नई दिल्ली। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने भारत में हाइड्रोजन आधारित उन्नत ईंधन सेल इलेक्ट्रिक वाहन (FCEV) के लिए पायलट परियोजना का 16 मार्च को उद्घाटन किया था। हाइड्रोजन ईंधन को शून्य कार्बन उत्सर्जन प्राप्त करने में ऑटो सेक्टर के भविष्य के रूप में देखा जाता है।

ऊर्जा रणनीति का प्रमुख तत्व और निम्न-कार्बन ऊर्जा मार्गों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की उम्मीद है।टोयोटा किर्लोस्कर मोटर इंटरनेशनल सेंटर फॉर ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी (आईसीएटी) के साथ मिलकर दुनिया के सबसे उन्नत फ्यूल सेल इलेक्ट्रिक व्हीकल (एफसीईवी) टोयोटा मिराई का अध्ययन और मूल्यांकन करने के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट का संचालन कर रहा है, जो भारतीय सड़कों और जलवायु परिस्थितियों में हाइड्रोजन पर चलता है।

जापानी वाहन निर्माताओं की हाइड्रोजन ईंधन आधारित सेडान टोयोटा मिराई का इस्तेमाल पायलट प्रोजेक्ट के लिए किया जाएगा। प्रधानमंत्री पहले ही 15 अगस्त 2021 को हाइड्रोजन नीति की घोषणा कर चुके हैं। हाइड्रोजन कार MIRAI, पहले-जेन मॉडल की तुलना में बढ़ी हुई रेंज और प्रदर्शन के लिए एक बेहतर ईंधन सेल स्टैक का उपयोग करती है। हाइड्रोजन फ्यूल सेल सैलून 172 एचपी का पीक पावर आउटपुट और 300 एनएम का अधिकतम टॉर्क समेटे हुए है। यह 600 किमी . की ड्राइविंग रेंज प्रदान करता है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस सेडान को केवल 5 मिनट में हाइड्रोजन से भरा जा सकता है।