मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को गरीब किसान और आदमी की चिंता नहीं : शेखावत

  • केंद्रीय जलशक्ति मंत्री ने जमकर साधा अशोक गहलोत पर निशाना
  • पानी, बिजली परियोजनाओं को लेकर राज्य सरकार को दिखाया आईना
  • बोले- राज्य को बिना मांगे परवन सिंचाई योजना में 734 करोड़ मंजूर कराए
  • संविधान में जल राज्य सरकार का विषय, इन्हें ही करना है, मैं हर सहयोग को तैयार

बाड़मेर/जोधपुर 3 अप्रैल। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने रविवार को तिलवाड़ा में मल्लीनाथ पशु मेले के मंच से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर जमकर निशाना साधा। शेखावत ने कहा कि मुख्यमंत्री सुशासन और विकास की बातें करते हैं, लेकिन उन्हें गरीब किसान और गरीब आदमी की चिंता नहीं है। केंद्र सरकार के भरपूर बजट देने के बावजूद घरों तक नल कनेक्शन नहीं पहुंचा पा रहे हैं। बिजली कनेक्शन पर उनके झूठ के कारण हजारों गरीब बिजली से वंचित रह गए।

मेले में अपने संबोधन में केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि पिछले दिनों प्रधानमंत्री जी ने सिंचाई प्रोजेक्ट के नए चरण की घोषणा की। मैंने राजस्थान सरकार को परवन सिंचाई योजना को सम्मलित करने के लिए कहा, न तो उनका कोई मंत्री आया, न संतरी। दिल्ली में बैठे राजस्थान के इस बेटे ने बिना राजस्थान सरकार के मांगे 734 करोड़ की परवन सिंचाई परियोजना मंजूर कराई।

शेखावत ने कहा कि राजस्थान सरकार ने वर्ष 2019 में झूठा प्रमाण पत्र दे दिया कि राज्य के हर घर तक बिजली पहुंच गई है, जबकि राज्य में हजारों ढाणियां बिना बिजली के हैं। मैं बिजली मंत्री के पास गया तो उन्होंने प्रमाण पत्र दिखा दिया। मैंने उन्हें बताया कि हमारे मारवाड़ में ही हजारों घर अभी बाकी हैं। राजस्थान सरकार के झूठ का दंश गरीब किसान और गरीब व्यक्ति को न झेलना पड़े, इसलिए प्रधानमंत्री जी से मिला और योजना की तारीख आगे बढ़वाई। मुझे दुख है कि मुख्यमंत्री डेढ़ महीने में टेंडर नहीं कर सके। 1200 करोड़ में एक रुपया भी खर्च नहीं कर सके। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अब भारत सरकार एक नई योजना पर काम कर रही है, जिसमें खंभे तक बिजली पहुंचाने का काम होगा, ताकि जो परिवार बच गए हैं, उन्हें बिजली कनेक्शन मिल सके।

55 साल राज रहा, तब ख्याल नहीं आया
जल परियोजनाओं को लेकर मुख्यमंत्री पर तंज कसते हुए केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि मुख्यमंत्री एक दिन पहले कह रहे थे कि मोदी जी ने पानी पिलाने का कार्यक्रम शुरू कर दिया। पहले हमको ज्यादा पैसा मिलता था, अब कम पैसा मिलता है। शेखावत ने कहा कि मुख्यमंत्री जी 55 साल आपका राज दिल्ली में था। आपको गरीब आदमी के घर में पानी पहुंचाने का ख्याल नहीं आया। अब कह रहे हैं कि हम बहुत तेज गई से काम करेंगे, लेकिन केंद्र सरकार हमारा साथ नहीं दे रही है।

नल से जल के लिए 11 हजार करोड़ और दूंगा
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अशोक जी तीन बार मुख्यमंत्री बन गए। आपके मुख्यमंत्री काल के 11वें साल में जब मोदी जी ने जल जीवन मिशन की घोषणा की, तभी आपको यह राज क्यों याद आया, पहले क्यों नहीं आया? पिछले दो साल में मैंने राजस्थान सरकार को 12,500 करोड़ दिए। मैं दुनिया में कहता हूं कि हमने सवा छह करोड़ नये नल कनेक्शन दे दिए, लेकिन जब राजस्थान का आंकड़ा देखता हूं तो मेरे कलेजे में छूरा लगता है। शेखावत ने बताया कि राजस्थान सरकार अब तक मात्र 3000 करोड़ रुपए खर्च पाई है, जो पैसा दिया, उसे खर्च नहीं कर पा रही है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि नए बजट में मैं फिर 11 हजार करोड़ दूंगा, खर्च करो, क्योंकि पानी राज्य सरकार का विषय है। संविधान में व्यवस्था है कि पानी को लेकर राज्य सरकार को ही काम करना है। मैं हर सहयोग के लिए तैयार हूं।

तब ईआरसीपी क्यों याद नहीं आया
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अशोक जी ईआरसीपी की बात करते हैं, लेकिन दस साल तक इनकी केंद्र में सरकार थी और अशोक जी पांच साल यहां मुख्यमंत्री थे। मैं पूछता हूं कि ईआरसीपी, लूणी उस समय क्यों याद नहीं आई। शेखावत ने कहा कि वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री मोदी ने नदी जोड़ो परियोजना पर पुनः काम को आगे बढ़ाया। देश में 31 लिंक चिह्नित किए हैं। चूंकि, पानी राज्य का विषय है, इसलिए जहां-जहां से नदी निकलती है, वहां की सरकारों में समझौता होता है। शेखावत ने कहा कि माही नदी का सरप्लस पानी लूणी में लाने की बात थी, लेकिन राज्य सरकार ने उसे ठंडे बस्ते में डाल दिया।

मंत्री-संतरी को अशोक जी का डर
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री और मेरे बीच में प्रेम है, आप वर्ष 2019 को जानते हो। वर्ष 2019 के बाद उनके मंत्री और संतरी मेरे कमरे में आने से डरते हैं, आज तक नहीं आए। आज तक राजस्थान के मंत्री ने मुझसे बात नहीं की, उन्हें डर लगता है कि अशोक जी देख लेंगे तो उतार देंगे।

कैलाश जी का भविष्य उज्जवल
स्थानीय सांसद और केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी के लिए शेखावत ने कहा कि वर्ष 2017 में मैं कृषि राज्य मंत्री की कुर्सी पर बैठा था। 2019 में इसी कुर्सी पर कैलाश चौधरी बैठे। 2019 में मेरा प्रमोशन हो गया। अब लगता है कि कैलाश जी का भविष्य उज्जवल है।

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