Indian Railway & NTPC: फ्लाई ऐश प्रबंधन में नई दिशा: रेल मंत्रालय और एनटीपीसी ने राष्ट्रीय सम्मेलन से बढ़ाया सहयोग

Indian Railway & NTPC: विशेषज्ञों और नीतिनिर्माताओं ने साझा किए विचार, फ्लाई ऐश के सुरक्षित और सतत उपयोग का रोडमैप तैयार

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भारतीय रेल मंत्रालय और एनटीपीसी ने पावर मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट, नोएडा में फ्लाई ऐश उपयोग और परिवहन पर राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में फ्लाई ऐश उत्पादकों, उपयोगकर्ताओं, परिवहनकर्ताओं और नीतिनिर्माताओं ने एक साथ आकर भारत में फ्लाई ऐश के सतत प्रबंधन की रणनीतियों पर विचार-विमर्श किया।

इस आयोजन में विशिष्ट अतिथियों के रूप में में श्री घनश्याम प्रसाद, अध्यक्ष, केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए), विद्युत मंत्रालय; श्री हितेन्द्र मल्होत्रा, सदस्य (संचालन एवं व्यवसाय विकास), रेल मंत्रालय; श्री गुरदीप सिंह, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, एनटीपीसी; तथा श्री पियूष सिंह, अतिरिक्त सचिव, विद्युत मंत्रालय शामिल रहे। इस कार्यक्रम का आयोजन और प्रचार-प्रसार रेल मंत्रालय के अतिरिक्त सदस्य (मार्केटिंग एवं व्यवसाय विकास) डॉ. मनोज सिंह के नेतृत्व में किया गया।

वित्तीय वर्ष 2024–25 में देश में कुल 340.11 मिलियन टन फ्लाई ऐश का उत्पादन हुआ, जिसमें से 332.63 मिलियन टन का सफलतापूर्वक उपयोग किया गया। भारतीय रेल न केवल एक हरित और टिकाऊ परिवहन साधन उपलब्ध कराती है, बल्कि आकर्षक माल भाड़ा रियायतों के माध्यम से इसे किफायती विकल्प भी बनाती है। इस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर विस्तार की संभावनाओं के साथ, भारतीय रेल इस राष्ट्रीय मिशन में और भी बड़ी भूमिका निभाने के लिए तैयार है।

सरकारी नीतियों के परिप्रेक्ष्य में यह सम्मेलन और भी महत्वपूर्ण रहा, क्योंकि ये नीतियां सीमेंट निर्माण, सड़क निर्माण, माइनस बैक फिलिंग, ईंटों और अन्य निर्माण सामग्रियों में फ्लाई ऐश के उपयोग को अनिवार्य और प्रोत्साहित करती हैं। ये पहल भारत की परिपत्र अर्थव्यवस्था, लागत दक्षता और पर्यावरणीय स्थिरता के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं।

फ्लाई ऐश, जो ताप विद्युत उत्पादन का एक प्रमुख उप-उत्पाद है, चुनौती और अवसर दोनों प्रस्तुत करता है। जहाँ इसके सुरक्षित और सतत निपटान की आवश्यकता है, वहीं यह बुनियादी ढांचे और औद्योगिक क्षेत्रों के लिए एक मूल्यवान संसाधन बनने की भी अपार क्षमता रखता है। रेल मंत्रालय, एनटीपीसी और अन्य भागीदारों के सहयोग से फ्लाई ऐश के बड़े पैमाने पर परिवहन और उपयोग हेतु नवीन समाधान विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

यह सम्मेलन साझेदारी बढ़ाने, विचारों का आदान-प्रदान करने और देशभर में फ्लाई ऐश के सतत उपयोग के लिए एक रोडमैप तैयार करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ। उम्मीद है कि इस विचार-विमर्श से स्वच्छ, हरित और संसाधन-कुशल विकास हेतु ठोस रणनीतियाँ सामने आएंगी।

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