Ek Ishwar App: निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद महाराज ने एक ईश्वर ऐप की शुरुआत

Ek Ishwar App: निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद महाराज द्वारा “एक ईश्वर” ऐप का भव्य शुभारंभ किया गया यह एक अद्वितीय पहल है, जो आस्था और तकनीक को जोड़कर भक्तों को आध्यात्मिक सेवाओं से निकट लाएगी।

Ek Ishwar App

देश में कौन-कौन से मंदिर है किन मंदिरों में किन भगवान की पूजा होती है पूजा कैसे होती है मंदिर के पंडित जी से कैसे मिल सकते हैं मंदिर तक कैसे पहुंचा जा सकता है अगर मंदिर तक नहीं पहुंच सकते है तो मंदिर में कैसे पूजा वर्चुएल पूजा कर सकते हैं इन सारी जानकारी को लेकर और मन से मंदिर तक की भावना के साथ एक ईश्वर ऐप को आज दक्षिण काली मंदिर परिसर में निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलसानंद गिरी महाराज ने लॉन्च किया है एक ईश्वर ऐप को बनाने के पीछे मकसद भक्ति को और करीब, व्यक्तिगत और पहले से आसन बनाना है और इसके लिए इस ऐप में वर्चुअल पूजा और दर्शन बुकिंग ,फिजिकल पूजा और दर्शन बुकिंग, भक्ति संगीत, हेलो नंदी और ई शॉप के माध्यम से पूजन सामग्री मूर्तियां पुस्तक भी उपलब्ध हो सकेंगी, इस अवसर पर युवा उद्यमी संस्थापक समृद्धि बजाज और रश्मि बजाज समेत बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे ।

सिद्धपीठ दक्षिण काली मंदिर में कैलाशानंद महाराज ने मंगलवार को ‘एक ईश्वर’ ऐप का शुभारंभ किया। इस अनोखी पहल का उद्देश्य श्रद्धालुओं को घर बैठे दर्शन और वर्चुअल आरती का अनुभव देना है ताकि दूर बैठे भक्त भी आसानी से आस्था से जुड़ सकें। स्वामी कैलसानंद गिरि महाराज ने बताया कि इस ऐप के माध्यम से प्रसाद और पूजा सामग्री भी सीधे घर-घर तक पहुंचाई जाएगी। सबसे खास बात यह है कि सभी सामग्री शुद्धता और पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ तैयार की जाएगी। ‘एक ईश्वर’ ऐप को आस्था और तकनीक का संगम माना जा रहा है, जो करोड़ों श्रद्धालुओं को आधुनिक दौर में भी आध्यात्मिक सेवाओं से जोड़ेगा।

कैलाशानंद महाराज ने बताया कि हमारे परिवार के सदस्‍य हैं- अमित बजाज, रश्मि बजाज और समृद्धि बजाज। अमित बजाज बड़े उद्योगपति हैं और उद्योगपतियों के साथ कार्यरत हैं। उनकी बेटी समृद्धि ने ‘ईश्‍वर ऐप’ को बनाया है। उन्होंने डेढ़ साल पहले मुझसे इस ऐप के बारे में चर्चा की थी। मेरी सहमति के बाद ऐप पर काम शुरू किया। दुनिया की सबसे बड़ी पूजा महादेव और मां दुर्गा की है। ये सब पूजन इस ऐप के जरिए मुफ्त में देखे जा सकते हैं। इस पूजा में वर्चुअली भाग लिया जा सकता है। उन्‍होंने जानकारी देते हुए कहा कि अपने माता-पिता की प्रेरणा से इस ऐप को समृद्धि ने बनाया, जिसका उद्घाटन मंगलवार को हुआ। कुछ ही समय में यह ऐप हर सनातन के घर तक पहुंचेगा। इस ऐप को बनाने का भाव पैसा कमाना नहीं है। इसमें छोटा और बड़ा दो किट बनाया गया है। किट में पूजन की सारी सामग्री है। उन्‍होंने आगे कहा कि घर पर बैठकर हर देवी-देवताओं का दर्शन और पूजन हर वर्ग के लोगों के लिए सुलभ हो जाएगा। मैं नवरात्रि में 107 डिग्री तापमान में हवन करूंगा। इस आयोजन को ऐप के माध्‍यम से देखा जा सकता है। इस ऐप के जरिए सनातन की हर परंपरा के दर्शन होंगे। कैलाशानंद महाराज ने बताया कि फिजिकल और वर्चुअल पूजा में केवल अंतर शरीर मात्र का होता है। फिजिकल पूजा में शारीरिक रूप से शामिल होते हैं, जबकि वर्चुअल पूजा में ऐसा संभव नहीं है। इसलिए मन से पूजन का बड़ा महत्‍व है। शास्‍त्रों में कहा गया है कि किसी चीज की आवश्‍यकता नहीं, केवल आंखें बंद कर ध्यान कर श्‍लोक और मंत्र का उच्‍चारण करें, पूरी पूजा संपन्‍न हो जाती है।

ऐप की खासियत:

फिजिकल दर्शन की बुकिंग
वर्चुअल आरती में सहभागिता
प्रसाद और पूजा सामग्री मंगवाने की सुविधा
गंगाजल प्राप्त करने का विकल्प
और भी बहुत कुछ – सब कुछ आपके मोबाइल पर!

समृद्धि बजाज अब तक 12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन कर चुकी ,धार्मिक मान्यताओं से जुड़े परिवार की बेटी का सपना आज साकार हुआ है उनका कहना है कि यह ऐप फ्री होगा देश विदेश में रहने वाले लोग भी पूरे विधि विधान से पूजा अर्चना कर सकेंगे , इस ऐप के माध्यम से देश के सभी मंदिरों का इतिहास जान सकेंगे।यह ऐप करोड़ों श्रद्धालुओं को डिजिटल युग में भी श्रद्धा से जुड़े रहने और सभी आध्यात्मिक सेवाएं ऑनलाइन प्राप्त करने का माध्यम बनेगा।

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