बाराबंकी की सदर विधानसभा में आजादी के बाद से भाजपा का नहीं खुला खाता,लोग अब अर्पणा यादव को यहां से प्रत्याशी बनाए जाने की कर रहे मांग

बाराबंकी, यूपी। उत्तर प्रदेश में चुनावी दंगल शुरू हो चुका है। विधानसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियों के संभावित प्रत्याशी और कार्यकर्ता लोगों के घर-घर जाकर अपने पक्ष में वोट करने की अपील करने लगे हैं। वहीं बाराबंकी की सदर विधानसभा का राजनीतिक समीकरण अपने आप में दिलचस्प है। यहां पर जब से देश आजाद हुआ है तब से बीजेपी का अभी तक खाता तक नहीं खुला है। इस बार भारतीय जनता पार्टी से इस सदर सीट पर अर्पणा यादव को प्रत्याशी बनाए जाने की मांग उठ रही है। अर्पणा यादव हाल ही में समाजवादी पार्टी से भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुई है। बाराबंकी की इस सदर विधानसभा सीट पर पिछड़ा और अल्पसंख्यक जाति के मतदाताओं की संख्या ज्यादा है। 2012 विधानसभा चुनाव में इस सीट पर बसपा में राज्य मंत्री रहे संग्राम सिंह वर्मा को हराकर समाजवादी पार्टी से सुरेश यादव ने कब्जा जमाया था। जिसके बाद 2017 विधानसभा चुनाव में बीजेपी लहर के बावजूद सपा से सुरेश यादव ने बीजेपी प्रत्याशी हरगोविंद सिंह को हरा कर दोबारा विधायक बने और सदर सीट पर सपा का कब्जा रहा। अब इस 2022 के विधानसभा चुनाव में लोग भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुई अर्पणा यादव को यहां से प्रत्याशी बनाए जाने की मांग कर रहे हैं।

उत्तर प्रदेश में होने वाला विधानसभा चुनाव नजदीक है। सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी इस बार भी तीन सौ से अधिक सीटों पर जीत कर दोबारा पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने का दावा कर रही है। लेकिन सूबे में कई ऐसी सीटें हैं जहां खास नेताओं या किसी खास पार्टी का दबदबा रहा है। बाराबंकी जिले की सदर विधानसभा सीट भी ऐसी ही है। इस सदर विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के सदस्य अपनी दावेदारी मजबूत करने में लगे हुए हैं और अपने लिए वोट की अपील लोगों से घर-घर जाकर कर रहें हैं। वही इस सीट से अब लोग अर्पणा यादव को प्रत्याशी बनाए जाने की मांग कर रहे हैं।

समाजवादी पार्टी संरक्षक मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव हाल ही में बीजेपी में शामिल हो गई हैं। अर्पणा यादव के बीजेपी में शामिल होने के बाद बाराबंकी जिले के लोग सदर सीट से अर्पणा यादव को प्रत्याशी बनाए जाने की मांग कर रहे हैं। क्योंकि यहां आजादी के बाद से आज तक बीजेपी जीत नही पाई है। 1991 के चुनाव में राम मंदिर अभियान के लहर के बाद भी बीजेपी को बाराबंकी की इस सदर सीट पर जीत नसीब नहीं हुई थी। वहीं 2017 विधानसभा चुनाव के मोदी-योगी लहर में बीजेपी ने जिले की 6 विधानसभा सीट में से 5 विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज की लेकिन उस समय भी बीजेपी इस सदर सीट को जीत नहीं पाई। बाराबंकी की इस सदर विधानसभा सीट पर पिछड़ा और अल्पसंख्यक जाति के मतदाताओं की संख्या ज्यादा है। लोग अब अर्पणा यादव को यहां से प्रत्याशी बनाए जाने की मांग कर रही है।

अर्पणा यादव को इस सदर सीट से प्रत्याशी बनाए जाने को लेकर बीजेपी सांसद उपेंद्र सिंह रावत से बात की गई तो उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं का अपना-अपना नजरिया होता है। अपने अपने विचार होते हैं जो पार्टी को देते हैं। कार्यकर्ताओं के विचार को पार्टी पूरा महत्व देती है उन पर संज्ञान भी लेती है। सांसद ने आगे कहा कि इस बार पार्टी जिले की 6 सीटों को जिताने के प्रयास में है। पार्टी का जो भी निर्णय आएगा वह पार्टी और कार्यकर्ताओं के हित में होगा। बाराबंकी नगर पालिका के पूर्व चेयरमैन और वर्तमान चेयरमैन प्रतिनिधि भाजपा नेता रंजीत बहादुर श्रीवास्तव ने कहा है कि पार्टी की अर्पणा यादव बाराबंकी से क्यों चुनाव लड़े पार्टी की इच्छा हो तो वह बात अलग है। पार्टी इस सदर सीट पर इस बार चुनाव जरूर जीतेगी।

रिपोर्ट-सरफराज वारसी

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