Jagdeep Dhankhar Resignation: जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कर्म का हवाला देते हुए उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया है ।इस मामले में उन्होंने राष्ट्रपति द्रोपति मुर्मू को पत्र भेज दिया है। उनका इस्तीफा ऐसे समय में आया जब संसद का मानसून सत्र शुरू हुआ है। संसद सत्र का पहला ही दिन था उपराष्ट्रपति ही राज्यसभा के सभापति होते हैं। अब उनके इस्तीफा के बाद चलिए जानते हैं कि देश में उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव की प्रक्रिया क्या होती है।
Jagdeep Dhankhar Resignation
उपराष्ट्रपति के चुनाव में लोकसभा और राज्यसभा के सांसद वोट करते हैं संसद के उच्च सदन यानी कि राज्यसभा के मनोनीत सदस्य भी इसमें हिस्सा लेते हैं।
उपराष्ट्रपति के लिए योग्यता
भारत का नागरिक हो
उम्र कम से कम 35 साल हो
राज्यसभा का सदस्य चुने जाने की योग्यता हो
उम्मीदवार को 15000 के जमानत राशि जमा करनी होती है
1/ 6 वोट न मिलने पर जमानत राशि जप्त हो जाती है
मतदाता
लोकसभा के 543 राज्यसभा के 245= 778 सांसद
राज्यसभा के 245 में 12 मनोनीत सदस्य भी शामिल होते हैं।
चुनाव की प्रक्रिया
चुनाव आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली से होता है । वोटिंग में सिंगल ट्रांसफरेबल वोट सिस्टम अपनाया जाता है। हर सांसद एक वोट देता है। हालांकि प्राथमिकता के आधार पर उम्मीदवारों को 1,2,3 के क्रम में दिखाता है मतलब है कि ए,बी,सी ,तीन उम्मीदवार है तो एक वोटर बैलेट पर एक के सामने ए ,बी के सामने दो और सी के सामने तीन लिख सकता है।

इस तरह से उपराष्ट्रपति का चुनाव संसद के दोनों सदनों के सदस्यों से मिलकर बने एक निर्वाचक मंडल द्वारा आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के मुताबिक एकल संक्रमणीय मत द्वारा किया जाता है। ऐसे चुनाव में मतदान गुप्त होता है। उपराष्ट्रपति के पद पर किसी व्यक्ति का चुनाव करने वाले निर्वाचक मंडल में संसद के दोनों सदनों के सभी सदस्य शामिल होते हैं।
उपराष्ट्रपति संसद के किसी भी सदन या फिर राज्य के विधान मंडल के किसी सदन का सदस्य नहीं होता है। अगर संसद के किसी भी सदन या किसी राज्य के विधान मंडल के किसी सदन का कोई सदस्य उपराष्ट्रपति के रूप में निर्वाचित होता है तो यह माना जाएगा किसने उपराष्ट्रपति के रूप में अपना पद ग्रहण करने की तिथि से उसे सदन में अपना स्थान रिक्त कर दिया है।
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