थाओं को आवंटित हैं, शेष स्टॉल में ग्रामोद्योग, पीएमईजीपी और स्फूर्ति की इकाइयों के उत्पादों को प्रदर्शित किया गया है।

उन्होंने आगे बताया कि Khadi India Pavilion का उद्देश्य देश के कुशल कारीगरों द्वारा निर्मित उत्पादों को प्रदर्शित करना और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘यहां स्वदेशी उत्पाद मिलता है’ पहल को बढ़ावा देना है। इस मंडप में देश के कारीगरों को अपनी कला की प्रस्तुति के लिए केंद्रीय मंच उपलब्ध कराया गया है। उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ‘खादी क्रांति’ ने पिछले 11 वर्षों में खादी और ग्रामोद्योग के कारोबार को 1 लाख 70 हजार करोड़ रुपये के पार पहुंचा दिया है, जबकि इस दौरान करीब 2 करोड़ लोगों को रोजगार मिला है। केवीआईसी अध्यक्ष कुमार ने ट्रेड फेयर में आने वाले सभी आगंतुकों से अपील की कि वो स्वदेशी उत्पाद खरीदें ताकि ग्रामीण क्षेत्र में केवीआईसी से जुड़े लाखों कारीगरों को आजीविका के अवसर मिलें और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त किया जा सके।  

इसे भी पढे़:-Uttarakhand News: मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने की बडी बैठक