Basant Panchmi 2025: हिन्दू धर्म में बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती को पीले लड्डू का भोग लगाने का विशेष महत्व है. लेकिन इस दिन पीले ही लड्डू का भोग ही क्यो लगता है ये अक्सर सबके मन में सवाल आता होगा। आइए चलिए जानते हैं
Basant Panchmi 2025
यह परंपरा सदियों से चली आ रही है और इसके पीछें कई धार्मिक और सांस्कृतिक कारण हैं। पीला रंग मां सरस्वती का प्रिय रंग माना जाता है। यह ज्ञान, बुद्धि और सृजनशीलता का प्रतीक है। इसलिए पीले रंग के लड्डू मां सरस्वती को प्रसन्न करने के लिए अर्पित किए जाते हैं। लड्डू गोल और पूर्ण होते हैं, जो ज्ञान और बुद्धि का प्रतीक माने जाते हैं। मां सरस्वती को लड्डू का भोग लगाकर यह माना जाता है कि वे अपने भक्तों को ज्ञान और बुद्धि प्रदान करेंगी। ऐसी मान्यता है कि मिठाई का भोग लगाने से देवता प्रसन्न होते हैं। पीले रंग के लड्डू मीठे भी होते हैं और मां सरस्वती को प्रसन्न करने में मदद करते हैं। पीला रंग सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है। पीले लड्डू का भोग लगाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यह एक पुरानी परंपरा है जो पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही है।
बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा विधि-विधान से की जाती है. इस दिन लोग पीले वस्त्र धारण करते हैं और मां सरस्वती की मूर्ति या चित्र को पीले फूलों से सजाते हैं. मां सरस्वती को पीले रंग के भोग जैसे कि केसर चावल, बेसन के लड्डू आदि चढ़ाए जाते हैं.
बसंत पंचमी पर क्या करें?
- बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की विधि-विधान से पूजा करें.
- पीला रंग मां सरस्वती का प्रिय रंग है इसलिए मां सरस्वती को पीले रंग के भोग लगाएं.
- बच्चों को पहली बार कलम चलाने के लिए प्रेरित करें.
- संगीत और कला से जुड़ी गतिविधियों में भाग लें.
बसंत पंचमी पर क्या नहीं करें?
- बसंत पंचमी के दिन मन में नकारात्मक विचार न लाएं.
- किसी से झगड़ा न करें और न ही झूठ बोलें.
- अशुद्ध भोजन का सेवन न करें.
बसंत पंचमी की खास है ये परंपरा
बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती को पीले लड्डू का भोग लगाना एक धार्मिक परंपरा है. यह मां सरस्वती को प्रसन्न करने और उनके आशीर्वाद प्राप्त करने का एक तरीका है. बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा के साथ-साथ विद्या की देवी के रूप में भी पूजा की जाती है. इस दिन बच्चे पहली बार लिखना सीखते हैं. बसंत पंचमी का त्योहार भारत के कई हिस्सों में मनाया जाता है. बसंत पंचमी का त्योहार भारतीय संस्कृति में बहुत महत्वपूर्ण है. यह हमें ज्ञान, बुद्धि और सृजनशीलता के महत्व को याद दिलाता है. इस दिन हम मां सरस्वती की पूजा करके अपने जीवन में सकारात्मक ऊर्जा ला सकते हैं.
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