Punjab News: “चरमराने की कगार पर है फसल खरीद प्रणाली—मुख्यमंत्री मान कहाँ हैं?” : चुग
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चंडीगढ़: 21 जुलाई 2025
भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री तरुण चुग ने पंजाब में किसानों के हितों की लगातार अनदेखी को लेकर आम आदमी पार्टी सरकार पर तीखा हमला बोला।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार धान खरीद की कोई भी ठोस तैयारी करने में पूरी तरह विफल रही है, जो यह दिखाता है कि पिछले वर्ष की तरह इस बार भी प्रशासनिक बदइंतजामी तय है—जिसका सीधा नुकसान पंजाब के किसानों को भुगतना पड़ेगा।
चुग ने कहा, “पिछले साल राज्य सरकार की गलत सलाहों के कारण किसानों को गलत किस्म का धान बोने के लिए मजबूर किया गया। परिणामस्वरूप बड़ी मात्रा में उपज न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के योग्य नहीं थी और किसानों को बाज़ार में कम दरों पर फसल बेचनी पड़ी—जिससे उन्हें भारी आर्थिक नुकसान हुआ।”
उन्होंने जोड़ा कि इस साल भी मान सरकार ने यही सिलसिला दोहराया। बड़ी-बड़ी घोषणाएँ करके कहा गया कि हाइब्रिड किस्मों और PUSA-44 पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, लेकिन हकीकत यह है कि राज्य में 50% से अधिक क्षेत्रफल में अब भी वही किस्में बोई जा रही हैं। “तो फिर सवाल यह है—क्या ये सिर्फ मीडिया बयान थे, या फिर कोई वास्तविक अमल भी हुआ?”
चुग ने यह भी आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने केंद्र की योजनाओं का दुरुपयोग करते हुए धान और चावल की ढुलाई के ठेके अपने चहेतों को दे रखे हैं। “ट्रांसपोर्ट में देरी होती है, लिफ्टिंग समय पर नहीं होती और चावल मिलर्स को समय पर चावल अन्य राज्यों में भेजने में दिक्कत आती है। इससे पंजाब के कृषि उद्योग को सीधा नुकसान होता है और केंद्र सरकार की पारदर्शी खरीद प्रणाली पर पानी फिरता है।”
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, अपना दायित्व पूरी तरह निभा चुकी है। एमएसपी बढ़ाया गया है, खरीद लक्ष्य तय किए गए हैं, डिजिटल व्यवस्था तैयार है और एफ़्सीआइ ने रिकॉर्ड मात्रा में स्टॉक पहले से ही स्थानांतरित कर दिया है।“अब सवाल यह है कि क्या पंजाब सरकार ज़मीन पर भी उतनी ही तैयारी दिखा पाएगी?” चुग ने पूछा।
उन्होंने बताया कि इस बार पंजाब में 180 लाख मीट्रिक टन से अधिक की रिकॉर्ड धान फसल की उम्मीद है, लेकिन पंजाब सरकार ने अब तक मात्र 40 लाख मीट्रिक टन की भंडारण क्षमता ही तैयार की है। “सालों से चेतावनियाँ दी जा रही हैं, लेकिन मान सरकार ने इस अंतर को पाटने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया।”
चुग ने सवाल किया, “क्या मुख्यमंत्री मान ने भंडारण क्षमता बढ़ाने के लिए कोई प्रयास किया? क्या गेहूं के कवर गोदामों को धान भंडारण के लिए बदला गया? क्या 10–12 लाख मीट्रिक टन की मासिक ढुलाई के लिए कोई योजना तैयार है? या फिर सितंबर में जब खरीद शुरू होगी, तब फिर वही प्रेस कॉन्फ्रेंस और दोषारोपण का खेल चलेगा?”
उन्होंने कहा कि हाल ही में शुरू की गई ‘पीएम धन-धान्य कृषि योजना’ के तहत केंद्र की मोदी सरकार हर साल 24,000 करोड़ रुपयों का निवेश करके देशभर में कृषि अवसंरचना को मज़बूत कर रही है। “पंजाब को भी केंद्र से हर संभव समर्थन मिल रहा है। अब सिर्फ राजनीतिक इच्छाशक्ति और प्रशासनिक अनुशासन की ज़रूरत है, जो मान सरकार में पूरी तरह नदारद है।”
चुग ने कहा कि अब वक्त आ गया है कि मान सरकार केंद्र पर दोष मढ़ने के बजाय अपने काम पर ध्यान दे। उन्होंने मांग की कि राज्य सरकार को तुरंत पारदर्शी, मिलर-हितैषी मिलिंग नीति लागू करनी चाहिए, बीज संबंधी दिशा-निर्देशों को सख्ती से लागू करना चाहिए, और केंद्र से मिले फंड का ईमानदारी से समय पर उपयोग सुनिश्चित करना चाहिए।
“प्रधानमंत्री मोदी की सरकार ने एमएसपी बढ़ाया, खरीद लक्ष्य तय किए, फंड उपलब्ध कराए और डिजिटल प्रणाली लागू की। अब यह मान सरकार की परीक्षा की घड़ी है, क्या वह सिर्फ मीडिया शो और नारेबाज़ी करती रहेगी, या फिर ज़मीन पर प्रशासन चला भी पाएगी,” चुग ने पूछा।
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