Save Aravali Movement: क्या है अरावली की नई परिभाषा जिसको लेकर हो रहा है बवाल

save aravali movement (1)

Save Aravali Movement: अरावली को लेकर उदयपुर से लेकर गुरुग्राम तक विरोध प्रदर्शन देखने को मिल रहा है ।आपको बता दे सोशल मीडिया पर से अरावली आंदोलन ट्रेंड भी कर रहा है । दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने अरावली को पर्वत को लेकर स्वीकार की गई एक पर्यावरण मंत्रालय की याचिका के बाद आम लोग और पर्यावरण प्रेमियों में काफी नाराजगी देखने को मिली है। कई पर्यावरण संरक्षकों की तरफ से इसको लेकर विरोध प्रदर्शन भी किया जा रहा है।

Save Aravali Movement

आपको बता दे कि पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने गुरुग्राम में शनिवार को राजस्थान और उदयपुर की अरावली पहाड़ियों की ऊंचाई के आधार पर की गई नई परिभाषा पर अपनी नाराजगी व्यक्त की है। Save Aravali Movement उनका कहना है कि अरावली देश की सबसे पुरानी माउंटेन रेंज है नए बदलाव से इस रेंज पारिस्थितिकी संतुलन को लेकर बड़ा खतरा हो सकता है गुरुग्राम में पर्यावरण कार्यकर्ता स्थानीय लोगों समेत मंत्री राव नरवीर सिंह के घर पर इकट्ठा हुए इस फैसले पर उन्होंने शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन भी किया। प्रदर्शनकारियों के हाथों में बैनर और तख्तियां थी जिस पर लिखा हुआ था अरावली बचाओ भविष्य बचाओ अरावली नहीं तो जीवन नहीं, जैसे नारे भी गुजरे थे। आपको बता दे की राजस्थान के उदयपुर में वकीलों ने भी इसका विरोध जताया।

क्या है अरावली की नई परिभाषा (Save Aravali Movement)

सुप्रीम कोर्ट में खनन को रोकने के मकसद से अरावली की पहाड़ियों की परिभाषा पर केंद्र सरकार की पर्यावरण मंत्रालय ने एक पैनल की सिफारिश को मान लिया, जिसमें परिभाषा दी गई है कि कोई भी जमीन का हिस्सा जो स्थानीय ऊंचाई से 100 मीटर या उससे ज्यादा ऊंचाई पर है उसे उसकी ढलानों और आसपास की जमीनों के साथ अरावली का हिस्सा माना जाए यानि की 100 मीटर से ऊंची की जमीन को नहीं माना जाएगा।

Save Aravali Movement

इस बात का भी उल्लेख नहीं किया है कि नहीं परिभाषा के मुताबिक 90 फ़ीसदी से ज्यादा अरावली पहाड़ियों को अरावली नहीं माना जाएगा यानी कि अरावली का 90 फीसदी हिस्सा तो 100 मीटर से कम की ऊंचाई में है ऐसा हो सकता है कि परिभाषा के बाद संभावित रूप से खनन और निर्माण के लिए जगह खोल दिया जाए ऐसा करना असल में गंभीर पर्यावरण नतीजे का शिकार भी हो सकता है इसमें नेशनल कैपिटल रीजन में हवा की क्वालिटी भी शामिल है

आपको बता द फॉरेस्ट सर्वे आफ इंडिया के मुताबिक अरावली पहाड़ियां राजस्थान के 15 जिलों में फैली है यहां पर 12081 मीटर एरिया एरिया 20 मीटर या उससे ज्यादा ऊंचा है इसमें से 1048 यानी कि सिर्फ 8.7% ही 100 मी या उससे अधिक ऊंचाई पर है 20 मीटर ऊंचाई की सीमा पहाड़ी के हवा रोकने वाले बैरियर के रूप में काम करने के लिए अत्यंत आवश्यक है।

इसे भी पढ़ें:-Sapne Me Aag Dekhna: सपने में आग देखना का मतलब क्या होता है