Haryana Assembly Election: हरियाणा के किसान,जवान और पहलवान, कांग्रेस के हाथ में देंगे हरियाणा की कमान ?

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Haryana Assembly Election: हरियाणा में 5 अक्टूबर 2024 को विधानसभा की 90 सीटों पर मतदान होगा इस चुनाव की तारीख नजदीक आते ही हरियाणा में राजनीतिक सरकार में काफी तेज हो गई है।

Haryana Assembly Election

इस बार कांग्रेस और भाजपा के बीच कड़ा मुकाबला होने की संभावना है। एक तरफ कांग्रेस अपने 10 साल के राजनीतिक वनवास को खत्म करने की तैयारी में है तो वहीं दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी पिछले एक दशक में असंतोष और विरोध का सामना कर रही है। इस विधानसभा चुनाव में कांग्रेस बीजेपी के अलावा इंडियन नेशनल लोकदल बहुजन समाज पार्टी गठबंधन जननायक जनता पार्टी आजाद समाज पार्टी गठबंधन और आम आदमी पार्टी ने भी 90 सीटों पर अपने उम्मीदवारों को खड़ा किया है। इतना ही नहीं इस बार गोपाल कांडा की हरियाणा लोकहित जैसी पार्टियों भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार है ऐसे में सवाल उठता है कि क्या हरियाणा में कांग्रेस का हाथ बदलते हालात की दिशा में कुछ कर पाएगा या छोटे दल और स्वतंत्र उम्मीदवार किंग मेकर की भूमिका निभाएंगे।

चलिए जानते हैं कांग्रेस के हरियाणा में स्थिति कैसी है

कांग्रेस जो पिछले 10 सालों से सत्ता से बाहर है अपने हालिया आम चुनाव प्रदर्शन के बाद काफी उत्साहित है पार्टी ने कई जगहों पर अपनी ताकत को मजबूत करने का प्रयास किया है कई नए चेहरे भी चुनावी मैदान में है कांग्रेस ने नेताओं का मानना है कि बीजेपी की सरकार ने किसानों खिलाड़ियों और युवा वर्ग को काफी नाराज किया है और यही उनकी वापसी का मुख्य कारण बन सकता है इसके अलावा कांग्रेस पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में युवाओं किसानों के मुद्दे को जोड़ दिया है ताकि इन वर्गों को लुभाया जा सके उनके लिए यह एक बड़ी परीक्षा है क्योंकि अगर वे फिर से सरकार बनाने में सफल होते हैं तो उनके पुनर्जागरण का प्रतीक होगा।

चलिए बात करते हैं भारतीय जनता पार्टी

की जो पिछले 10 सालों से कई मुद्दों का सामना कर रही है किसानों के विरोध खिलाड़ियों की मांगे और अग्निवीर जैसे मुद्दों ने पार्टी की छवि को काफी क्षति पहुंचाई है पार्टी को उम्मीद है कि छोटे दल और स्वतंत्र उम्मीदवारों के आने से कांग्रेस की ताकत कम हो सकती है भाजपा का तर्क है कि पिछले चुनाव में उनकी सरकार ने विकास और सुशासन के मुद्दे पर काम किया है हालांकि पार्टी को अब अपने कामकाज की वजह से बढ़ते असंतोष का सामना करना पड़ रहा है।

हरियाणा में कई छोटे दल और स्वतंत्र उम्मीदवार चुनावी मैदान में है जो किंग मेकर की भूमिका निभा सकते हैं जैसे इनहेलो बसपा गठबंधन जेपी आजाद समाज पार्टी और आम आदमी पार्टी ने भी अपने कई उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतारा है यह डालना केवल कांग्रेस बीजेपी के वोट बैंक को प्रभावित कर सकते हैं बल्कि खुद भी कुछ सीटे जीतने की उम्मीद कर सकते हैं

इनेलो बसपा गठबंधन

जेपी आजाद समाज पार्टी
आम आदमी पार्टी

कांग्रेस को खतरा कांग्रेस पार्टी को कई मूंछों पर खतरा है भाजपा के अलावा छोटे दल स्वतंत्र उम्मीदवारों की भर्ती संख्या उनके लिए चिंता का कारण है। भाजपा कांग्रेस का मुख्य प्रतिद्वंद्वी भाजपा ने कई क्षेत्रीय मुद्दों पर काम किया और ग्रामीण क्षेत्रों में उसकी पकड़ काफी मजबूत है इन्हें को बसपा या गठबंधन जाट और दलित समुदायों को अपनी ओर आकर्षित कर सकता है जिससे कांग्रेस पार्टी को नुकसान हो सकता है इसके अलावा जेपी आजाद समाज पार्टी यह दल जाटों और युवा दलितों के बीच अपनी पहचान बनाने का प्रयास कर रहे हैं जो कांग्रेस के लिए मुश्किलें खड़ा कर सकता है।

जानकार मानते हैं कि हरियाणा के चुनाव परिणाम कई कारकों पर निर्भर करेगा अगर कांग्रेस सही तरीके से अपनी रणनीति बनाती है अपने मुद्दे पर ध्यान केंद्रित करती है तो उसे अच्छी संभावना नहीं मिल सकती है लेकिन छोटे दल स्वतंत्र उम्मीदवार किंग मेकर की भूमिका में बनकर उभरते हैं तो हरियाणा में एक बार फिर से बिखरा हुआ जनादेश देखने को मिल सकता है।

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