बलरामपुर, यूपी। बलरामपुर में 9,800 करोड़ की लागत से तैयार ‘सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना’ राष्ट्र को समर्पित करते प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अखिलेश यादव पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पहले और अब की सरकारों में फर्क साफ है। पांच साल पहले कि उत्तर प्रदेश की सरकार गुंडा माफियाओं को संरक्षण देती थी और अब योगी जी उनपर बुल्डोजर चलवाते हैं।
इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने भाषण के शुरुआत में कहा कि भगवान बुद्ध की पावन धरा और पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी जी की कर्मस्थली की इस भूमि पर प्रधानमंत्री का स्वागत है। पूर्वी उत्तरप्रदेश आज़ादी के बाद से लगातार उपेक्षित था,कारण यहां की गरीबी पिछड़ापन और यहां के लोगो के मन मे राष्ट्रीयता का भाव था लेकिन उनके ज़ज़्बे को पंख नही मिल पा रहा था। आज़ादी के बाद उन सभी सपनो अब साकार किया जा रहा है, मेडिकल कॉलेज के माध्यम से इंफ्रास्ट्रक्चर को बनाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि चार दिन पहले प्रधानमंत्री जी ने खाद कारखाना और एम्स का लोकार्पण किया है ,एम्स अब गोरखपुर में आ गया। सरयू नहर परियोजना उपेक्षित पड़ी रही,पहले की सरकारें किसी की भी कोई रुचि नही थी, 1978 से शुरू हुई योजना 2017 तक नही पूरी हुई,प्रधानमंत्री ने जब स्वयं इनकी समीक्षा करना शुरू किया तो इसे पूरा करने का सपना साकार हुआ। प्रधानमंत्री जी द्वारा चिन्हित उत्तर प्रदेश की 18 परियोजना में से 17 परियोजना पूरी हो चुकी हैं। एक परियोजना मध्य गंगा परियोजना बची है जिसपर युद्ध स्तर पर कार्य चल रहा है,
पूरा क्षेत्र नेपाल से सटा हुआ है, हमने इसे जोड़ने का कार्य किया,इससे पर्यटन विकास होगा, रोजगार मिलेगा,नौकरी के लिए पलायन नही होगा।
इसके बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत क्षेत्रीय भाषा में करते हुए कहा कि हम ई पावन धरती कै बारंबार प्रणाम करितअ हय…आज हमें आदिशक्ति मां पाटेश्वरी के पावन धरती अउ छोटी काशी कै नाम से विख्यात बलरामपुर कै धरती पा फिर आवे कै मौका मिला। आपसे हमें खूब आशीर्वाद मिला है। क्रांतिकारियों की इस धरती ने देश की स्वतंत्रता में अपना असीम योगदान दिया। अयाेध्या में बन रहे प्रभु श्रीराम के मंदिर की जब जब बात होगी, बलरामपुर रियासत के महाराजा पाटेश्ववरी प्रसाद सिंह का उल्लेख जरूर होगा.
उन्होंने कहा कि चार दिन पहले प्रधानमंत्री जी ने खाद कारखाना और एम्स का लोकार्पण किया है ,एम्स अब गोरखपुर में आ गया। सरयू नहर परियोजना उपेक्षित पड़ी रही,पहले की सरकारें किसी की भी कोई रुचि नही थी, 1978 से शुरू हुई योजना 2017 तक नही पूरी हुई,प्रधानमंत्री ने जब स्वयं इनकी समीक्षा करना शुरू किया तो इसे पूरा करने का सपना साकार हुआ। प्रधानमंत्री जी द्वारा चिन्हित उत्तर प्रदेश की 18 परियोजना में से 17 परियोजना पूरी हो चुकी हैं। एक परियोजना मध्य गंगा परियोजना बची है जिसपर युद्ध स्तर पर कार्य चल रहा है,
पूरा क्षेत्र नेपाल से सटा हुआ है, हमने इसे जोड़ने का कार्य किया,इससे पर्यटन विकास होगा, रोजगार मिलेगा,नौकरी के लिए पलायन नही होगा। भारत के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत का जाना हर भारतीय के लिए अपूर्णीय क्षति है।
एक सैनिक सिर्फ उसी समय तक सैनिक नहीं रहता जब तक वह सेना होता है… बल्कि उसका पूरा जीवन एक योद्धा की तरह होता है। उसकी आन-बान और शान देश की सेवा के लिए होता है…भारत दुख में है लेकिन दर्द सहते हुए भी हम न अपनी गति रोकते हैं न ही हमारी प्रगति… भारत रुकेगा नहीं, भारत थमेगा नहीं. हम भारतीय मिलकर और मेहनत करेंगे, देश के भीतर और बाहर बैठी हर चुनौती का मुकाबला करेंगे…..
यूपी के सपूत देवरिया के रहने वाले ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह जी का जीवन बचाने के लिए डॉक्टर जी-जान लगाए हुए हैं…मैं मां पाटेश्वरी जी से प्रार्थना करता हूं कि उन्हें शीघ्र स्वस्थ करें।
हर किसान के खेत तक पानी पहुंचे यही सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उसका सबूत है सरयू नहर परियोजना का पूरा होना है..
जब सोच ईमानदार होती है तो काम दमदार होता है. हर किसान के खेत तक पानी पहुंचे यही सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उसका सबूत है सरयू नहर परियोजना का पूरा होना है. जब सोच ईमानदार होती है तो काम दमदार होता है। हर किसान के खेत तक पानी पहुंचे यही सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उसका सबूत है सरयू नहर परियोजना का पूरा होना है. जब सोच ईमानदार होती है तो काम दमदार होता है।
इतिहास गवाह है कि अगर किसी प्यासे को प्याला भर पानी पिला दें तो वो इंसान जीवन भर उस इंसान को नहीं भूलता है। आज किसानों के प्यासे खेत जब पानी प्राप्त करेंगे तो हमें भरोसा है कि जीवन भर आपका आशीर्वाद हमें काम करने की प्रेरणा देंगे। अगर कोई व्यक्ति मृत्यु शैया पर पड़ा हो और डॉक्टर उसे ब्लड लाकर चढ़ा देता है तो उसे जीवन मिल जाता है। ऐसे ही आज लाखों किसानों को एक नया जीवन मिलने वाला है। मुझे सबसे ज्यादा पीड़ा तब होती थी, जब देश के संसाधन और धन का दुरुपयोग हो रहा था। ये सोच देश के विकास के लिए सबसे बड़ी रुकावट बनी थी। आज से करीब 50 साल पहले इस नहर परियोजना पर काम शुरू हुआ था. आप सोचिए आज ये परियोजना पूरी हो सकी है।
मुझे तो संदेह है कि अभी कुछ लोग ये न कह दें कि मोदी जी इस योजना का फीता तो हमने काटा था…हो सकता है कि बचपन में उन लोगों ने इसका फीता काटा हो… कुछ लोगों की प्राथमिकता फीता काटना हो सकती है लेकिन हम लोगों की प्राथमिकता योजनाओं को पूरा करना है।पहले के लोगों की लापरवाही की कीमत देश के किसान को 100 गुना ज्यादा चुकाना पड़ी…अगर ये सुविधा पहले मिलती तो किसानों का जीवन बदल गया होता, किसान खुशहाल होता.
रिपोर्टर-अमित कुमार गौतम