Congress Questions: Jane Street जैसे algo trader को भारत में हज़ारों करोड़ों का निवेश लाने के लिए अनुमति किसने दी? -सुप्रिया श्रीनेट

Congress Questions: इसी शृंखला में सबसे आगे SEBI है, वही SEBI जिसके काले कारनामे जगजाहिर हैं, और जो बजाय छोटे निवेशकों को बचाने के अंधाधुंध गोरख धंधे पर आँखें मूँदे रहा

Congress Questions

👉 आज की बात Jane Street की है, जो algorithm के ज़रिए भारतीय शेयर बाज़ार को मनिप्युलेट करता रहा, और Futures and options बाज़ार में हज़ारों करोड़ रुपयों की अवैध मुनाफ़ाख़ोरी करता रहा. इससे आम निवेशकों का भारी नुक़सान हुआ और हमारा रेग्युलेटर SEBI मूक दर्शक बना रहा

👉 इसी Future and Options Market में छोटे निवेशकों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए नेता विपक्ष राहुल गांधी जी के बार बार सरकार और SEBI को आगाह किया. लेकिन उनकी चेतावनी को नजरंदाज किया गया और आज उसका नतीजा सबके सामने हैं

👉 कई वर्षों तक घोटाले के उजागर होने के बाद, आखिरकार 3 जुलाई, 2025 को SEBI ने Jane Street कैपिटल और इसके चार सहयोगियों को भारत में ट्रेडिंग करने से रोकने वाला 105 पेज का अंतरिम आदेश पारित किया. ₹4,844 करोड़ को फ्रीज कर दिया – जो कथित तौर पर अवैध मुनाफा था – यह SEBI द्वारा अब तक का सबसे बड़ा जब्ती आदेश है. पर यह केवल जनवरी 2023 से मार्च 2025 की अवधि के बीच 18 ट्रेडिंग दिनों का विश्लेषण करके किया गया है

👉 यह ₹4,844 करोड़ की जब्ती Jane Street द्वारा भारत में डेरिवेटिव्स/F&O ट्रेडिंग से जनवरी 2023 से मार्च 2025 के बीच कमाए गए कुल ₹43,289 करोड़ ($5.1 बिलियन) मुनाफे का केवल एक हिस्सा है. इसके पहले और बाद में जो कमाई हुई, उस पर अभी तक कोई चर्चा नहीं हुई है

▪️तो बात शुरू होती है दिसम्बर 2020 से, जब Jane Street नाम की एक सटोरिया अमेरिकन कम्पनी ने भारत में अपना जाल फैलाना शुरू किया

▪️यह कम्पनी दुनिया भर के कई देशों में Derivatives यानि Future & Options मार्केट में सट्टा लगाने के लिए मशहूर है

▪️इन्होंने भारत आकर 2 कम्पनियाँ बनाईं- JSI Investments Pvt Ltd and JSI2 Investments Pvt Ltd, इसके अलावा हॉंगकॉंग और सिंगापुर की 2 FPIs यानि Foreign Portfolio Investors भी भारत के शेयर बाज़ार में घुसाए और शुरू किया सट्टे का खेल

▪️मात्र जनवरी 2023 से लेकर मार्च 2025 तक ही Jane Street ने 43,289 करोड़ रुपए का धंधा किया जिसमें से 7,687 करोड़ का नुक़सान था और विशुद्ध 35,602 करोड़ रुपए का मुनाफा – जो SEBI के मुताबिक़ अब सालों बाद अवैध बताया जा रहा है

◼️◼️तो ये क्या करते थे?

▪️सबसे पहले तो यह Direct Equity market और Futures and Options market में एक साथ ऑपरेट करते थे

▪️यह शेयर मार्केट में स्टॉक की क़ीमत निर्धारित करते थे, जिसको स्टॉक मैनीपुलेशन कहा जाता है

▪️यह असल में marking close करते थे, मतलब मार्केट बंद होते समय यह निर्धारित करते थे कि स्टॉक प्राइस कितने पर बंद होगा – जो दुनिया भर और भारत में भी पूरी तरह से ग़ैरक़ानूनी है

▪️और फिर इस स्टॉक प्राइस का फ़ायदा यह Futures and Options market में Put and Call Option के ज़रिए उठाते थे. जहाँ यह ज़बरदस्त अवैध मुनाफा कमाते थे और छोटे निवेशकों का करोड़ों का नुक़सान होता था

▪️जैसे Future & Options के ज़रिए, यह अभूतपूर्व मात्रा में Bank NIFTY के index stocks (जैसे HDFC Bank, ICICI Bank, Axis Bank) और Futures की बड़ी मात्रा में खरीद फरोख्त करते थे और फिर शेयर बाज़ार को बढ़ाते गिराते थे

▪️जानकारी के लिए Put Option शेयर के भविष्य में दाम नीचे गिरने पर होता है और Call Option शेयर के भविष्य में ऊपर जाने पर सट्टा लगाया जाता है

▪️Futures and Options मार्केट में हर कांट्रैक्ट को एक बेचने वाला और एक ख़रीदने वाला होता है. हर कांट्रैक्ट में जहाँ Jane Street हेरफेर कर रहा था वहाँ दूसरी पार्टी का नुक़सान हो रहा था

▪️मसलन, 17 जनवरी, 2024 को, Jane Street ने इसी खेल के ज़रिए एक दिन में ₹735 करोड़ का मुनाफा कमाया

▪️आसान भाषा में समझें तो बहुत बड़ी संख्या में शेयर की खरीद फरोख्त कर के मार्केट नीचे या ऊपर लाते थे, और put और call option के माध्यम से अवैध मुनाफ़ा कमाते थे. मारा जाता था हमारा छोटा यानि आम निवेशक

▪️अनुमान है कि फ़्यूचर मार्केट में 93% आम/छोटे निवेशकों को नुक़सान हुआ और औसतन हर निवेशक को 1.25 लाख रुपए का घाटा हुआ

▪️यह सटोरिये अंधाधुंध मुनाफा कमाते रहे और SEBI कुंभकर्ण की नींद सोया रहा. जबकि यह सब इतने खुलेआम और इतने बड़े पैमाने पर हो रहा था कि कोई साधारण इंसान भी दूर से देख सकता था

▪️लेकिन सुविख्यात माधबी पूरी बुच जी का ज़माना तो इसीलिए याद रखा जाएगा कि उन्होंने अपने साथ पूरे सिस्टम की आँखों पर पट्टियाँ बांध रखी थी, या ये कहिए कि इन सबकी सरगना ही वही थीं

▪️वास्तव में, 2024 में Jane Street ने अमेरिकी अदालत में स्वीकार किया कि उसने 2023 में भारतीय में “अनियमितताओं” का फायदा उठाकर 1 बिलियन डॉलर कमाए. 2024 तक यह राशि बढ़कर 2.3 बिलियन डॉलर हो गई, जो दुनिया भर में उसकी कुल कमाई का 11.2% थी

▪️लेकिन SEBI ने इस जानकारी पर कोई कार्रवाई नहीं की. अंततः फरवरी 2025 में ही SEBI ने Jane Street को एक हल्की चेतावनी, एक सावधानी पत्र जारी किया, जिसमें इसके संदिग्ध व्यापारिक पैटर्न के खिलाफ चेतावनी दी गई. लेकिन फर्म ने मई 2025 तक अपने हेरफेर वाले व्यापार जारी रखे

▪️कमाल तो यह है कि NSE ने अप्रैल 2025 में अपनी जांच बंद कर दी

▪️इस सटोरिये ने लगभग 90% मुनाफा तो हिंदुस्तान से निकाल कर अपने देश भेज ही दिया और अब SEBI हाथी की पूंछ पकड़ कर ख़ुश है

🔺लेकिन एक बार फिर कटघरे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी बड़ी-बड़ी बातें, वित्त मंत्रालय और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, SEBI, NSE और वो पूरा तंत्र है जो देश को घटिया क़िस्म के हो-हल्ले में फँसा कर रखता है और देश के आम लोगों की जेबों, उनकी बचत और उनके निवेश पर दिन-दहाड़े डाका पड़ने देता है

🔺असलियत यह है कि साढ़े चार साल तक एक algo trader को भारत के मार्केट और छोटे निवेशकों को रौंदने दिया गया और अब जब सब लुट चुका है तब सरकार और SEBI सिर्फ खानापूर्ति के लिए हरकत में आ रही है.

🔺जो Derivatives का market सेकेंडों पर चलता है उसके बारे में कार्यवाही करने के लिए SEBI की नींद साढ़े 4 साल बाद खुली है

🔺चाहे वो अदानी का महाघोटाला हो या प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के स्टॉक मार्केट गुरु बनने की बारी – हर बार छोटे निवेशकों का ही भारी नुक़सान हुआ है. और आज भी जब ये algo trader market में छोटे निवेशकों का पैसा तबाह कर रहा है तब साढ़े 4 साल बाद SEBI दिखावा करने के लिए जागी है

◼️◼️आज तो सवाल यह है

  1. Jane Street जैसे algo trader को भारत में हज़ारों करोड़ों का निवेश लाने के लिए अनुमति किसने दी?
  2. यहाँ से अवैध मुनाफ़ा अपने देश वापस ले जाने के लिए इस कंपनी को किस अथॉरिटी ने अनुमति दी? क्या Jane Street को वित्त मंत्रालय ने, स्टॉक एक्सचेंज ने, SEBI ने यह अनुमति दी?
  3. Jane Street किसकी निगरानी और किसके अप्रूवल से यह सब करता रहा?
  4. क्या यह सच नहीं है कि Jane Street ने इतनी बड़ी मात्रा में पैसा हिंदुस्तान से निकाल कर बाहर भेजा जिससे कि FII नंबर गड़बड़ा गए, और उसके बाद ही सरकार और SEBI हरकत में आए ना कि छोटे निवेशकों को बचाने के लिए?
  5. आखिर 4.5 साल में Jane Street ने कितना पैसा बाहर भेजा?
  6. SEBI ने अब स्वीकार किया है कि Jane Street ने हजारों करोड़ रुपये का भारतीय बाजारों में हेरफेर किया—तो SEBI क्या कर रही थी?
  7. फ़रवरी की मीठी सी फटकार के बाद भी SEBI को 5 महीने क्यों लग गए Jane Street पर एक्शन लेने से?
  8. सारी चेतावनियों को जानबूझकर क्यों नजरअंदाज किया गया? अगर फरवरी 2024 तक बाजार विशेषज्ञ इस हेरफेर की बात कर रहे थे, तो SEBI और मोदी सरकार किसका इंतजार कर रही थी—क्या वे छोटे निवेशकों के ठगे जाने का इंतजार कर रहे थे?
  9. जब Jane Street ने 2023 में अमेरिकी अदालत में स्वीकार किया कि उसने भारत के डेरिवेटिव बाजार से 1 बिलियन डॉलर कमाए, तो SEBI के लिए यह खतरे की घंटी क्यों नहीं बजी?
  10. अन्य सरकारी एजेंसियां जैसे ED, CBI, INCOME TAX, SFIO इस दौरान क्या कर रही थीं?
  11. क्या पीएम मोदी और गृह मंत्री शाह को इस बारे में पता था और क्या यही कारण था कि वे चुनाव प्रचार के दौरान बाजारों के बढ़ने की भविष्यवाणी कर रहे थे और लोगों को मार्केट में पैसा लगाने की टिप्स दे रहे थे?
  12. Jane Street धड़ाधड़ अवैध मुनाफे को अपने देश भेज रही थी, जो कि FII डेटा से स्पष्ट है, उसने कितना पैसा यहाँ से निकाला और इसे रोकने के लिए कुछ क्यों नहीं किया गया?
  13. अब जब SEBI को स्वीकार करना पड़ा है कि यह पैसा अवैध था, तो भारतीय बाजारों से निकाले गए अवैध मुनाफे को वापस लाने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं?
  14. इस पूरे हेरफेर और घोटाले के दौरान एक नाम मधाबी पुरी बुच, पहले पूर्णकालिक निदेशक के रूप में और फिर SEBI प्रमुख के रूप में रहा —यह आपको क्या बताता है? कि कोई घोटाला हुआ, उन्होंने आंखों पर पट्टी बाँधे रहने का काम किया
  15. अब पीएम और गृह मंत्री, जो खुद को स्टॉक मार्केट गुरु कहते हैं, चुप क्यों हैं—जब छोटे निवेशकों के लाखों करोड़ों रुपए एक एल्गो ट्रेडर ने फूंक कर ख़ुद अवैध मुनाफा कमाया, तो अब यह चुप्पी बरदाश्त नहीं की जाएगी?

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