Paris AI Action Summit: क्या है पेरिस AI समिट का एजेंडा, पीएम मोदी और इमैनुएल मैक्रों करेंगे अध्यक्षता

Paris AI Action Summit

Paris AI Action Summit: पेरिस में होने जा रहे आर्टिफिशिएल इंटेलिजेंस एक्शन समिट में पीएम मोदी हिस्सा लेंगे। इस साल का सम्मेलन 10-11 फरवरी को होने वाला है। इसमें एआई को विकसित करने लागू करने व इसे निगमित करने पर चर्चा होगी।

Paris AI Action Summit

दुनिया एआई यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जादुई कारनामों से प्रभावित भी है और इसके साथ जुड़े रिस्क का डर भी है हर देश एआई से होने वाले लाभों का फायदा उठाना चाहता है लेकिन इसके खतरों से कैसे निपटा जाए ये चिंता भी सबको है इसी के मद्देनजर फ्रांस की राजधानी पैरिस में एक एआई एक्शन समिट का आयोजन होने जा रहा है भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस समिट में शामिल होने पेरिस जा रहे हैं भारत इस समिट की सह अध्यक्षता भी करेगा इससे पहले साल 2023 और 2024 में दो एआई सेफ्टी सम सिट्स आयोजित की जा चुकी हैं 2023 में यह समिट ब्रिटेन में आयोजित हुई थी

वहीं 2024 में यह आयोजन दक्षिण कोरिया के सिओल में हुआ 2025 में पेरिस में आयोजित हो रहे इस सम्मेलन के मुद्दों में वैश्विक एआई शासन नवाचार और व्यापक सार्वजनिक हित के सेवा के तरीके शामिल हैं पेरिस समिट में एआई मार्केट में हो रहे पावर कंसंट्रेशन जैसे मुद्दों को भी जगह दी गई है दरअसल एआई के फाउंडेशन मॉडल्स पर कुछ कंपनीज का मालिकाना हक है

चीन की आईटी कंपनी डीपसीक ने जिस तरह से पूरी दुनिया को चौंकाया है, उससे अगले महीने पेरिस में होने वाली आर्टिफिशिएल इंटेलिजेंस एक्शन समिट की अहमियत बढ़ गई है। इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी हिस्सा लेंगे और राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ सम्मेलन की अध्यक्षता भी करेंगे। माना जा रहा है कि मोदी आर्टिफिशिएल इंटेलीजेंस (एआई) के नियमन को लेकर भारत की चिंताओं को एक बार फिर सामने रखेंगे।

डीपसीक ने बदला गेम

जानकारों का कहना है कि एआई के खतरे और इससे जुड़ी नैतिकता पर अमेरिका व पश्चिमी देशों की तरफ से उठाए जाने वाले सवालों को लेकर चीन की एआई कंपनियां अभी तक खास तवज्जो नहीं देती थीं, लेकिन डीपसीक की लॉन्चिंग ने पूरा परिदृश्य बदल दिया है।

ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि अगर पेरिस में सभी सदस्य देशों के बीच एआई के नियमन को लेकर एक सर्वमान्य अंतरराष्ट्रीय समझौता करने की सहमति बनती है, तो चीन उस पर कैसा रुख अख्तियार करता है।

एआई पर होगा तीसरा सम्मेलन


एआई पर एक वैश्विक गवर्नेंस व्यवस्था बनाने को लेकर यह तीसरा सम्मेलन है। मई, 2024 में दूसरा सम्मेलन दक्षिण कोरिया की राजधानी सोल में हुआ था, जिसमें भारत ने भी हिस्सा लिया था।
तब बैठक में एआई को लेकर एक गवर्नेंस व्यवस्था बनाने पर अंतरराष्ट्रीय समझौता हुआ था, जिसमें भारत ने भी हस्ताक्षर किए थे। सभी देशों ने एआई को ज्यादा से ज्यादा सुरक्षित और मानवता के लिए सहायक बनाने पर जोर दिया था।

पीएम रखेंगे भारत का रुख

इस साल का सम्मेलन 10-11 फरवरी को होने वाला है, जिसे एआई को विकसित करने, लागू करने व इसे निगमित करने को लेकर अभी तक का सबसे महत्वपूर्ण सम्मेलन बताया जा रहा है। मोदी की तरफ से इस मुद्दे पर भारत का रुख रखा जाएगा।

माना जा रहा है कि पूर्व की तरह इस बार भी पीएम मोदी निकट भविष्य में प्रौद्योगिकी क्षेत्र में कुछ गिनी चुनी कंपनियों के वर्चस्व का मुद्दा उठाएंगे और इस बारे में वैश्विक रोडमैप बनाने पर जोर देंगे।

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