Salient Voters: महिला आरक्षण साइलेंट वोट बैंक पर मोदी की नजर बदल वोटिंग पैटर्न पुरुषो से ज्यादा महिलाएं कर रही है वोट

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Salient Voters: महिला आरक्षण (Women Reservation Bill) के बहाने मोदी सरकार देश की आधी आबादी को साधने की कोशिश कर रही है। जिसका 2024 के चुनाव में लाभ भी भाजपा को मिल सकता है। प्रधानमंत्री ने 2019 के लोकसभा चुनाव के जीत का श्रेय साइलेंट वोटर को दिया था।

Salient Voters

Salient Voters: भारतीय सियासत में महिलाओं को मोदी सरकार उनके अधिकार दिलाने की दिशा में एक कदम उठाने जा रही है पिछले 5 दशकों से सांसद और विधान मंडलों में महिला आरक्षण की मांग की जाती रही है। इस दिशा में एचडी देवगौड़ा से लेकर अटल बिहारी वाजपेई और सोनिया गांधी तक ने आधी आबादी को एक तिहाई हिस्सेदारी देने के लिए कदम उठाए। लेकिन उसे मुकाम तक नहीं पहुंचा सके और लंबे इंतजार के बाद महिला आरक्षण का रास्ता अब साफ होता हुआ दिखाई दे रहा है।

दरअसल कोटा में कोटा के चलते ठंडा बस्ती में चला गया । महिला आरक्षण बिल को निकाल कर मोदी सरकार 2024 की लोकसभा चुनाव से पहले उसे अमलीजामा पहनाना चाहती है। मोदी सरकार ने सबसे पहले सोमवार को हुई कैबिनेट की बैठक में महिला आरक्षण को मंजूरी दे दी और बुधवार को संसद में पेश भी कर दिया।

संसद में संसद से महिला आरक्षण बिल को सरकार बहुत ही आसानी से पास कर लेगी क्योंकि लोकसभा और राज्यसभा दोनों ही जगह पर नंबर गेम उसके पक्ष में है। कांग्रेस से लेकर बरस और अकाली दल तक महिला आरक्षण के समर्थन में खड़े हैं।

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महिलाओं का बदला वोटिंग पैटर्न

देश में महिलाओं के वोटिंग पैटर्न में बड़ा बदलाव देखने में आया है महिलाएं पुरुषों से कम से कदम मिलाकर चल रहे हैं। महिलाएं पुरुषों की तुलना में ज्यादा वोटिंग ही नहीं कर रही बल्कि अपने पसंद के उम्मीदवार को वोट कर रही है। महिलाओं को मतदान प्रतिशत भी बढा है। 2019 के लोकसभा चुनाव में पुरुषों के मुकाबले महिलाओं का मतदान एक प्रतिशत से ज्यादा रहा है। पिछले लोकसभा के चुनाव में कुल 67 फीसदी वोटिंग रही। भाजपा को 35 फीसदी तो कांग्रेस पार्टी को तकरीबन 20 प्रतिशत महिलाओं का वोट मिला था।

Women Reservation Bill: महिलाओं के पास मतदान का अधिकार आजादी के बाद से ही रहा है। लेकिन अब वह खुलकर इस अधिकार का इस्तेमाल कर रही है। देश में विकास और चुनावी रिफॉर्म के चलते महिलाओं की वोटिंग परसेंटेज में बढ़ोतरी हुई है। चुनाव आयोग ने पिछले कुछ सालों से महिलाओं को मतदान के लिए प्रेरित करने के लिए तरह-तरह की कोशिश भी कर रहा है। महिलाओं के लिए अलग से पिंक बूथ बनाए जाते हैं। विज्ञापन दिखाए जाते हैं युवा महिला वोटर की भूमिका को बेहद महत्वपूर्ण खासतौर पर जो पहली बार वोट दे रहे हैं।

राजनीति में जाति धर्म उम्र और पैसे के आधार पर मतदान कई तरह के वोट बैंक में बैठे हैं राजनीतिक दल महिलाओं को ही ऐसे ही वोट बैंक के तौर पर देखते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2019 के लोकसभा चुनाव के जीत का श्रेय साइलेंट वोटर को दिया था उन्होंने यह बताया कि यह साइलेंट वाटर कोई और नहीं बल्कि माताएं बहने और महिलाएं हैं।

बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी महिला वोट बैंक को मजबूती से बनाए रखने के लिए शराबबंदी कानून लेकर आए तो ममता बनर्जी के पश्चिम बंगाल में जीत के पीछे महिला वोटर की बड़ी भूमिका मानी जाती है।

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Women Reservation Bill: मोदी सरकार के पिछले 9 साल के कामकाज में महिला केंद्रीय योजनाओं के कारण भाजपा को महिलाओं के बीच मजबूत पकड़ बनाई है। ऐसे में मोदी सरकार आगामी लोकसभा चुनाव में समर्थन का धारा बढ़ाना चाहती है। यही वजह है कि मोदी सरकार ने वर्षों से अधर में लटके महिला आरक्षण बिल्कुल अमलीजामा पहनाने का बीड़ा उठाया है। मोदी सरकार ने यह कदम ऐसे समय उठाया है जब देश में 2024 के चुनाव को लेकर सियासी गर्मी बढ़ी हुई है।

गौरतलब है कि महिला आरक्षण विधेयक को मूर्त रूप देने में अब तक तीन प्रधानमंत्री और कई सरकारी नाकाम रही। 1996 में देवगौड़ा की राष्ट्रीय मोर्चा सरकार ने महिला आरक्षण के लिए कदम उठाया लेकिन कई दलों ने विरोध कर दिया। विधेयक किसी नतीजे पर पहुंचता इससे पहले ही देवगौड़ा की सरकार गिर गई। इसके बाद विधेयक में एससी एसटी ओबीसी की आरक्षण की मांग तेज होने के कारण गुजराल सरकार ने से ठंडा बस्ती में डाल दिया।

अटल बिहारी वाजपेई की सरकार ने उठाया बीड़ा

अटल बिहारी वाजपेई (Atal Bihari Vajpayee) की अगुवाई वाली एनडीए सरकार (NDA Government) ने महिला आरक्षण बिल को हकीकत में बदलने का बीड़ा उठाया लेकिन कई घटक दलों के विरोध के चलते उन्हें भी अपने कदम पीछे खींचने पड़े ।कांग्रेस के अगुवाई में केंद्र में बनी यूपीए सरकार (UPA Government) ने भी कई कोशिश की लेकिन कोटा में कोटा की मांग के चलते उसे कानूनी रूप नहीं दिला पाई। 2010 में महिला आरक्षण बिल जरूर राज्यसभा से पास कर लिया लेकिन लोकसभा में अटक गया।

मोदी सरकार महिला आरक्षण बिल (Women Reservation Bill) को लेकर आई है कैबिनेट से पहले ही मंजूर हो चुका है और आज नई संसद में केंद्रीय कानून राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल (Arjun Ram Meghwal) ने प्रस्ताव भी पेश कर दिया है। मोदी सरकार खुद इस बिल को लेकर पूरी तरह आश्वस्त है क्योंकि कांग्रेस (Congress) पूरी तरह समर्थन में है बीआरएस(BRS Party) भी साथ है। ऐसे में सरकार बहुत ही आसानी से महिला आरक्षण बिल को पास कर लेगी महिला आरक्षण के बहाने मोदी सरकार देश की आधी आबादी (Aadhi Abadi) को साधने की कोशिश में है जिसका लोकसभा चुनाव 2024 में लाभ भारतीय जनता पार्टी (Bhartiya Janta Party) को मिल सकता है।

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