Jammu Kashmir Assembly Election: जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 की समाप्ति के बाद जल्द विधानसभा चुनाव होने है और बीजेपी मिशन कश्मीर की तैयारी में लग गई है । सूत्रों के मुताबिक़ बीजेपी विधानसभा चुनाव में किसी से गठबंधन तो नहीं करेगी लेकिन रणनीतिक साझेदारी के तहत वो घाटी में चुनाव मैदान में उतरेगी ।
Jammu Kashmir Assembly Election
बीजेपी जम्मू कश्मीर के विधानसभा चुनाव को लेकर गंभीर हो गई है । परिसीमन के बाद अब राज्य में चुनाव होने के आसार बने हैं । ऐसे में बीजेपी के तरफ़ से चुनावी रणन्निति अमित शाह तैयार कर रहे हैं ।
हाल में ही अमित शाह और जेपी नड्डा ने राज्य में पार्टी का काम दे रहे टीम 7 के नेताओं के साथ बैठक भी की और राज्य की स्थिति और चुनाव की तैयारी की समीक्षा और रणनीति बैठक की । इस बैठक में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष , रवींद्र रैना , संगठन महासचिव अशोक कौल , प्रदेश के तीन महामंत्री , जितेंद्र सिंह , जुगल किशोर शर्मा और चुनाव प्रभारी जी किशन रेड्डी शामिल हुए थे ।
सूत्रों के मुताबिक़ पार्टी जम्मू कश्मीर के सभी सीटों पर चुनाव चर्चा लड़ने के बजाय अपना ध्यान जम्मू क्षेत्र के सभी सीट पर अपना ध्यान केंद्रित करेगी । परिसीमन के बाद जम्मू में विधानसभा सीटों की संख्या बढ़ कर 37 से 43 हो गई है वही कश्मीर में सिर्फ़ एक सीट की बढ़ोतरी हुई है और ये संख्या अब 46 से बढ़कर 47 हो गई है ।
सूत्रों की माने तो बीजेपी घाटी में खुद कम सीटों पर लड़ेगी और अधिकांश सीटों पर छोटे दलों से तालमेल करेगी और निर्दलीयों को समर्थन दे सकती है। सूत्रों के मुताबिक़ रफ़ियाबाद , लोलाब ,करनाह, कुपवाड़ा,सोपोर,उरी,बारामूला ,गुलबर्ग, गुरेज़ जैसे दर्जन भर सीटो पर उम्मीदवार उतार सकती है ।
इस बार का चुनाव इसलिए भी अहम है कि यह न सिर्फ राज्य में अनुच्छेद 370 की समाप्ति केबाद पहला विधानसभा चुनाव है, बल्कि पार्टी के लिए प्रतिष्ठा का चुनाव भी है । लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने अपना उम्मीदवार घाटी में नहीं उतारा था लेकिन परोक्ष तौर पर राशिद इंजीनियरिंग को समर्थन दिया था और राशिद बारामूला सीट जीतने में कामयाब रहे ।
अनुच्छेद 370 की समाप्ति के बाद बीजेपी के लिए यहां का चुनाव काफी प्रतिष्ठा का है। आतंकवाद में कमी और बदले माहौल में बीजेपी को काफी उम्मीदें है।
आम चुनाव में मतदाताओं की भागीदारी को देखते हुए राज्य में चुनाव को लेकर खासा उत्साह है। आम चुनाव के नतीजे भी चौंकाने वाले रहे हैं। राज्य के दो श्रेत्रीय दलों के बड़े नेता पूर्व सीएम एवं पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती और नेशनल कांफ्रेंस के नेता एवं पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला को हार का सामना करना पड़ा।
बीजेपी ने 2014 के पिछले विधानसभा चुनाव में पीडीपी के साथ मिलकर सरकार बनाई थी । तब 87 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा को जम्मू क्षेत्र में 25 सीटों पर बड़ी जीत मिली थी जबकि पीडीपी ने घाटी में28 सीटों पर जीत दर्ज की थी। बाद में यह गठबंधन टूट गया था। 2019 के बाद हालात बदल गए हैं। जम्मू- कश्मीर का विभाजन हुआ और लद्दाख जम्मू-कश्मीर दो केंद्र शासित प्रदेश बने।
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